बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले राजद नीतीश सरकार पर हमलावर है। हाल ही में एक कार्यकर्ता द्वारा राजद कार्यालय और पूर्व सीएम राबड़ी देवी के आवास के बाहर एक पोस्टर लगाया गया है। इस पोस्टर में तेजस्वी यादव घोड़े पर सवार नजर आ रहे हैं। वहीं दूसरी ओर सीएम नीतीश कुमार कछुए पर सवार हैं। पोस्टर की आड़ में राजद ने प्रदेश सरकार पर कटाक्ष किया है।
बिहार की राजनीति में इन दिनों घोड़े और कछुए की चर्चा काफी तेज है। इसकी वजह राजद प्रदेश कार्यालय और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के सरकारी आवास के बाहर लगा एक पोस्टर है। इस पोस्टर में तेजस्वी यादव को दौड़ते हुए घोड़े पर बैठे हुए दिखाया गया है। वहीं, सीएम नीतीश कुमार कछुए की पीठ पर बैठे हुए हैं।
नीतीश सरकार पर कटाक्ष
इसके निहितार्थ भले ही राजनीतिक हो, लेकिन व्यक्तिगत रूप से यह नीतीश कुमार और उनकी सरकार पर कटाक्ष है। इस पोस्टर में राजद नेता तेजस्वी यादव को तुलनात्मक रूप से नीतीश से तेज बताया जा रहा है।
अनजान से एक कार्यकर्ता (ऋषि) द्वारा यह पोस्टर राजद के प्रदेश कार्यालय के साथ पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के सरकारी आवास के बाहर लगाया गया है।
पोस्टर में हाथ में लालटेन लिए तेजस्वी सरपट दौड़ते घोड़े पर सवार दिखाए गए हैं और सामने 2025 के मील का पत्थर प्रदर्शित है।कछुए पर सवार नीतीश की गर्दन से कुर्सी लटक रही और उनका चित्रण तेजस्वी के पीछे है। पोस्टर में लिखा है कि वहीं 17 महीनों वाली तेजतर्रार तेजस्वी सरकार आ रही है।महागठबंधन की 17 महीने वाली सरकार में तेजस्वी उप मुख्यमंत्री हुआ करते थे। उसी दौरान जाति आधारित गणना भी हुई और नौकरियों का पिटारा भी खुला। यद्यपि राजद अब इसका अकेले श्रेय लेने की होड़ में है, लेकिन उस सरकार के मुखिया भी नीतीश ही थे।
नीतीश सरकार को घेरने का प्रयास
नौकरियां अब भी दी जा रहीं और हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से जाति आधारित गणना के आधार पर आरक्षण की बढ़ाई गई सीमा अमान्य हो चुकी है।इसके बावजूद राजद उन मुद्दों के आधार पर सरकार को घेरने का प्रयास कर रहा है। पार्टी कार्यालय के बाहर आए दिन लगाए जाने वाले पोस्टरों में जदयू-भाजपा और नीतीश कुमार-नरेन्द्र मोदी पर गहरा व्यंग्य होता है। अभी लगा पोस्टर उसी की एक कड़ी है।
चुनाव के नजदीक आते ही और बढ़ेगा पोस्टर वार
मुख्यालय में प्रतिदिन उपस्थित रहने वाले पार्टी पदाधिकारियों का कहना है कि ऐसा उपक्रम प्राय: नेतृत्व की नजरों में आने के लिए होता है।हालांकि, राजद के फेसबुक पेज पर भी हू-ब-हू ऐसा ही पोस्टर बता रहा कि इस वर्ष अक्टूबर-नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव के उपक्रम में होने वाले कटाक्ष राजनीतिक मर्यादाओं की सीमा भी लांघ सकते हैं।