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Indian Railways: पटना से आनंद विहार और गया से कोयंबत्तूर के लिए चलेगी स्पेशल ट्रेनें, इन जगहों को मिलेगा सीधा फायदा।

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रेल यात्रियों की सुविधाजनक आवागमन के लिए पटना से आनंद विहार टर्मिनस, गया से कोयंबत्तूर तथा मुजफ्फरपुर से पुणे और सिकंदराबाद के मध्य स्पेशल ट्रेनों का परिचालन किया जाएगा। इसके साथ ही मुजफ्फरपुर से उधना के लिए एक वन-वे स्पेशल का भी परिचालन किया जाएगा, जिनका विवरण निम्नानुसार है। यह जानकारी मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सरस्वती चन्द्र ने दी।

गाड़ी संख्या 03255/03256 पटना-आनंद विहार टर्मिनस-पटना स्पेशल ट्रेन: गाड़ी संख्या 03255 पटना-आनंद विहार टर्मिनस एक्सप्रेस स्पेशल ट्रेन का परिचालन 02.01.2025 से अगले आदेश तक (दिनांक 12.01.2025, 30.01.2025, 02.02.2025 एवं 13.02.2025 को छोड़कर) पटना से रविवार एवं गुरुवार को आनंद विहार टर्मिनस के लिए किया जाएगा। पटना से यह स्पेशल ट्रेन 22.20 बजे प्रस्थान कर अगले दिन 18.35 बजे आनंद विहार टर्मिनस पहुंचेगी। वापसी में गाड़ी संख्या 03256 आनंद विहार टर्मिनस-पटना एक्सप्रेस स्पेशल ट्रेन का परिचालन 03.01.2025 से अगले आदेश तक (दिनांक 13.01.2025, 31.01.2025, 03.02.2025 एवं 14.02.2025 को छोड़कर) आनंद विहार टर्मिनस से प्रत्येक सोमवार एवं शुक्रवार को पटना के लिए किया जाएगा। आनंद विहार टर्मिनस से यह स्पेशल ट्रेन 23.30 बजे प्रस्थान कर अगले दिन 18.35 बजे आनंद विहार टर्मिनस पहुंचेगी। अप एवं डाउन दिशा में यह ट्रेन दानापुर, आरा, बक्सर, पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन, प्रयागराज जंक्शन तथा गोविंदपुरी स्टेशनों पर रुकेगी।

गाड़ी संख्या 03679/03680 गया-कोयंबत्तूर-गया साप्ताहिक स्पेशल (प्रयागराज छिवकी-जबलपुर-नागपुर-वरंगल-विजयवाड़ा-काटपाडी-सेलम के रास्ते): गाड़ी संख्या 03679 गया-कोयंबत्तूर साप्ताहिक स्पेशल का परिचालन 04.01.2025 से अगले आदेश तक (दिनांक 11.01.2025, 25.01.2025, 01.02.2025 एवं 08.02.2025 को छोड़कर) गया से प्रत्येक शनिवार को 19.35 बजे खुलकर 20.21 बजे अनुग्रह नारायण रोड, 20.56 बजे सासाराम, 21.30 बजे भभुआ रोड, 22.40 बजे डीडीयू सहित अन्य स्टेशनों पर रुकते हुए सोमवार को 18.30 बजे कोयंबत्तूर पहुंचेगी। वापसी में गाड़ी संख्या 03680 कोयंबत्तूर-गया साप्ताहिक स्पेशल का परिचालन 07.01.2025 से अगले आदेश तक (दिनांक 14.01.2025, 28.01.2025, 04.02.2025 एवं 11.02.2025 को छोड़कर) कोयंबत्तूर से प्रत्येक मंगलवार को 07.50 बजे खुलकर विभिन्न स्टेशनों पर रुकते हुए गुरुवार को 05.05 बजे डीडीयू, 05.56 बजे भभुआ रोड, 06.30 बजे सासाराम एवं 07.03 बजे अनुग्रह नारायण रोड रुकते हुए 09.15 बजे गया पहुंचेगी।

