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Bihar News: नीतीश सरकार का बड़ा ऐलान, अब बिहार में होगा तेजी से उद्योगों का निर्माण

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प्रदेश में नई औद्योगिक इकाईयों के लिए 11 हजार एकड़ जमीन का प्रस्ताव जिलों से उद्योग विभाग के पास पहुंच गया है। वहीं 14 जिलों में प्रस्तावित जमीन की जांच पूरी हो गई है। आइडीए को 24 जिलों में जो जमीन उपलब्ध कराई गई है उसकी समीक्षा की जा रही है। प्रदेश में वैशाली से सबसे ज्यादा जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा।

 नई औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के उद्देश्य से औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जाने को ले अलग-अलग जिले से उद्योग विभाग को 11 हजार, 104 एकड़ जमीन अधिग्रहण का प्रस्ताव पहुंच गया है। जमीन अधिग्रहण को ले आगे कार्रवाई को यह प्रस्ताव आधारभूत संरचना विकास प्राधिकार के पास आ गया है।

अकेले पटना जिले में 245.61 एकड़ जमीन का अधिग्रहण नए औद्योगिक क्षेत्र के लिए किया जाएगा। वहीं बियाडा के पास अभी 1407 एकड़ जमीन औद्योगिक इकाइयों के लिए उपलब्ध है। प्रदेश में सबसे ज्यादा जमीन का अधिग्रहण वैशाली जिले में किया जाएगा। 

14 जिलों में प्रस्तावित जमीन की जांच पूरी

उद्योग विभाग से मिली आधिकारिक जानकारी के अनुसार आधारभूत संरचना विकास प्राधिकार (आइडीए) द्वारा अब तक 14 जिलों में प्रस्तावित जमीन की समीक्षा व जांच कर ली गई है। इसके तहत 376.11 सरकारी भूमि तथा 1380.42 एकड़ रैयती जमीन को उपयुक्त पाया गया है। वहीं आइडीए ने 14 जिलों में प्रस्तावित 531.32 एकड़ सरकारी जमीन तथा 583.51 एकड़ रैयती जमीन को औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जाने को ले अनुपयुक्त पाया है।

24 जिलों की जमीन की समीक्षा का मामला प्रक्रिया में

आईडीए को 24 जिलों में जो जमीन उपलब्ध कराई गई है उसकी समीक्षा की जा रही है। समीक्षा का कार्य पूरा होने के बाद जमीन अधिग्रहण का कार्य किया जाएगा। 

वैशाली से सबसे अधिक 1321.64 एकड़ जमीन का प्रस्ताव

उद्योग विभाग को जिलों से औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जाने को ले जमीन उपलब्धता के बारे में जो प्रस्ताव मिले हैं उनमें सबसे अधिक 1321.64 एकड़ का प्रस्ताव वैशाली से मिला है। दूसरे नंबर पर 991.225 एकड़ जमीन का प्रस्ताव बेगूसराय जिले से आया है। तीसरे नंबर पर भागलपुर है जहां 833.50 एकड़ का प्रस्ताव है। इसके बाद प्रदेश के अन्य जिलों का नंबर है। 
जिलों से उद्योग विभाग को इस तरह से मिले जमीन के प्रस्ताव

अररिया -44.515 एकड़, अरवल-25 , औरंगाबाद- 441.79, बांका-234.10, भोजपुर-150, बक्सर-43.07, दरभंगा- 791, पूर्वी चंपारण-536, गया-100, गोपालगंज-39.60, जमुई-101.40।

जहानाबाद- 284.42, कैमूर- 68, कटिहार- 126, 47, खगड़िया- 59, किशनगंज- 77, लखीसराय-100, मधेपुरा-622, मधुबनी- 425, मुंगेर-120, मुजफ्फरपुर 313, नालंदा- 191।

नवादा- 374, पूर्णिया-280, रोहतास- 78, सहरसा- 104, समस्तीपुर- 294, सारण-25.57, शेखपुरा- 127, शिवहर-287, सीतामढ़ी- 502, सिवान- 167, सुपौल-597 व पश्चिमी चंपारण 252 एकड़।

जमीन अधिग्रहण का कार्य पूरा होने के बाद प्रदेश में नई औद्योगिक इकाइयों की स्थापना की जाएगी। इससे प्रदेश में रोजगार के नए साधन निर्मित होंगे। साथ ही निवेश भी बढे़गा। 

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Bihar Politics: क्या कांग्रेस कर रही है तेजस्वी यादव के नेतृत्व का विरोध? महागठबंधन में गहराता संकट

