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World Braille Day 2024: कब और कैसे हुई विश्व ब्रेल दिवस की शुरुआत, जानिए ब्रेल लिपि क्या है?

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आइए जानते हैं ब्रेल लिपि के बारे में: इसका आविष्कार कैसे हुआ, लुईस ब्रेल कौन थे, और इस दिन का इतिहास व महत्व।

World Braille Day 2024 :हर साल 4 जनवरी को विश्व ब्रेल दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन वैश्विक स्तर पर दृष्टिबाधितों के लिए बेहद अहम दिन है। इस दिन को लुईस ब्रेल नाम के शख्स के जन्मदिन के मौके पर मनाते हैं। लुईस ब्रेल एक आविष्कारक थे, जिन्होंने ब्रेल लिपि का आविष्कार किया था। ब्रेल लिपि आंखों से देख न पाने वाले लोगों की भाषा है, जिसका उपयोग वे लिखने पढ़ने के लिए करते हैं। 

जन्मजात या किसी अन्य कारण से आंखों का रोशनी खो देने वाले लोगों को समाज के अन्य लोगों के समान स्थान देने और उन्हें शिक्षा व करियर में शारीरिक कमी के कारण वंचित न रहना पड़े, इसी उद्देश्य से लुईस ब्रेल नेे ब्रेल लिपि का आविष्कार किया और दृष्टिबाधितों को आत्मनिर्भर बनने में मदद की। उनके जीवन काल में उन्हें इस योगदान के लिए सम्मान नहीं मिला लेकिन बाद में विश्व ब्रेल दिवस मनाने की शुरुआत की गई और लुईस ब्रेल के जन्मदिन के मौके पर उन्हें याद करते हुए यह दिन समर्पित किया गया। आइए जानते हैं ब्रेल लिपि के बारे में, कैसे इसका आविष्कार हुआ? ब्रेल लिपि के आविष्कारक लुईस ब्रेल कौन थे और इस दिन का इतिहास व महत्व।

कौन थे लुईस ब्रेल?
लुईस ब्रेल का जन्म 4 जनवरी 1809 को फ्रांस के कुप्रे गांव में हुआ था। उनके पिता साइमन रेले ब्रेल, शाही घोड़ों के लिए काठी और जीन बनाने का काम करते थे। परिवार की आर्थिक स्थिति खराब थी, जिससे लुईस को तीन साल की उम्र में पिता के साथ काम पर जाना पड़ा। एक हादसे में उनकी एक आंख की रोशनी चली गई और बाद में दूसरी आंख भी कमजोर हो गई। तंगी के कारण उनका इलाज भी ठीक से नहीं हो पाया, और आठ साल की उम्र में लुईस पूरी तरह से अंधे हो गए।

ब्रेल लिपि का आविष्कार कैसे हुआ?
लुईस ने हार नहीं मानी और नेत्रहीनों के स्कूल में दाखिला लिया। वहां उन्हें सेना की एक कूटलिपि के बारे में पता चला, जो अंधेरे में भी संदेश पढ़ने में मदद करती थी। इस विचार से प्रेरित होकर, लुईस ने नेत्रहीनों के लिए ब्रेल लिपि का आविष्कार किया, जिससे वे भी पढ़ने और लिखने में सक्षम हो सके।

क्या है ब्रेल लिपि ?

आंखों से देख न सकने वालों के लिए ब्रेल लिपि वरदान की तरह है। नेत्रहीनों के लिए ब्रेल लिपि पढ़ने और लिखने का एक स्पर्शनीय कोड है। इसमें विशेष प्रकार के उभरे कागज का इस्तेमाल होता है, जिस पर उभरे हुए बिंदुओं को छूकर पढ़ा जा सकता है। टाइपराइटर की तरह की ही एक मशीन ‘ब्रेलराइटर’ के माध्यम से ब्रेल लिपि को लिखा जा सकता है। इसके अलावा स्टायलस और ब्रेल स्लेट के जरिए भी लिख सकते हैं। ब्रेल में उभरे हुए बिंदुओं को ‘सेल’ कहा जाता है।

विश्व ब्रेल दिवस का इतिहास
संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर में लगभग 39 मिलियन लोग अंधे हैं, जबकि 253 मिलियन लोग दृष्टि संबंधी विकारों से पीड़ित हैं। इस बड़ी संख्या को देखते हुए, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 6 नवंबर 2018 को यह प्रस्ताव पारित किया कि हर साल 4 जनवरी को लुईस ब्रेल के जन्मदिन पर विश्व ब्रेल दिवस मनाया जाएगा, ताकि दृष्टिबाधितों के लिए ब्रेल लिपि के महत्व को बढ़ावा दिया जा सके।

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Bihar News : भागलपुर में BJP ने ‘शुक्रिया मोदी भाईजान’ कार्यक्रम के तहत वक्फ कानून के लाभों को रखा सामने, शाहनवाज हुसैन ने कहा – किसी के झांसे में न आएं।

