Latest News Viral News Business Job
Times News Live - Banner
Times News Live - Banner2
Times News Live Banner3
previous arrow
next arrow

india

“बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती: पीएम मोदी का जनजातीय विरासत को विश्वस्तरीय मान्यता दिलाने का संकल्प, समुदायों के साथ गहरा व्यक्तिगत जुड़ाव”

Published

on

“प्रधानमंत्री मोदी ने विश्व नेताओं को भारतीय आदिवासी संस्कृति का प्रतीक बनी डोकरा कलाकृतियां भेंट कर, भारत की जनजातीय धरोहर को वैश्विक पहचान दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया। जटिल कारीगरी और ऐतिहासिक परंपराओं से संपन्न ये कलाकृतियां ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कुक आइलैंड्स और टोंगा के नेताओं को उपहार स्वरूप दी गईं।”

भारत 15 नवंबर को बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर जनजातीय गौरव दिवस मनाएगा, एक दिन जो न केवल भगवान बिरसा मुंडा की वीरता और योगदान को सम्मानित करता है, बल्कि देशभर के जनजातीय समुदायों की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और उनके अद्वितीय योगदान को भी उजागर करता है, जिन्हें अतीत में अक्सर अनदेखा किया गया। समाज के विभिन्न वर्गों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जनजातीय समुदायों के प्रति रिश्ता अत्यंत व्यक्तिगत और सजीव है। वे न केवल उनकी ऐतिहासिक कहानियों, कलाओं और नायकों को सम्मान देते हैं, बल्कि उनके योगदान को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर प्रमुखता से प्रस्तुत करते हैं। कई दृष्टियों से, पीएम मोदी पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने भारत की जनजातीय संस्कृतियों के साथ इतने करीबी और सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा दिया है।

विश्व नेताओं के उपहारों में जनजातीय कला की झलक
सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने विश्व नेताओं को भारतीय आदिवासी कलाकृतियां भेंट करके आदिवासी संस्कृति को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने का एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। डोकरा कला, जो अपनी जटिल कारीगरी और ऐतिहासिक जड़ों के लिए प्रसिद्ध है, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कुक आइलैंड्स और टोंगा के नेताओं को उपहार स्वरूप दी गई। इसके अतिरिक्त, झारखंड की सोहराई पेंटिंग को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और मध्य प्रदेश की गोंड पेंटिंग को ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा को भेंट किया गया। वहीं, उज्बेकिस्तान और कोमोरोस के नेताओं को महाराष्ट्र की वारली पेंटिंग से सम्मानित किया गया।

75 से अधिक आदिवासी उत्पादों को जीआई टैग
अब तक 75 से अधिक आदिवासी उत्पादों को Geographical Indication (GI) टैग प्राप्त हो चुका है, जो भारतीय जनजातीय शिल्प और कला की अद्वितीयता को सम्मानित करता है। सरकार की ‘वोकल फॉर लोकल’ पहल के तहत पारंपरिक शिल्प को वैश्विक ब्रांड में बदलने का प्रयास किया जा रहा है। 2024 में असम की बांस की टोपी ‘जापी’, ओडिशा की डोंगरिया कोंध शॉल, अरुणाचल प्रदेश के याक के दूध से बने किण्वित उत्पाद ‘याक चुरपी’, ओडिशा के लाल चींटी से बनी ‘सिमिलिपाल काई चटनी’, और बोडो समुदाय का पारंपरिक बुना हुआ कपड़ा ‘बोडो अरोनई’ को यह प्रतिष्ठित दर्जा प्राप्त हुआ है। इसके अतिरिक्त, देशभर में 300 से अधिक जनजातीय विरासत संरक्षण केंद्र भी स्थापित किए गए हैं, जो इन सांस्कृतिक धरोहरों की सुरक्षा और संवर्धन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

आदिवासी कारीगरों को आर्थिक सहारा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में, सरकार ने जनजातीय परिवारों को सशक्त बनाने और उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं। ट्राइफेड द्वारा संचालित ‘ट्राइब्स इंडिया’ के माध्यम से एक लाख से अधिक जनजातीय उत्पादों की बिक्री की सुविधा प्रदान की गई, जिससे 2.18 लाख से अधिक कारीगर परिवारों को आर्थिक रूप से सहारा मिला। इसके अतिरिक्त, प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में, ट्राइफेड अब आदिवासी कारीगरों और उनके उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर प्रमोट कर रहा है, जिससे इन शिल्पकला को वैश्विक पहचान मिल रही है।

सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी झारखंड के उलिहातु में बिरसा मुंडा के जन्मस्थान का दौरा करने वाले पहले प्रधानमंत्री बनेंगे। इस अवसर पर, श्री विजयपुरम स्थित वनवासी कल्याण आश्रम में बिरसा मुंडा की भव्य प्रतिमा स्थापित की जाएगी और इसे गौरव यात्रा के रूप में विभिन्न स्थानों पर ले जाया जाएगा।

