बजट में वित्त मंत्री द्वारा बिहार में मखाना बोर्ड के गठन का एलान किया गया है जिसके बाद पूर्णिया जिले का नाम चर्चा में है। बिहार के इस जिले में सबसे ज्यादा मखाने का उत्पादन होता है। ऐसे में लोगों की मांग है कि इसे जिले में मखाना बोर्ड का गठन किया जाए। यहां पहले से ही मखाना अनुसंधान केंद्र भी संचालित हो रहा है।
केंद्रीय बजट में बिहार में मखाना बोर्ड के गठन की स्वीकृति के बाद इसकी स्थापना को लेकर सियासी हलकों सहित बुद्धिजीवी वर्ग में हलचल मची हुई है। इसके साथ ही किसानों व व्यवसायियों की सजगता भी बढ़ गई है।
इस बीच पूर्णिया का नाम भी चर्चा में है। राज्य में सबसे अधिक मखाना उत्पादन वाला क्षेत्र होने की वजह से मखाना बोर्ड की स्थापना के लिए पूर्णिया सबसे उपयुक्त क्षेत्र है।
मखाना अनुसंधान केंद्र भी पूर्णिया में
पूर्णिया में ही भोला पासवान शास्त्री कृषि कॉलेज में मखाना अनुसंधान केंद्र भी पूर्व से स्थापित है। मखाना के क्षेत्र में पूर्णिया की उपयोगिता को देखते हुए सबौर कृषि विश्वविद्यालय के तत्कालीन कुलपति ने 2023 में हार्टिकल्चर मिशन को पत्र लिखकर भोला पासवान शास्त्री कृषि कॉलेज में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर मखाना की स्थापना के लिए पत्र भी लिखा था।
इसके बाद सरकार द्वारा पूर्णिया के कृषि कॉलेज स्थित मखाना अनुसंधान एवं विकास के नोडल केंद्र से डीपीआर की मांग भी की गई। कृषि कॉलेज द्वारा 10 करोड़ का डीपीआर भी बनाकर विभाग को भेजा गया।
अब जब सरकार ने मखाना बोर्ड की स्थापना की घोषणा की है तो एक बार फिर पूर्णिया चर्चा में है। इसे दूसरी जगह ले जाने की चर्चा से पूर्णिया ही अंदर ही अंदर लावा फूटने लगा है।
पूर्णिया में चल रहा मखाना अनुसंधान व विकास का नोडल केंद्र
भोला पासवान शास्त्री कृषि कॉलेज में राज्य का मखाना अनुसंधान एवं विकास का नोडल केद्र स्थापित किया गया है। इससे पूर्णिया और कोसी इलाके में मखाना की खेती में क्रांतिकारी बदलाव आए हैं।
खासकर यहां मखाना का उन्नत प्रभेद सबौर मखाना-वन बीज की खोज किए जाने के बाद किसानों के लिए मखाना वरदान साबित हुआ और यह जल क्षेत्र से निकलकर खेतों तक पहुंच गया।
पिछले पांच साल में इसके रकवे में दोगुना से भी अधिक वृद्धि हुई। कोसी-पूर्णिया में मक्का के बाद अभी मखाना सबसे अधिक उत्पादन वाली नगदी फसल बन गई है। इसका कारोबार अभी अरबों में है। यहां से इंगलैंड,
ऑस्ट्रेलिया और कनाडा आदि देशों में भी मखाना भेजा जा रहा है।
उत्तर बिहार की सबसे बड़ी मंडी गुलाबबाग अभी मखाना का हाट मार्केट बना हुआ है। दूसरे देशों से व्यापारी यहां आकर मखाना निर्यात के लिए जिलाधिकारी से भी संपर्क साध रहे हैं। मखाना उत्पादन व कारोबार से यहां के हजारों लोग जुड़े हैं जिन्हें इससे अच्छी आमदनी हो रही है।
पूर्णिया क्षेत्र में होती है सबसे अधिक खेती
हार्टिकल्चर विभाग से मिली जानकारी अनुसार देश का 90 फीसद मखाना का उत्पादन बिहार में होता है, जबकि राज्य का 70 फीसद उत्पादन पूर्णिया-कोसी के इलाके में होता है।
अभी पूर्णिया के 100 किमी के क्षेत्र में पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज, अररिया, सहरसा, मधेपुरा, सुपौल एवं खगड़िया में सबसे अधिक 28,634 हेक्टेयर में इसकी खेती होती है।
वहीं, सबसे अधिक 23193.54 टन मखाना का उत्पादन भी इसी क्षेत्र में होता है। यदि पूर्णिया में मखाना बोर्ड की स्थापना होती है तो इस पूरे क्षेत्र सहित दरभंगा आदि जिलों में के किसानों को भी इसका लाभ मिलेगा।
