बिहार में अब ड्राइविंग लाइसेंस पाने के लिए काफी मशक्कत करनी होगी। मार्च से बिहार के सभी जिलों में ड्राइविंग लाइसेंस पाने के लिए टेस्टिंग ट्रैक पर टेस्ट देना होगा। अभी पटना और औरंगाबाद में यह सुविधा लागू है। राज्य के 36 जिलों में ट्रैक बनना है जिनमें 26 जिलों में ट्रैक लगभग बनकर तैयार है। शेष 10 जिलों में योजना पर काम हो रहा है।
मार्च से बिहार के सभी जिलों में ड्राइविंग लाइसेंस पाने के लिए टेस्टिंग ट्रैक पर टेस्ट देना होगा। अभी पटना, औरंगाबाद में यह सुविधा लागू है। इसमें कैमरे की निगरानी में टेस्ट देना होता है।
परिवहन विभाग के अनुसार, राज्य के कुल 36 जिलाें में ट्रैक बनना है, जिनमें 26 जिलों में ट्रैक लगभग बनकर तैयार है। शेष 10 जिलों में योजना प्रक्रियाधीन हैं। इन जिलों में निर्माण कार्य तेज करने के लिए राशि उपलब्ध करा दी गयी है। इन जिलों में मार्च तक काम पूरा करने का लक्ष्य दिया गया है।
टेस्टिंग ट्रैक बनने के बाद ड्राइविंग लाइसेंस बनाने में पारदर्शिता आएगी। सभी आवेदकों को आनलाइन और फिर सीसी टीवी कैमरा की निगरानी में टेस्ट देना पड़ेगा। जिन्हें यातायात नियमों की जानकारी के साथ ही गाड़ी चलाना आता होगा, वहीं ड्राइविंग लाइसेंस बनवा सकेंगे।
विभागीय समीक्षा में यह बात सामने आई है कि जिन जिलों में अभी यह व्यवस्था नहीं है, वहां एजेंट की मदद से बिना टेस्ट के लिए ही लाइसेंस बनाए जा रहे हैं। इसके कारण टेस्टिंग ट्रैक का निर्माण तेजी से पूरा करने को कहा गया है।
इन 26 जिलों में काम पूरा
मोतिहारी, पूर्णिया, बांका, नवादा , भागलपुर, कैमूर, दरभंगा , किशनगंज, नालंदा, शिवहर, समस्तीपुर , जहानाबाद , सीतामढ़ी , रोहतास , मुंगेर , शेखपुरा , जमुई , बेतिया, बक्सर , अररिया, वैशाली, लखीसराय, खगड़िया, सारण, मधुबनी और मधेपुरा।
डीएल कैसे बनवाएं
- अपने निकटतम आरटीओ (रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस) से आवेदन पत्र प्राप्त करें या ऑनलाइन आवेदन करें।
- पहचान प्रमाण, पता प्रमाण, आयु प्रमाण, और चार पासपोर्ट साइज फोटो जमा करें।
- आवेदन पत्र और दस्तावेज जमा करने के बाद, लर्निंग लाइसेंस के लिए एक परीक्षा देनी होगी। यह परीक्षा यातायात नियमों और सड़क सुरक्षा के बारे में होती है।
- लर्निंग लाइसेंस की वैधता 6 महीने होती है। इस दौरान आपको ड्राइविंग सीखनी होगी और परीक्षा के लिए तैयार होना होगा।
- लर्निंग लाइसेंस की वैधता के दौरान, आपको ड्राइविंग टेस्ट देनी होगी। यह परीक्षा आपकी ड्राइविंग क्षमता का मूल्यांकन करती है।
- ड्राइविंग परीक्षा पास करने के बाद, आपको ड्राइविंग लाइसेंस जारी किया जाएगा।
ड्राइविंग टेस्ट कैसे होता है?
वाहन की जांच: टेस्ट के पहले चरण में, आपको अपने वाहन की जांच करनी होगी। इसमें हेडलाइट, टेललाइट, ब्रेक लाइट, और टायर की जांच शामिल है।
ड्राइविंग टेस्ट: इसके बाद, आपको ड्राइविंग टेस्ट देना होगा। इसमें आपको विभिन्न सड़क परिस्थितियों में ड्राइविंग करनी होगी, जैसे कि सीधी सड़क, मोड़, और ट्रैफिक सिग्नल।
यातायात नियमों का पालन: टेस्ट के दौरान, आपको यातायात नियमों का पालन करना होगा, जैसे कि स्पीड लिमिट, ट्रैफिक सिग्नल, और पेडेस्ट्रियन क्रॉसिंग।
वाहन को नियंत्रित करना: आपको अपने वाहन को नियंत्रित करने की क्षमता दिखानी होगी, जैसे कि ब्रेक लगाना, एक्सीलरेटर दबाना, और स्टीयरिंग करना।
सुरक्षा उपाय: टेस्ट के दौरान, आपको सुरक्षा उपायों का पालन करना होगा, जैसे कि सीटबेल्ट पहनना और मोबाइल फोन का उपयोग न करना।