गाड़ी संख्या 05293/05294 मुजफ्फरपुर-सिकंदराबाद-मुजफ्फरपुर साप्ताहिक एक्सप्रेस स्पेशलः गाड़ी संख्या 05293 मुजफ्फरपुर-सिकंदराबाद एक्सप्रेस स्पेशल का परिचालन दिनांक 07.01.2025 से अगले आदेश तक प्रत्येक मंगलवार को (दिनांक 14.01.2025, 28.01.2025, 04.02.2025, 11.02.2025 तथा 25.02.2025 को छोड़कर) किया जाएगा। मुजफ्फरपुर से यह स्पेशल प्रत्येक मंगलवार को 10.40 बजे प्रस्थान कर विभिन्न स्टेशनों पर रुकते हुए बुधवार को 23.50 बजे सिकंदराबाद पहुंचेगी। वापसी में गाड़ी संख्या 05294 सिकंदराबाद-मुजफ्फरपुर स्पेशल ट्रेन का परिचालन दिनांक 09.01.2025 से अगले आदेश तक प्रत्येक गुरुवार को (दिनांक 16.01.2025, 30.01.2025, 06.02.2025, 13.02.2025 तथा 27.02.2025 को छोड़कर) किया जाएगा। सिकंदराबाद से यह स्पेशल ट्रेन प्रत्येक गुरुवार को 03.55 बजे प्रस्थान कर शुक्रवार को 17.00 बजे मुजफ्फरपुर पहुंचेगी।

गाड़ी संख्या 05289/05290 मुजफ्फरपुर-पुणे-मुजफ्फरपुर साप्ताहिक एक्सप्रेस स्पेशलः गाड़ी संख्या 05289 मुजफ्फरपुर-पुणे एक्सप्रेस स्पेशल ट्रेन का परिचालन दिनांक 06.01.2025 से अगले आदेश तक प्रत्येक सोमवार को (दिनांक 13.01.2025, 27.01.2025, 03.02.2025, 10.02.2025 तथा 24.02.2025 को छोड़कर) किया जाएगा। मुजफ्फरपुर से यह स्पेशल ट्रेन प्रत्येक सोमवार को 19.25 बजे प्रस्थान कर विभिन्न स्टेशनों पर रुकते हुए बुधवार को 06.25 बजे पुणे पहुंचेगी। वापसी में गाड़ी संख्या 05290 पुणे-मुजफ्फरपुर स्पेशल ट्रेन का परिचालन दिनांक 08.01.2025 से अगले आदेश तक प्रत्येक बुधवार को (दिनांक 15.01.2025, 29.01.2025, 05.02.2025, 12.02.2025 तथा 26.02.2025 को छोड़कर) किया जाएगा। पुणे से यह स्पेशल ट्रेन प्रत्येक बुधवार को 10.00 बजे प्रस्थान कर गुरुवार को 21.50 बजे मुजफ्फरपुर पहुंचेगी।

गाड़ी संख्या 05299 मुजफ्फरपुर-उधना वन-वे स्पेशल: गाड़ी संख्या 05299 मुजफ्फरपुर-उधना वन-वे स्पेशल दिनांक 04.01.2025 को मुजफ्फरपुर से 13.30 बजे प्रस्थान कर 14.30 बजे हाजीपुर, 15.40 बजे पाटलिपुत्र, 16.13 बजे दानापुर, 16.43 बजे आरा, 17.28 बजे बक्सर, 19.15 बजे डीडीयू रूकते हुए अगले दिन 19.30 बजे उधना पहुंचेगी। 

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अमनौर विधानसभा के नारायणपुर, हुस्सेपुर, अमनौर, भेल्दी, जलालपुर चौक, सहित अन्य जगहों पर अपनो के सुख-दुख में शामिल हुआ |