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बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन के दलों के बीच आपसी तनातनी देखने को मिल रही है। हाल ही में आयोजित महागठबंधन की बैठक में सभी दलों के नेताओं ने कहा कि तेजस्वी के नेतृत्व में वे आगामी चुनाव लड़ेंगे। वहीं अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तारिक अनवर ने कहा कि राजद बड़ी पार्टी लेकिन जिसके ज्यादा विधायक उसका मुख्यमंत्री बनेगा।

बिहार विधानसभा चुनाव में भले ही अभी कुछ देर हो, लेकिन राजद-कांग्रेस में मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर तनातनी जारी है। हाल ही में पूर्व मंत्री आलोक मेहता के आवास पर हुई राजद, कांग्रेस सहित तीनों वामदलों (भाकपा, माकपा व भाकपा-माले) के विधायक-विधान पार्षदों की बैठक में नेताओं ने स्पष्ट किया कि तेजस्वी के नेतृत्व को लेकर महागठबंधन में कोई विवाद नहीं है।

वहीं, अब कांग्रेस सांसद और वरिष्ठ नेता तारिक अनवर के बयान के बाद एक बार फिर महागठबंधन में सीएम चेहरे को लेकर विवाद छिड़ता दिख रहा है।

ज्यादा विधायक वाली पार्टी का होगा मुख्यमंत्री

कांग्रेस सांसद और वरिष्ठ नेता तारिक अनवर ने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल निश्चित रूप से महागठबंधन में सबसे बड़ा दल है और उसकी जिम्मेदारी भी ज्यादा है, लेकिन व्यवस्था यही रही है कि जिसके ज्यादा विधायक होंगे मुख्यमंत्री भी उसी पार्टी का होगा।

सीट बंटवारे को लेकर कोई चर्चा नहीं

तारिक अनवर शुक्रवार को कटिहार में थे, जहां उन्होंने मीडिया को यह बयान दिया। तारिक अनवर ने कहा कि सीटों के बंटवारे को लेकर अभी तक महागठबंधन के सहयोगी दलों के बीच कोई बैठक नहीं हुई है। सीटों के संबंध में जब बातें होंगी तो उसे मीडिया को भी साझा किया जाएगा।

अजीत शर्मा ने भी सीएम फेस को लेकर दिया बयान

  • तारिक अनवर पहले नेता नहीं हैं, जिन्होंने महागठबंधन में सीएम चेहरे को लेकर ऐसा बयान दिया है। इससे पहले कांग्रेस नेता अजीत शर्मा ने मुख्यमंत्री फेस को लेकर अपना बयान दिया था।
  • अजीत शर्मा ने बुधवार को यह कहकर नया विवाद शुरू कर दिया था कि चुनाव परिणाम के बाद विधायक तय करेंगे कि महागठबंधन की सरकार में मुख्यमंत्री कौन बनेगा।

शीर्ष नेतृत्व लेगा अंतिम निर्णय

हालांकि, शर्मा ने यह भी कहा था कि इस बात का अंतिम निर्णय सोनिया गांधी और राहुल गांधी के स्तर पर लिया जाएगा। राजद-कांग्रेस के बीच मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर लगातार ऐसे बयान सामने आने के बाद राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा है कि बिहार में महागठबंधन के नेताओं के बीच आपस में तनातनी का माहौल है।

एकजुटता के संदेश के बाद शुरू हुई बयानबाजी

गुरुवार को ही नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की ओर से महागठबंधन दल के नेताओं की एक संयुक्त बैठक बुलाई गई थी। राजद नेता आलोक मेहता के आवास पर हुई इस बैठक में तेजस्वी ने सभी दलों से एकजुटता प्रदर्शित करने की अपील की थी।

इसके अगले ही दिन कांग्रेस नेताओं के ऐसे बयानों से ये स्पष्ट होता है कि आने वाले दिनों में बिहार में महागठबंधन की राह आसान नहीं रहने वाली है।

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Bihar Budget : विधानसभा में विपक्ष के शोर से भड़के नीतीश कुमार, शिक्षा से जुड़े सवाल पर राजद पर किया तीखा हमला

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आज नीतीश सकार विधानसभा में पथ निर्माण विभाग, पंचायती राज विभाग, कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, पर्यटन विभाग, अनुसूचित जाति- अनुसूचित जनजाति विभाग, कल्याण विभाग और खेल विभाग समेत विभागों का बजट पेश करेगी।