पूर्णिया से एक बार में कुल 25 बसों का संचालन किया जाएगा, जबकि भागलपुर और दरभंगा से 24-24, मुजफ्फरपुर से 30 और गया जिले से 31 डीजल बसें विभिन्न समय पर रवाना होंगी। ये सभी बसें राज्य के विभिन्न जिलों को जोड़ेंगी और आगे चलकर राजधानी पटना से भी जुड़ेंगी। इसके अलावा, पटना, दरभंगा और गया के अनुमंडलों से झारखंड, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के लिए भी बस सेवा शुरू करने की योजना तैयार की जा रही है।
डिजिटल डेस्क, पटना। राज्य के 101 अनुमंडलों को जिला मुख्यालयों से जोड़ने के लिए शीघ्र ही डीलक्स बसों का संचालन शुरू किया जाएगा। संभावना है कि ये बसें अगले महीने के दूसरे सप्ताह से सड़कों पर दौड़ने लगेंगी। बिहार राज्य पथ परिवहन निगम (BSRTC) ने 6 प्रमुख शहरों के अनुमंडलों को 109 जोन में विभाजित करते हुए कुल 166 बसें चलाने की योजना बनाई है। ये बसें पटना, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, पूर्णिया, भागलपुर और गया की पंचायतों को उनके संबंधित जिला मुख्यालयों से जोड़ेंगी। इन बसों के सभी रूट पहले ही तय किए जा चुके हैं। फिलहाल ये बसें परमिट प्रक्रिया में हैं, जिसे जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा।
Bihar Hindi News : महागठबंधन की दूसरी महत्वपूर्ण बैठक की तारीख तय कर दी गई है, जिसमें सीटों के बंटवारे को लेकर बातचीत की जाएगी। इस बैठक में राजद, कांग्रेस, वीआईपी और वामपंथी दलों के नेता शामिल होंगे। संभावना है कि बैठक में सीट वितरण का प्रारूप तय किया जाएगा, साथ ही जिला और प्रखंड स्तर पर समन्वय समितियों के गठन पर भी चर्चा होगी। इसके अतिरिक्त, चुनावी मुद्दों और आगामी रणनीतियों पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा। तेजस्वी यादव इस समन्वय समिति के अध्यक्ष होंगे।
राज्य ब्यूरो, पटना।( Bihar Political Hindi News Today): आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन की दूसरी बड़ी बैठक 24 अप्रैल को आयोजित की जाएगी। पहली बैठक 17 अप्रैल को राजद के प्रदेश कार्यालय में हुई थी, और अब ठीक एक सप्ताह बाद यह बैठक गुरुवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय सदाकत आश्रम में होने जा रही है। इस महत्वपूर्ण बैठक में राजद की ओर से समन्वय समिति के अध्यक्ष तेजस्वी यादव, कांग्रेस की ओर से राजेश राम और कृष्णा अल्लावारू, वीआईपी के मुकेश सहनी और वाम दलों के प्रमुख नेता भाग लेंगे।
Bihar Police News:बिहार कैडर के 5 आईपीएस अधिकारियों को प्रमोशन दिया गया है। सुधांशु कुमार को असैनिक सुरक्षा के अतिरिक्त प्रभार से मुक्त कर दिया गया है। अनुसूईया रणसिंह को नागरिक सुरक्षा का आईजी नियुक्त किया गया, जबकि विवेक कुमार को अपराध अनुसंधान विभाग में डीआईजी बना दिया गया। इसके अलावा, दो अन्य अधिकारियों को भी नई जिम्मेदारियां दी गई हैं। उल्लेखनीय है कि हाल ही में कई आईपीएस अधिकारियों को प्रमोशन मिला था।
1 . बिहार में 5 आईपीएस अधिकारियों को मिला प्रमोशन, 2 . एसपी को डीआईजी और डीआईजी को आईजी पद पर किया गया पदोन्नत।
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार कैडर के पांच वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों की जिम्मेदारियों में फेरबदल किया गया है। यातायात के अपर पुलिस महानिदेशक सुधांशु कुमार को असैनिक सुरक्षा के अपर आयुक्त के अतिरिक्त प्रभार से हटा दिया गया है।