आदि महोत्सव: 1,100 कारीगरों को मिला लाभ
2017 में शुरू हुआ आदि महोत्सव आदिवासी उद्यमिता और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने वाला एक महत्वपूर्ण मंच बन चुका है। अब तक 37 कार्यक्रमों के माध्यम से 1,000 से अधिक जनजातीय कारीगरों को अवसर मिला है। इस आयोजन के दौरान जी20 शिखर सम्मेलन में जनजातीय कारीगरों को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली। पेरिस में अराकू कॉफी की पहली ऑर्गेनिक शॉप और छत्तीसगढ़ के महुआ फूल, शॉल, पेंटिंग, लकड़ी के सामान, आभूषण और टोकरियों को अमेरिका में खूब सराहा जा रहा है।

Continue Reading
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

auto-news

Bihar News :  शादी में गिफ्ट को लेकर हुआ बवाल, दुल्हन ने दूल्हे और बारात को दरवाजे से लौटाया

Published

on

एक शादी के दौरान कुछ ऐसी नोकझोंक हुई कि किसी के संभाले, मामला नहीं संभला। दुल्हन ने वर पक्ष के लाए कपड़े को लेकर आपत्ति दर्ज कराई और कुछ लोगों ने साथ दे दिया। इसके बाद वह किसी के समझाने से नहीं मानी।

बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में एक दुल्हन ने अपनी शादी सिर्फ इसलिए तोड़ दी, क्योंकि दूल्हा और उसके परिवार की ओर से उपहार में लाया गया लहंगा दुल्हन को पसंद नहीं आया। कपड़े की गुणवत्ता खराब होने के कारण दुल्हन ने शादी करने से इनकार कर दिया। यह पूरा मामला देवरिया थाना क्षेत्र के बंदी गांव का है। वैशाली जिले के लालगंज से आई एक बारात में उस समय अफरातफरी मच गई, जब बारात के खाने के बाद देर रात दुल्हन ने ड्रेस को नापसंद किया।

लहंगे के फेर में पहले तो दोनों पक्षों के बीच खूब नोकझोंक हुई और अंततः खराब कपड़े के कारण लड़की ने शादी से इंकार कर दिया और शादी तोड़ दी। यही नहीं, इस दौरान दुल्हन के परिवारवालों ने दूल्हा सहित करीब आधे दर्जन बारातियों को बंधक बना लिया। मामले में स्थानीय लोगों द्वारा सुलझाने की कोशिश की गई, लेकिन लड़की वाले मानने को तैयार नहीं थे। सूचना मिलने पर देवरिया थाना की पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों पक्षों को थाने ले गई। काफी मशक्कत के बाद लड़की वालों ने लड़के पक्ष से 40 हजार रुपये लेकर दूल्हा और बारातियों को छोड़ दिया और फिर सभी अपने-अपने घर लौट गए।

दरअसल, वैशाली जिले के लालगंज थाना क्षेत्र के एतवारपुर पकड़ी निवासी हरिहर राम के पुत्र विकास कुमार की शादी मुजफ्फरपुर जिले के देवरिया थाना के बंदी निवासी मोहन राम की पुत्री आशा कुमारी से आठ महीने पहले तय हुई थी। रात को बारात आई थी और सब कुछ ठीक चल रहा था। इसी दौरान जयमाला के बाद दूल्हा मंडप में गया, जहां वर पक्ष द्वारा लाए गए लड़की के लिए लहंगे को देख कर वधू यानी लड़की पक्ष के लोग नाराज हो गए। दोनों पक्षों में विवाद शुरू हो गया। खराब लहंगा देखकर लड़की भड़क गई और दुल्हन ने तुरंत शादी से इंकार कर दिया। पूरे मामले में देवरिया थाना के थानाध्यक्ष रामविनय कुमार ने बताया कि दोनों पक्षों ने शादी करने पर सहमति नहीं जताई। लड़की पक्ष द्वारा बंधक बने दूल्हा और बारातियों को छोड़ दिया गया है। कुछ सामान की खराबी को लेकर विवाद हुआ था, जिसके बाद बारात वापस चली गई।

Continue Reading

auto-news

माननीय मंत्री, सूचना प्रावैधिकी विभाग, बिहार सरकार, मंत्री के रूप में पदभार ग्रहण किया।

Published

on

मैं युवा हु और युवाओं के हित में मेरी प्राथमिकता, आईटी विभाग को एक नई ऊर्जा और दिशा प्रदान करना है। हम सभी मिलकर काम करेंगे ताकि बिहार में रोजगार के असीमित अवसर सृजित हो सके। मेरा विश्वास है कि तकनीकी क्षेत्र में विकास के माध्यम से हम सभी बिहार को प्रगति की नई ऊँचाइयों तक ले जाएंगे।

