Chhapra News सारण जिले के सरकारी स्कूलों में पढ़ाने का तरीका बदला जाएगा। छात्रों को रोचक तरीके से गणित और विज्ञान पढ़ाया जाएगा। कक्षा 6 से 7 तक के बच्चों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसके लिए शिक्षकों को प्रोजेक्ट बेस्ट लर्निंग के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रत्येक प्रोजेक्ट में ५ दिनों की गतिविधियाँ होंगी जिससे छात्रों को विषयों को समझने और सीखने का मौका मिलेगा।
सारण जिले के सरकारी मध्य विद्यालयों में विद्यार्थियों को रोचक तरीके से गणित और विज्ञान विषय को पढ़ाया जाएगा। कक्षा छह से लेकर आठवीं तक के बच्चों की गणित व विज्ञान की पढ़ाई पर जोर दिया जा रहा है।
विद्यालयों में विज्ञान-गणित की शिक्षा को प्रभावी बनाने को लेकर कक्षा की पाठ्य पुस्तक के पाठ पर आधारित माइक्रो इम्प्रूवमेंट प्रोजेक्ट (सूक्ष्म सुधार परियोजना) के आधार पर काम किया जाएगा।
इसको लेकर राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) के निर्देश पर शिक्षा विभाग मध्य विद्यालय के गणित विज्ञान के शिक्षकों को प्रोजेक्ट बेस्ट लर्निंग (पीबीएल) के लिए प्रशिक्षण दे रहा है। एससीईआरटी की ओर से दोनों विषयों की पुस्तकों में समाहित शीर्षकों के अनुरूप प्रोजेक्ट तैयार किये गए हैं।
स्कूलों में प्रोजेक्ट बेस्ड लर्निंग (परियोजना आधारित ज्ञान) कार्यक्रम को सरल और प्रभावी बनाने के लिए प्रत्येक प्रोजेक्ट के अंतर्गत पांच दिनों की गतिविधियां संचालित होंगी।इसमें छात्र-छात्राओं को पाठ्य पुस्तकों की बातों को पढ़कर समझने और कर के सीखने का अवसर मिलेगा।
2025-26 में सभी विद्यालयों में लागू कर दिया जाएगा
यह योजना सत्र 2025-26 में सभी विद्यालयों में शत प्रतिशत लागू कर दिया जाएगा। प्रोजेक्ट बेस्ट लर्निंग के मास्टर ट्रेनर शशि भूषण शाही ने बताया कि इसके अनुसार हर महीने में विज्ञान एवं गणित की पाठ्य पुस्तकों में से एक-एक पाठ का माइक्रो इम्प्रूवमेंट प्रोजेक्ट सभी स्कूलों में कक्षा छह, सात और आठवीं के बच्चों के लिए भेजा जाएगा। पुस्तकों में समाहित सभी शीर्षकों से संबंधित प्रोजेक्ट के पूरा होने तक यह सिलसिला चलता रहेगा।
हर एक माइक्रो इम्प्रूवमेंट प्रोजेक्ट में तीनों कक्षाओं के एक-एक प्रोजेक्ट शामिल रहेंगे। इसकी पहुंच सभी स्कूलों तक हो, इसके लिए इसे दीक्षा एप पर अपलोड किया जाएगा। मालूम हो कि नई शिक्षा नीति 2020 के तहत अब परियोजना आधारित पढ़ाई होनी है।
इसके लिए हर स्कूल में एससीईआरटी पांच दिनों की गतिविधि भेजेगा। इसके आधार पर ही स्कूलों में पढ़ाई होगी। इससे विद्यार्थियों को गणित एवं विज्ञान के जटिल विषयों को समझने में काफी सहूलियत होगी। इसमें विद्यार्थियों के विषय को पढ़ने के साथ-साथ प्रयोगात्मक तरीके से समझाया जाएगा। ताकि उन्हें गणित एवं विज्ञान कठिन न लगें।
प्रोजेक्ट आधारित शिक्षण क्या है?
- प्रोजेक्ट आधारित शिक्षण(पीबीएल) एक विधि है, यह एक अनुदेशात्मक पद्धति है जो छात्रों को एक आकर्षक अनुभव के माध्यम से ज्ञान और कौशल को लागू करके सीखने के लिए प्रोत्साहित करता है।
- यहां छात्र अपने आसपास के चीजों की घटनाओं से सीखते हैं, इसके माध्यम से भी प्रोजेक्ट के रूप में काम करते हैं।
- उससे वे जटिल विषयों को भी आसानी से समझ पाते हैं, इस विधि में शिक्षक एवं छात्र दोनों प्रयोगात्मक तरीके से काम करते हैं।