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मृत्यु सत्य है और शरीर नश्वर है,

यह जानते हुए भी अपनों के जाने का दुःख होता है,

हमें ईश्वर से प्रार्थना करनी चाहिए कि दिवंगत आत्मा को शांति और मोक्ष प्रदान करें।

अमनौर विधानसभा के नारायणपुर, हुस्सेपुर, अमनौर, भेल्दी, जलालपुर चौक, सहित अन्य जगहों पर अपनो के सुख-दुख में शामिल हुआ |

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World Braille Day 2024: कब और कैसे हुई विश्व ब्रेल दिवस की शुरुआत, जानिए ब्रेल लिपि क्या है?

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आइए जानते हैं ब्रेल लिपि के बारे में: इसका आविष्कार कैसे हुआ, लुईस ब्रेल कौन थे, और इस दिन का इतिहास व महत्व।

World Braille Day 2024 :हर साल 4 जनवरी को विश्व ब्रेल दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन वैश्विक स्तर पर दृष्टिबाधितों के लिए बेहद अहम दिन है। इस दिन को लुईस ब्रेल नाम के शख्स के जन्मदिन के मौके पर मनाते हैं। लुईस ब्रेल एक आविष्कारक थे, जिन्होंने ब्रेल लिपि का आविष्कार किया था। ब्रेल लिपि आंखों से देख न पाने वाले लोगों की भाषा है, जिसका उपयोग वे लिखने पढ़ने के लिए करते हैं। 

जन्मजात या किसी अन्य कारण से आंखों का रोशनी खो देने वाले लोगों को समाज के अन्य लोगों के समान स्थान देने और उन्हें शिक्षा व करियर में शारीरिक कमी के कारण वंचित न रहना पड़े, इसी उद्देश्य से लुईस ब्रेल नेे ब्रेल लिपि का आविष्कार किया और दृष्टिबाधितों को आत्मनिर्भर बनने में मदद की। उनके जीवन काल में उन्हें इस योगदान के लिए सम्मान नहीं मिला लेकिन बाद में विश्व ब्रेल दिवस मनाने की शुरुआत की गई और लुईस ब्रेल के जन्मदिन के मौके पर उन्हें याद करते हुए यह दिन समर्पित किया गया। आइए जानते हैं ब्रेल लिपि के बारे में, कैसे इसका आविष्कार हुआ? ब्रेल लिपि के आविष्कारक लुईस ब्रेल कौन थे और इस दिन का इतिहास व महत्व।

कौन थे लुईस ब्रेल?
लुईस ब्रेल का जन्म 4 जनवरी 1809 को फ्रांस के कुप्रे गांव में हुआ था। उनके पिता साइमन रेले ब्रेल, शाही घोड़ों के लिए काठी और जीन बनाने का काम करते थे। परिवार की आर्थिक स्थिति खराब थी, जिससे लुईस को तीन साल की उम्र में पिता के साथ काम पर जाना पड़ा। एक हादसे में उनकी एक आंख की रोशनी चली गई और बाद में दूसरी आंख भी कमजोर हो गई। तंगी के कारण उनका इलाज भी ठीक से नहीं हो पाया, और आठ साल की उम्र में लुईस पूरी तरह से अंधे हो गए।

ब्रेल लिपि का आविष्कार कैसे हुआ?
लुईस ने हार नहीं मानी और नेत्रहीनों के स्कूल में दाखिला लिया। वहां उन्हें सेना की एक कूटलिपि के बारे में पता चला, जो अंधेरे में भी संदेश पढ़ने में मदद करती थी। इस विचार से प्रेरित होकर, लुईस ने नेत्रहीनों के लिए ब्रेल लिपि का आविष्कार किया, जिससे वे भी पढ़ने और लिखने में सक्षम हो सके।

क्या है ब्रेल लिपि ?