Continue Reading

auto-news

Bihar News: 50 दिनों में तीसरी बार भूकंप का असर, आधी रात को बिहार में कांपी धरती, लोग घरों से निकले बाहर

Published

on

Earthquake in Bihar: पिछले 50 दिनों में बिहार में तीन बार भूकंप आया है। इससे पहले 17 फरवरी और सात जनवरी को भी झटके महसूस किए गए थे। मौसम विभाग ने कहा कि इस बार भूकंप का केंद्र नेपाल का लिस्टीकोर्ट इलाका था। इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.1 मापी गई।

बिहार के कई जिलों में गुरुवार मध्य रात्रि को भूकंप आया था। किशनगंज, पूर्णिया, अररिया, कटिहार, सहरसा, सुपौल, खगड़िया, बेगूसराय, दरभंगा, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, पटना और सीवान कई इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। बताया जा रहा है कि लोग अपने घर में सो रहे थे। अचानक जमीन में कंपन महसूस हुई। ऊपर देखा तो पंखा भी डोल रहा था। वह फौरन अपने घर से बाहर निकल गए और शोर मचाकर आसपास के लोगों को बाहर निकाला। हालांकि भूकंप के झटके 10 से 12 सेकेंड तक ही महसूस किए गए।

मौसम विभाग की मानें तो भूकंप का केंद्र नेपाल का लिस्टीकोर्ट इलाका था। इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.1 मापी गई। मौसम विभाग ने अलर्ट जारी करते हुए कहा कि कुछ और इस तरह के झटके महसूस किए जा सकते हैं। इसलिए सावधान रहें। हालांकि मध्य रात्रि को आए भूकंप से जान-माल का कोई नुकसान नहीं हुआ है। 

17 फरवरी को भी आया था भूकंप
17 फरवरी को सुबह में बिहार के कई जिलों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। सीवान जिला इसका केंद्र रहा। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, भूकंप का केंद्र सीवान रहा। यहां पर भूकंप की तीव्रता 4.0 मापी गई। इधर, सोमवार सुबह सुबह कंपन महसूस होने के बाद लोग अपने घरों से बाहर निकल गए। हालांकि कहीं से किसी तरह की नुकसान की खबर नहीं मिली थी।

बिहार में इससे पहले सात जनवरी को तीन बार सुबह में एक और शाम में दो बार भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। पटना समेत कई जिलों में लोगों ने यह झटका ज्यादा महसूस किया। सुबह जब कंपन महसूस हुआ तो कई लोग सो ही रहे थे। लेकिन, शाम 5:20 बजे और 5:26 बजे फिर से कंपन हुई तो इसका एहसास सभी को हुआ। इस बार सुबह की तुलना में तीव्रता (3.5) कम थी। लेकिन, लोग फिर से सहम गए और फौरन घर से बाहर आ गये। उस वक्त, तिब्बत के जिजांग इलाके में जमीन के अंदर करीब 10 किमी भूकंप का केंद्र था।

Continue Reading

Trending

unblocked gamesunblocked gamesunblocked gamesunblocked gamesunblocked gamesunblocked gamesunblocked gamesunblocked gamesunblocked gamesunblocked gamesunblocked gamesunblocked gamesunblocked gamesunblocked gamesunblocked gamesunblocked gamesunblocked gamesunblocked gamesunblocked gamesunblocked gamesunblocked gamesunblocked gamesunblocked gamesunblocked gamesunblocked gamesunblocked gamesunblocked gamesunblocked gamesunblocked gamesunblocked gamesunblocked gamesunblocked gamesunblocked gamesunblocked gamesunblocked gamesunblocked gamesunblocked gamesunblocked gamesunblocked gamesunblocked gamesunblocked gamesunblocked gamesunblocked gamesunblocked gamesunblocked gamesunblocked gamesunblocked gamesunblocked gamesunblocked gamesunblocked gamesunblocked gamesunblocked gamesunblocked gamesunblocked gamesunblocked gamesunblocked gamesunblocked gamesunblocked gamesunblocked gamesunblocked gamesunblocked gamesunblocked gamesunblocked gamesunblocked gamesunblocked gamesunblocked gamesunblocked gamesunblocked games
Hacklinkcasibom güncel giriş
Hair Transplant istanbul
da pa kontrolü
marsbahis giriş twitter
Vozol Puff
iqos terea
instagram takipçi
takipçi
antalya escort
ankara escort
bursa escort
izmit escort
viagra
kavbet
bahçelievler nakliyat
istanbul evden eve nakliyat
istanbul bahçelievler evden eve nakliyat
hair transplant
istanbul anlık haberler
jojobet güncel giriş
jojobet
betpark giriş
marsbahis giriş
deneme bonusu
deneme bonusu veren siteler
deneme bonusu veren siteler
grandpashabet
bonus veren siteler
grandpashabet güncel giriş
grandpashabet
grandpashabet
matadorbet