Latest News Viral News Business Job

auto-news

Civil War Worsens Sudan’s Already Dire Humanitarian Crisis

Published

on

A displaced woman and child in Sudan's Darfur region.

The ongoing civil war in Sudan is worsening the country’s already dire humanitarian crisis. Thousands of people have been displaced from their homes in recent weeks due to fighting in the Darfur region. The United Nations estimates that over 100,000 people have been displaced since the start of the year.

The fighting is between government forces and rebels from the Sudan Liberation Army-Minni Minnawi (SLM-MM). The SLM-MM is one of several rebel groups that have been fighting the government since 2003. The war has killed over 300,000 people and displaced millions more.

The fighting in Darfur is taking place in a region that is already struggling with poverty and food insecurity. The war has made it even harder for people to get the food and water they need. Many people are now living in camps for internally displaced people (IDPs).

The UN and other humanitarian organizations are working to provide aid to the people affected by the fighting. However, they are struggling to reach everyone who needs help. The war is making it difficult to deliver aid and to protect civilians.

The international community needs to do more to help Sudan. The war is a humanitarian crisis that is getting worse by the day. The UN Security Council should impose sanctions on the Sudanese government and rebel groups to pressure them to end the fighting.

The international community should also provide more aid to the people of Sudan. The aid should be used to help people who have been displaced by the fighting, to provide food and water, and to rebuild infrastructure.

The war in Sudan is a tragedy that needs to end. The international community must take action to help the people of Sudan and to prevent further suffering.

Continue Reading
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

auto-news

Bihar News: बहन के घर जा रहे नीतेश की सड़क हादसे में मौत, कोहरे ने ली दो की जान

Published

on

पुलिस ने दोनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच चल ही है। कोहरे के कारण यह हादसा हुआ है। मामले में आगे की कार्रवाई चल रही है। 

वैशाली जिले के महुआ थाना क्षेत्र में एक दर्दनाक सड़क दुर्घटना में दो युवकों की मौत हो गई। यह घटना महुआ मंगरू चौक से अब्दुलपुर जाने वाली सड़क पर महुआ सदापुर स्थित कुटिया के पास हुई। मृतकों की पहचान परमानंदपुर बनारसीपुर निवासी लक्ष्मी सिंह के पुत्र नीतेश कुमार और नेपाल के मोरडग जिले के रगेली निवासी शंकर सरदार के पुत्र सुनील सरदार के रूप में हुई।

दो-दो मौत से गांव में पसरा मातम
घटना के बाद इलाके में हड़कंप मच गया। आसपास के लोगों की भीड़ लग गई। इधर, सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और जांच में जुट गई। पुलिस ने दोनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया। पुलिस का कहना है कि सड़क हादसे में दो लोगों की मौत हो गई। मामले की जांच चल ही है। कुछ लोगों से पूछताछ चल रही है। इधर, इस घटना के बाद पूरे गांव में मातम छाया हुआ है और परिवार वालों का रो-रो कर बुरा हाल है।

चारदीवारी से टकराई बाइक
परिजनों का कहना है कि मंगलवार देर रात नीतेश रिश्तेदार के साथ अपनी बहन के घर जा रहा था, लेकिन कुहासे के कारण उसकी बाइक सड़क किनारे चारदीवारी से टकरा गई। हादसा इतना भीषण था कि दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे के बाद घटनास्थल पर भारी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए और स्थानीय थाने की पुलिस ने घटना की जानकारी दी। 

Continue Reading

auto-news

Ed Raid in Bihar: ED ने रेलवे क्लेम घोटाले में बड़ी छापेमारी की, पटना और नालंदा में 5 ठिकानों पर जांच जारी।

Published

on

बिहार में ईडी की ताबड़तोड़ छापामारी जारी है। ईडी ने रेलवे क्लेम घोटाले मामले में बुधवार की सुबह से पटनानालन्दा और मैंगलूर समेत पांच स्थानों पर अपनी कार्रवाई को अंजाम दिया है। रेलवे के कर्मचारियों के नाम पर फर्जी दस्तावेजों के सहारे करीब 100 करोड़ से अधिक से का घोटाला किया गया है। ईडी के रडार पर वकील न्यायिक अधिकारी से लेकर सरकारी अधिकारी हैं।

 रेलवे क्लेम घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय ने बुधवार की सुबह से पटना,नालन्दा और मैंगलूर समेत पांच स्थानों पर अपनी कार्रवाई को अंजाम दिया है। यह घोटाला 100 करोड़ से अधिक का माना जा रहा है। यह घोटाला रेलवे कर्मचारियों के नाम पर फर्जी दस्तावेजों के सहारे किया गया है।

ईडी इस मामले में कई न्यायिक अधिकारियों, वकीलों और सरकारी कर्मचारियों की भूमिका की जांच कर रही है। खासकर, रेलवे न्यायिक अधिकारी रहे आर.के. मित्तल और वकील बी.एन. सिंह के ठिकानों पर छापेमारी की गई है। उल्लेखनीय है कि आर.के. मित्तल को कुछ साल पहले भ्रष्टाचार के आरोप में सेवा से बर्खास्त किया गया था।

रेलवे में हुए करोड़ो के इस घोटाले में सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति उदय यू. ललित की पीठ के निर्देश पर सीबीआइ ने यह मामला दर्ज किया था।

माना जा रहा है कि इस घोटाले में रेलवे कर्मचारियों के नाम पर फर्जी दावे दाखिल किए गए थे और फिर उन दावों के आधार पर बड़ी रकम हड़पी गई थी। इस पूरे रैकेट में कई लोगों की मिलीभगत थी।