आंखों से देख न सकने वालों के लिए ब्रेल लिपि वरदान की तरह है। नेत्रहीनों के लिए ब्रेल लिपि पढ़ने और लिखने का एक स्पर्शनीय कोड है। इसमें विशेष प्रकार के उभरे कागज का इस्तेमाल होता है, जिस पर उभरे हुए बिंदुओं को छूकर पढ़ा जा सकता है। टाइपराइटर की तरह की ही एक मशीन ‘ब्रेलराइटर’ के माध्यम से ब्रेल लिपि को लिखा जा सकता है। इसके अलावा स्टायलस और ब्रेल स्लेट के जरिए भी लिख सकते हैं। ब्रेल में उभरे हुए बिंदुओं को ‘सेल’ कहा जाता है।

विश्व ब्रेल दिवस का इतिहास
संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर में लगभग 39 मिलियन लोग अंधे हैं, जबकि 253 मिलियन लोग दृष्टि संबंधी विकारों से पीड़ित हैं। इस बड़ी संख्या को देखते हुए, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 6 नवंबर 2018 को यह प्रस्ताव पारित किया कि हर साल 4 जनवरी को लुईस ब्रेल के जन्मदिन पर विश्व ब्रेल दिवस मनाया जाएगा, ताकि दृष्टिबाधितों के लिए ब्रेल लिपि के महत्व को बढ़ावा दिया जा सके।

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शिक्षकों के लिए खुशखबरी! ट्रांसफर का शेड्यूल जारी, इन्हें दी जाएगी पहली प्राथमिकता।

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विशेष समस्या के आधार पर स्थानांतरण-पदस्थापन के इच्छुक एक लाख 90 हजार 332 शिक्षकों को अभी और इंतजार करना पड़ेगा। इनका चार चरणों में स्थानातंरण किया जाएगा। इससे पहले शिक्षकों के प्राप्त आवेदनों की स्क्रूटनी शिक्षा विभाग के 16 सीनियर अफसरों की टीम करेगी।

प्रत्येक अफसर एक-एक आवेदन की जांच करेंगे और खुद ही चेक लिस्ट तैयार करके उसपर अपना मतंव्य भी देंगे।

हर अफसर को प्रत्येक चेक लिस्ट पर शिक्षक के नाम व आइडी लिखकर यह सुझाव देना होगा कि आवेदक द्वारा समर्पित तथ्य उनके आवेदन श्रेणी के अनुरुप है या आवेदक द्वारा समर्पित तथ्य उनके आवेदन श्रेणी के अनुरूप नहीं है। जाहिर है, आवेदनों की संख्या को देखते हुए स्क्रूटनी की प्रक्रिया लंबी चलेगी।
विभाग के निदेशक (प्राथमिक) पंकज कुमार ने शुक्रवार को आदेश जारी कर स्पष्ट तौर से कहा कि सभी प्राप्त आवेदनों का निष्पादन चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा। इनमें प्रारंभिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों के एक लाख 90 हजार शिक्षकों के आवेदन शामिल हैं।

पहला चरण

  • पहले चरण में असाध्य रोग (विभिन्न प्रकार के कैंसर) एवं गंभीर बीमारी (किडनी रोग, हृदय रोग, लीवर रोग) से ग्रसित शिक्षकों, दिव्यांगता के आधार पर नियुक्त शिक्षकों, आटिज्म/मानसिक दिव्यांगता के आधार पर नियुक्त शिक्षकों एवं विधवा तथा परित्यक्ता शिक्षकों के स्थानातंरण को प्राथमिकता दी जाएगी।
  • ऐसे शिक्षकों की कुल संख्या 11,809 है। इनमें असाध्य रोग वाले 760 और गंभीर बीमारी वाले 2579 शिक्षक हैं।
  • दिव्यांगता के आधार पर नियुक्त 5575, आटिज्म/मानसिक दिव्यांगता के आधार पर नियुक्त 1557 शिक्षक हैं। वहीं विधवा तथा परित्यक्ता शिक्षकों की संख्या 1338 है।