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Bihar Hindi News : बिहार के भागलपुर में वक्फ संशोधन विधेयक के समर्थन में भाजपा द्वारा ‘शुक्रिया मोदी भाईजान’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि नया वक्फ कानून मुस्लिम समाज के कमजोर वर्गों के हित में एक महत्वपूर्ण पहल है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि संशोधित कानून के तहत किसी भी दरगाह, मस्जिद या कब्रिस्तान की एक इंच जमीन भी नहीं छीनी जाएगी।

1 . कार्यक्रम में मुस्लिम समुदाय के लोगों की बड़ी भागीदारी रही, जहां दिलीप जायसवाल और शाहनवाज हुसैन ने
2 . शाहनवाज हुसैन ने कहा कि नया वक्फ कानून किसी दरगाह, मस्जिद या कब्रिस्तान की एक इंच जमीन भी नहीं है।
3 . दिलीप जायसवाल ने अपील की कि अल्पसंख्यक समुदाय भाजपा के साथ जुड़े, और कहा कि वक्फ कानून में किए

वक्फ संशोधन विधेयक के पारित होने के बाद भाजपा पूरे देश में वक्फ सुधार को लेकर जनजागरूकता अभियान शुरू करेगी। इसी अभियान की शुरुआत भागलपुर से हुई, जहां ‘शुक्रिया मोदी भाईजान’ नामक पहला कार्यक्रम आयोजित किया गया।
इस अवसर पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिलीप जायसवाल और राष्ट्रीय प्रवक्ता सैयद शाहनवाज हुसैन ने भारी संख्या में उपस्थित मुस्लिम समुदाय के लोगों को संबोधित किया।

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Bihar : की मुख्य खबरें 18 अप्रैल 2025:Sheohar News .शिवहरवासियों को बड़ी सौगात, मेडिकल कॉलेज खोलने की तैयारी तेज; CM नीतीश कुमार करेंगे शिलान्यास :

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chief minister nitish kumar

Bihar Hindi News :शिवहर में जल्द ही एक नया मेडिकल कॉलेज स्थापित किया जाएगा और अदौरी-खोरीपाकड़ के बीच बागमती नदी पर पुल का निर्माण भी किया जाएगा। यह जानकारी विधायक चेतन आनंद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान साझा की। उन्होंने बताया कि मेडिकल कॉलेज के लिए उपयुक्त जमीन की पहचान की जा रही है। चेतन आनंद ने यह भी कहा कि शिवहर के सर्वांगीण विकास के लिए सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शीघ्र ही मेडिकल कॉलेज की नींव रखेंगे।

1 . विधायक ने साझा की जानकारी, बोले – शिवहर के चहुंमुखी विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं।

शिवहर के विधायक | चेतन आनंद ने बताया कि जिले में जल्द ही मेडिकल कॉलेज की स्थापना की जाएगी। साथ ही, अदौरी और खोरीपाकड़ के बीच बागमती नदी पर एक पुल का निर्माण भी प्रस्तावित है।

शिवहर के , चेतन आनंद ने बताया कि जिले में जल्द ही मेडिकल कॉलेज की स्थापना की जाएगी। साथ ही, अदौरी और खोरीपाकड़ के बीच बागमती नदी पर एक पुल का निर्माण भी प्रस्तावित है।

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Bihar News :अपहरण के बाद हुआ अंतिम संस्कार, लेकिन डेढ़ महीने बाद ‘भोला’ के जिंदा लौटने से मचा हड़कंप; कोर्ट परिसर में फैल गई सनसनी।

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दरभंगा के मब्बी थाना क्षेत्र से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यहां अपहरण के शिकार किशोर भोला कुमार राम, जिनका डेढ़ महीने पहले अंतिम संस्कार किया गया था, जीवित अवस्था में नेपाल में पाया गया। पुलिस ने पहले उन्हें मृत घोषित कर दिया था। अब अदालत ने आदेश जारी कर भोला को उसके माता-पिता के सुपुर्द कर दिया, जिससे इलाके में हड़कंप मच गया।

1 . मब्बी थाना क्षेत्र के सिमरा नेहालपुर निवासी भोला |,
2 . एक मार्च को अल्लपट्टी रेलवे ट्रैक से एक अज्ञात शव मिला,
3 . पोस्टमार्टम के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया था।
4 . इस मामले में थानाध्यक्ष को निलंबित कर दिया गया है,

संवाद सहयोगी, दरभंगा। मब्बी थाना क्षेत्र के सिमरा नेहालपुर गांव निवासी जगदेव राम के 17 वर्षीय अपहृत बेटे भोला कुमार राम के डेढ़ महीने पहले हुए अंतिम संस्कार के बाद अचानक जीवित मिलने से इलाके में सनसनी फैल गई।

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