कोसली के नरेंद्र सिंह यादव ने अंटार्कटिका की सबसे ऊंची चोटी फतह की
नरेंद्र सिंह यादव की पर्वतारोहण यात्रा 12 साल की उम्र में जम्मू-कश्मीर की पहाड़ियों से शुरू हुई थी, और 2008 से उन्होंने नियमित रूप से पर्वतारोहण का अभ्यास करना शुरू किया।
कोसली के नेहरूगढ़ निवासी नरेंद्र ने 25 दिसंबर को सुबह 1:42 बजे अंटार्टिका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी, विनसन मैसिफ (4892 मीटर), को फतह कर भारतीय ध्वज तिरंगा लहराया। इसके साथ ही उन्होंने सातों महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटियों को चढ़कर भारत के पहले युवा पुरुष पर्वतारोही होने का वर्ल्ड रिकॉर्ड बना लिया। इस कठिन अभियान में 6 दिन का समय लगा, और पर्वत पर तापमान माइनस 52 डिग्री सेल्सियस था।
वहीं, अभियान में पूरे विश्व से पर्वतारोही शामिल हुए थे। नरेंद्र ने भारत का प्रतिनिधित्व कर नया कीर्तिमान स्थापित किया है। अभियान को स्पार्क मिंडा ने स्पॉन्सर किया था, नरेंद्र ने अशोक मिंडा का धन्यवाद करते हुए कहा कि उन्होंने एक साधारण किसान परिवार के बच्चे की काबलियत को समझा, जिसके चलते विश्व पटल पर भारत का नाम अंकित किया है।कोसली उपमंडल के गांव नेहरूगढ़ के युवा पर्वतारोही नरेंद्र सिंह यादव भारतीय प्रबंधन संस्थान-रोहतक के खेल प्रबंधन में कार्यकारी स्नातकोत्तर डिप्लोमा के छात्र हैं।
34 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ा, 30 साल से पहले बने सबसे युवा पुरुष पर्वतारोही
नरेंद्र सिंह यादव को विभिन्न वैश्विक रिकॉर्ड संस्थानों द्वारा पर्वतारोहण के क्षेत्र में “विश्व सम्राट” के रूप में सम्मानित किया जा चुका है, और उन्होंने अब तक 22 प्रभावशाली विश्व रिकॉर्ड्स बनाए हैं। इस चढ़ाई के बाद, वह सात महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटियों को फतह करने वाले सबसे कम उम्र के पुरुष पर्वतारोही बन गए हैं।
पहले यह रिकॉर्ड 34 वर्ष, 7 महीने और 16 दिन के उम्र वाले पर्वतारोही के पास था, लेकिन नरेंद्र ने मात्र 30 वर्ष और 10 दिन की आयु में इस रिकॉर्ड को तोड़ते हुए यह उपलब्धि हासिल की, और दुनिया के पहले युवा पुरुष पर्वतारोही बनने का गौरव प्राप्त किया।
सात महाद्वीपों पर फतेह करने का सपना हुआ पूरा
सेना के जवान कृष्णचंद के बेटे नरेंद्र का सपना सभी सात महाद्वीपों को फतह कर विश्व रिकॉर्ड बुक में अपनी छाप छोड़ने का सपना पूरा हो गय है। नरेंद्र महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटियों पर फतह कर कई विश्व रिकॉर्ड अपने नाम कर चुके हैं। उन्होंने 2012 में बेसिक्स ऑफ माउंटेनियरिंग, 2013 में एडवांस, 2015 में एमओआई (मेथड्स ऑफ इंस्ट्रक्शन) और 2022 में सर्च एंड रेस्क्यू समेत सभी प्रमुख पर्वतारोहण पाठ्यक्रम पूरे कर लिए हैं।
नरेंद्र सिंह यादव की पर्वतारोहण यात्रा: शानदार उपलब्धियाँ
नरेंद्र सिंह यादव ने 2016 और 2022 दोनों बार बिना किसी अनुकूलन के केवल छह दिनों में माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की थी। उन्होंने माउंट किलिमंजारो को चार बार, माउंट एल्ब्रस को दो बार ट्रैवर्स के जरिए और माउंट कोसियसको समेत ऑस्ट्रेलिया की दस सबसे ऊंची चोटियों पर तीन बार फतह की है। इसके अलावा, उन्होंने दक्षिण अमेरिका की सबसे ऊंची चोटी अकॉनकागुआ और उत्तरी अमेरिका की सबसे ऊंची चोटी डेनाली पर भी विजय प्राप्त की है।
नरेंद्र की पर्वतारोहण यात्रा 12 वर्ष की आयु में उनके स्कूल के दिनों में शुरू हुई थी, जब उन्होंने जम्मू और कश्मीर की पहाड़ियों पर चढ़ना प्रारंभ किया। 2008 में उन्होंने नियमित रूप से पर्वतारोहण का अभ्यास करना शुरू किया। 19 वर्ष की आयु में, नरेंद्र ने 6,512 मीटर ऊंची भागीरथी-2 और 5,612 मीटर ऊंची डीकेडी-2 पर चढ़ाई करके सबसे कम उम्र के पर्वतारोही बनने का रिकॉर्ड कायम किया। इसके साथ ही, उन्होंने कालिंदी दर्रा और वासुकी ताल दर्रा को सफलतापूर्वक पार किया और लेह तथा गढ़वाल की चोटियों पर भी चढ़ाई की।