गांधी सेतु जीरो माइल फुलवारीशरीफ एवं शहर के अन्य भागों में ट्रैफिक जाम की समस्या को लेकर डीएम और एसएसपी ने बैठक की। इस बैठक में गांधी सेतु से गुजरने वाले बालू लदे ट्रकों के समय में बदलाव किया गया है। रात 11 से सुबह पांच बजे की जगह अब केवल रात के 12 से तीन बजे के बीच पांच सौ बालू लदे ट्रकों के परिचालन की अनुमति होगी।
शहर की यातायात व्यवस्था पर जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह एवं एसएसपी अवकाश कुमार ने पुलिस अधीक्षकों के साथ बैठक की। जाम की समस्या दूर करने के लिए आवश्यक निर्णय लिया गया।
खासकर गांधी सेतु, जीरो माइल, फुलवारीशरीफ एवं शहर के अन्य भागों में ट्रैफिक जाम की समस्या पर गहन मंथन किया गया। गांधी सेतु से अब रात के 12 से तीन बजे तक केवल पांच सौ बालू लदे ट्रकों के परिचालन की अनुमति दी जाएगी।
गांधी सेतु के पास लगता है जाम
जिलाधिकारी ने कहा कि शहर में जाम की समस्या का मुख्य कारण कोइलवर पुल, बिहटा से नौबतपुर, एम्स, फुलवारीशरीफ जीरो माइल होते हुए लगभग एक हजार की संख्या में बालू लदे ट्रकों को रात के 11 से सुबह पांच बजे के बीच गांधी सेतु से गुजरना है।
हाजीपुर की तरफ सड़क पर काम हो रहा है, इस कारण उधर दो लेन ही कार्यशील है। इससे जीरो माइल एवं गांधी सेतु के पास काफी जाम रहता है।
बैठक में लिया गया ये निर्णय
- रात 11 से सुबह पांच बजे की जगह अब केवल रात के 12 से तीन बजे के बीच पांच सौ बालू लदे ट्रकों को ही जाने की अनुमति दी जाएगी।
- ये सभी ट्रक जो अभी नौबतपुर, एम्स, फुलवारीशरीफ, जीरो माइल होते हुए गांधी सेतु आते हैं, उन्हें इन रास्तों से आने की अनुमति नहीं होगी।
- इसके बदले इन ट्रकों को पटना रिंग रोड से (बिहटा–सरमेरा रोड से बेलदारीचक (गौरीचक थाना) से गोपालपुर, जीरो माइल से गांधी सेतु का रूट अनुसरण किया जाएगा।
पीपा पुल लगाने का प्रस्ताव
ट्रैफिक एसपी ने नया महात्मा गांधी सेतु तैयार होने तक गंगा नदी में पीपा पुल लगाने का सुझाव दिया है, ताकि छोटी–बड़ी गाड़ियों को इससे पास कराया जा सके।
जिलाधिकारी ने कहा कि इसपर नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई ट्रैफिक एसपी करेंगे, उसके बाद निर्णय लिया जाएगा।
जिलाधिकारी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी बड़ी गाड़ियों के यूपी सीमा में प्रवेश करने पर 31 जनवरी तक रोक लगा दी है, इस कारण बक्सर एवं आरा में बड़ी गाड़ियां खड़ी हैं। स्थिति पर नजर रखी जा रही है।
गांधी सेतु व एनएच जाम से टोल पर घटे पांच हजार छोटे वाहन
महात्मा गांधी सेतु, राष्ट्रीय उच्च पथ संख्या 30, पटना मसौढ़ी रोड पर कई दिनों से लगातार लग रहे जाम का साइड इफेक्ट पटना-बख्तियारपुर टोल प्लाजा पर देखा जा रहा है।
पटना-बख्तियारपुर टोल प्लाजा पर घटी छोटे वाहनों की संख्या।यहां से चौबीस घंटों में गुजरने वाले छोटे वाहनों की संख्या में लगभग पांच हजार की कमी दर्ज की गई है। यह संख्या कुल वाहनों की संख्या का लगभग 25 से 30 प्रतिशत है।वाहनों की इतनी अधिक संख्या घटने से टोल टैक्स वसूली में कमी नहीं आई है। घटे टैक्स की भरपाई राख ढोने वाले वाहनों की संख्या बढ़ने से पूरी हो रही है।यह जानकारी बुधवार को दीदारगंज स्थित पटना बख्तियारपुर टोल प्लाजा के उप महाप्रबंधक संजीव कुमार ने दी।उन्होंने बताया कि टोल प्लाजा से छोटे-बड़े सभी तरह के 17,098 वाहन मंगलवार को गुजरे। इस दिन गांधी सेतु, एनएच, पटना मसौढ़ी रोड पर भीषण जाम लगा था।गुजरने वाले वाहनों में कार समेत छोटी गाड़ियों की संख्या 10,202 थी। लगन होने के कारण छोटी गाड़ियों की संख्या गत वर्षों की तुलना में 12 से 15 हजार होनी चाहिए थी।उन्होंने बताया कि एनएच पर लगने वाले जाम से बचने के लिए छोटे वाहनों ने कई वैकल्पिक मार्गों को अपना लिया है। कर्मलीचक और पेट्रोल पंप के समीप वाले कट से दक्षिण के रास्तों से होते हुए छोटे वाहन आगे निकल रहे हैं। इसी तरह दीदारगंज चेकपोस्ट के समीप से दीदारगंज होते हुए कंगन घाट के रास्ते जेपी गंगा पथ से वाहन गुजर रहे हैं।इससे छोटे वाहन जाम में फंसने से बच रहे हैं। इन्हें टोल टैक्स भी नहीं देना पड़ रहा है।टोल प्लाजा के उप महाप्रबंधक संजीव कुमार ने बताया कि बाढ़ और कोडरमा से हाजीपुर क्षेत्र के लिए राख ढोने वाले वाहनों की संख्या 200 से 300 तक बढ़ी है।इन वाहनों के टोल पार करने के कारण ही छोटे वाहनों की संख्या घटने के बाद भी राजस्व नहीं घटा है। चौबीस घंटों में लगभग 4500 बड़े वाहन टोल से गुजरते थे। अब यह संख्या बढ़ कर पांच हजार तक पहुंच गयी है। लगभग एक हजार बस हर दिन टोल से आवाजाही करती है।