दूसरा चरण

  • आदेश के मुताबिक दूसरे चरण में पति/पत्नी के पदस्थापन के आधार पर स्थानांतरण हेतु प्राप्त आवेदनों की स्क्रूटनी होगी। इनमें 16,356 शिक्षकों के आवेदन शामिल हैं।

तीसरा चरण

  • तीसरे चरण में ऐच्छिक स्थान से वर्तमान पदस्थापन की दूरी के कारण महिला शिक्षकों के आवेदनों की स्क्रूटनी होगी।

चौथा चरण

  • चौथे चरण में ऐच्छिक स्थान से वर्तमान की दूरी के कारण पुरुष शिक्षकों से प्राप्त आवेदनों की स्क्रूटनी होगी। ऐसे महिला व पुरुष शिक्षकों से कुल एक लाख 62 हजार आवेदन प्राप्त हुए हैं।

स्क्रूटनी हेतु प्रतिनियुक्त अफसरों के नाम

उप सचिव शाहजहां, उप निदेशक (प्रशासन) जावेद अहसन अंसारी, विशेष कार्य पदाधिकारी विनिता एवं सुषमा कुमारी, उच्च शिक्षा के उप निदेशक नसीम अहमद, दीपक कुमार सिंह, दिवेश कुमार चौधरी, माध्यमिक शिक्षा के विशेष निदेशक सचिन्द्र कुमार।

उप निदेशक अब्दुस सलाम अंसारी तथा नरेन्द्र कुमार, प्राथमिक शिक्षा के संयुक्त निदेशक अमर कुमार, उप निदेशक उर्मिला कुमारी, नीरज कुमार और संजय कुमार चौधरी, जन शिक्षा की सहायक निदेशक प्रिया भारती और वेंकट गोपाल।

आवेदनों की स्क्रूटनी में हिदायत

विभागीय आदेश में आवेदनों की स्क्रूटनी में प्रतिनियुक्त अफसरों को हिदायत दी गई है कि प्रत्येक आवेदन की स्वयं स्क्रूटनी करेंगे एवं संलग्न चेक लिस्ट भरकर हस्ताक्षरित कर उसे आवेदन के साथ टैग करेंगे।

उक्त कार्य में प्रतिनियुक्त पदाधिकारी किसी भी परिस्थिति में अपने अधीनस्थ प्रशाखा पदाधिकारी/सहायक प्रशाखा पदाधिकारी अथवा डाटा इंट्री आपरेटर का सहयोग नहीं लेंगे।

स्क्रूटनी उपलब्ध कागजात के आधार पर ही किया जाएगा और आवेदक से संपर्क नहीं करेंगे। स्क्रूटनी के बाद सभी आवेदनों को चेकलिस्ट सहित सीलबंद लिफाफा में बंदकर प्राथमिक शिक्षा निदेशक को उपलब्ध कराया जाएगा। प्राप्त चेकलिस्ट के अनुसार ई-शिक्षाकोष में आवश्यक प्रविष्टि की जाएगी।

इसके बाद विभाग के स्तर से श्रेणी के क्रमानुसार ई-शिक्षाकोष के माध्यम से सरकार द्वारा निर्धारित नीति के अनुसार स्थानांतरण/पदस्थापन की कार्रवाई की जाएगी और आदेश निर्गत किया जाएगा।

संबंधित शिक्षक अपना स्थानांतरण/पदस्थापन आदेश ई-शिक्षाकोष पोर्टल से अपने लागिन आइडी/पासवर्ड से डाउनलोड कर सकेंगे। आवेदन पर अद्यतन स्थिति/स्थानांतरण/ पदस्थापन आदेश केवल ई-शिक्षाकोष में ही उपलब्ध रहेंगे।

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