सूत्रों की माने तो एक-एक व्यक्ति के नाम पर चार-चार बार धन की उगाही की गई। मामला वर्ष 2015-2018 के बीच का है। सीबीआइ की कार्रवाई को आधार बनाकर प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले की जांच शुरू की थी।

बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भारत सरकार की एक प्रमुख जांच एजेंसी है, जो आर्थिक अपराधों और वित्तीय अनियमितताओं की जांच करने के लिए जिम्मेदार है। बता दें कि ईडी अलग-अलग मामलों में बिहार में लगातार धावा बोल रही है।

हाल में ही महुआ ग्रुप ऑफ कंपनी पर ईडी ने शिकंजा कसते हुए उसके संचालक को गिरफ्तार कर लिया। ईडी के निशाने पर कई बालू माफिया भी हैं, जो अवैध तरीके से धंधा चला रहे हैं।

ईडी कैसे करती है काम

  • आरोप पत्र दाखिल करना: ईडी जांच के बाद आरोप पत्र दाखिल करती है।
  • अदालत में मामला चलाना: ईडी अदालत में मामला चलाती है और आरोपियों को दोषी ठहराने के लिए प्रयास करती है।
  • संपत्ति की जब्ती: ईडी आर्थिक अपराधों से प्राप्त संपत्ति की जब्ती करती है।

ईडी के मुख्य काम

  • मनी लॉन्डरिंग की जांच
  • वित्तीय अनियमितताओं का पता लगाना
  • अपराधियों की संपत्ति की जब्ती
  • आर्थिक अपराधों को रोकने के लिए नीतियों का निर्माण
  • विदेशी मुद्रा के अवैध लेन-देन की जांच
  • कर चोरी और अन्य वित्तीय अपराधों की जांच

Continue Reading

auto-news

Train Cancelled: किउल-गया रूट पर 45 दिनों तक ट्रेन सेवाओं में कटौती, वंदे भारत को लेकर नया आदेश जारी।

Published

on

किउल गया रेलखंड पर दो सिंगल लाइन के निर्माण कार्य के कारण 45 दिनों तक कई ट्रेनों का परिचालन रद्द रहेगा। 53616 गया जमालपुर फास्ट पैसेंजर से लेकर 53632 झाझा गया पैसेंजर तक कुल 8 ट्रेनों को 21 जनवरी से 6 मार्च तक रद्द कर दिया गया है। कामख्या गया ट्रेन का परिचालन मानपुर से किया जाएगा। बंदे भारत और गया हावड़ा एक्सप्रेस नियमित चलेंगी।

गया जंक्शन के प्लेटफार्म संख्या 4 एवं 5 के निर्माण कार्य को गति प्रदान करने के लिए किउल गया रेलखंड में चलने वाली कई ट्रेनों को 45 दिनों के लिए रद कर दिया गया है।

53616 गया जमालपुर फास्ट पैसेंजर, 53615 जमालपुर गया, 53636 गया किउल 53627 किउल गया,53634 गया किउल 53635 किउल गया, 53631 गया झाझा पैसेंजर, 53632 झाझा गया पैसेंजर ट्रेन को 21 जनवरी से 6 मार्च 25 तक रद कर दिया गया है।

वहीं, कामख्या गया रूट पर ट्रेन का परिचालन मानपुर से किया जाएगा। वंदे भारत और गया हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन का परिचालन नियमित रूप से चलता रहेगा।

इस संबंध में स्टेशन प्रबंधक रवि ने बताया कि वरिष्ठ अधिकारियों ने निर्माण कार्य को देखते हुए यह निर्णय लिया है।

घंटों ठप रहा ट्रेन का परिचालन

  • दूसरी तरफ, पटना-गया रेलखंड पर परिचालित 63242 डाउन सवारी गाड़ी का परिचालन रद कर देने और 63244 डाउन के रैक को कम कर देने से यात्रियों के बीच नाराजगी देखी गई।
  • नाराज यात्रियों ने सोमवार को पोठही स्टेशन पर 63244 डाउन ट्रेन को रोक जमकर हंगामा किया। इस दौरान 13347 पलामू एक्सप्रेस भी पोठही होम सिंग्नल पर खड़ी रही।
  • बाद में मौके पर पहुंची पुलिस ने यात्रियों को समझाकर किसी तरह से शांत कराया और करीब डेढ घंटे बाद पोठही स्टेशन से 63244 डाउन ट्रेन पटना के लिए रवाना हो सकी।
  • गौरतलब है कि गया जंक्शन पर प्लेटफार्म संख्या चार और पांच के विस्तारीकरण के कारण पीजी खंड से गुजरने वाली कई ट्रेनों का या तो रूट बदल दिया गया है अथवा उसका परिचालन स्थगित कर दिया गया है। 
  • पीजी खंड के कुछ ट्रेनों के रैक को कम कर दिया गया है। इससे यात्रियों को पटना और गया आनेजाने में काफी परेशानी हो रही है।

यात्रियों से खचाखच भरी थी ट्रेन

इधर मंगलवार की सुबह जैसे ही 63244 डाउन पोठही स्टेशन पर पहुंची पूर्व से ही यात्रियों से खचाखच भरी ट्रेन में यात्री सवार नहीं हो सके।

इससे नाराज होकर उन्होंने ट्रेन की ईंजन के आगे बैठकर विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया, जिससे ट्रेन वहीं रूकी रही।

यात्रियों का आरोप था कि दानापुर मंडल मनमानीपूर्ण तरीके से इस खंड पर बीते माह के अंतिम सप्ताह से ट्रेनों का परिचालन कर रहा है।

मंगलवार से 63242 डाउन ट्रेन रद कर दी गई है और फिर 63244 डाउन का रैक भी कम कर दिया गया है। इससे उन्हें पटना जाना मुश्किल हो गया है।

Continue Reading

Trending