विधान परिषद् में भी भड़क गए सीएम नीतीश कुमार
आज बिहार विधानसभा के बाद अब विधान परिषद में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लालू प्रसाद की पार्टी की महिला एमएलसी पर भड़क गए। उन्होंने राबड़ी देवी की ओर इशारा करते हुए कहा, “जब इनके पति डूब गए, तो इन्हें मुख्यमंत्री बना दिया गया।” दरअसल, एमएलसी शशि यादव स्कूलों से जुड़े सवाल उठा रही थीं, जिस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गुस्से में आ गए। राजद की महिला एमएलसी महिला हिंसा (नालंदा में महिला के तलवों में कील ठोकने) और शिक्षा मामले पर प्रदर्शन कर रही थीं। इसी पर सीएम नीतीश कुमार खड़े हो गए और लालू राज पर हमला बोला।

लंच ब्रेक ने बाद पेश होगा सात विभागों का बजट
विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्रवाई दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। इसके बाद सदन में सात विभागों के बजट पेश किए जाएंगे। 

माले विधायक को सदन में इस बात की मिली बधाई
विधानसभा में सवाल पूछने के लिए खड़े हुए माले विधायक संदीप सौरभ को सत्ता पक्ष की ओर से शादी की बधाई दी गई। विधानसभा अध्यक्ष ने पूूछा कि आप ससुराल से कब आए। इसपर मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि हम सभी की ओर से माननीय सदस्य को शादी की बधाई दी जाए। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें शादी की बधाई एवं शुभकामनाएं दी।

ट्रांसफार्मर चोरी पर ऊर्जा मंत्री के कही यह बात
रामप्रवेश राय (बरौली) क्या मंत्री, ऊर्जा विभाग, यह बतलाने की कृपा करेंगे कि क्या यह बात सही है कि गोपालगंज जिला के बरौली विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत मांझा एवं बरौली प्रखंडों के विभिन्न पंचायतों में कृषि फेज का तार एवं ट्रान्सफॉर्मर की चोरी हो जाने के बाद वहाँ विभाग द्वारा तार ट्रान्सफॉर्मर नहीं लगाने के चलते बिजली आपूर्ति नहीं होने से कृषि कार्य प्रभावित हो रहा है, यदि हाँ, तो सरकार कबतक उक्त स्थानों पर तार ट्रान्सफॉर्मर लगाने का विचार रखती है, नहीं, तो क्यों ? इस पर जवाब देते हुए मंत्री विजेंद्र यादव ने कहा कि चोरी हुई है। इसकी जांच करवाई जाएगी। नया ट्रांसफार्मर लगाया जाएगा।

विधायक प्रमोद कुमार ने पूछा कि क्या मंत्री, स्वास्थ्य विभाग, यह बतलाने की कृपा करेंगे कि न्या यह बात सही है कि मोतिहारी जिला में अवस्थित रविन्द्र नाथ मुखर्जी आयुर्वेद चिकित्सा महाविद्यालय तिहारी, पूर्वी चम्पारण विगत 20 वर्षों से बंद पड़ा है जिसका तत्कालीन मुख्यमंत्री स्व. वन्देश्वरी दूबे द्वारा सरकारीकरण की घोषणा के बावजूद सरकारीकरण नहीं हो सका, जिस कारण सरकारी सम्पत्ति जीर्ण-शीर्ण हो रही है, यदि हाँ, तो सरकार बंद पड़ी महाविद्यालय की परिसंपत्ति की सरकारी भूमि को महात्मा गांधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय को स्थानांतरित कर बंद पड़े आयुर्वेद चिकित्सा महाविद्यालय को बालू कराने का विचार रखती है, यदि हां, ‘तो कबतक, नहीं, तो क्यों ? इस पर मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि सरकारी महाविद्यालय नहीं है। वह निजी कॉलेज है। सरकार का इसपर सीधा नियंत्रण नहीं होता है।

जानिए अचानक खड़े क्यों हो गए सीएम 
बिहार विधानसभा सत्र की शुरुआत होते ही विपक्ष के विधायकों ने महिला हिंसा के खिलाफ जमकर हंगामा किया। विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें समझाने की कोशिश की लेकिन वह नहीं माने। इसी बीच भाकपा माले के विधायक वेल में आ गए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। विधायकों ने नालंदा में महिला के साथ हुए बर्बरता का मुद्दा उठाया। इसी बीच अचानक सीएम नीतीश कुमार खड़े हो गए और हंगामा कर रहे विधायकों के सामने हाथ जोड़कर कहा कि हम आप लोग के सामने हाथ जोड़ने हैं। आप लोग बात जाइए। लेकिन, हंगामा कर रहे विधायकों ने उनकी बात नहीं सुनी। इसपर सीएम नीतीश भड़क गए। उन्होंने कहा कि ‘सुनो, फालतू बात करते हो… इनसब चीजों पर प्रदर्शन की कोई जरूरत नहीं है। कहीं भी कुछ होता है तो मैं तत्काल अधिकारियों से कार्रवाई के लिए कहता हूं। इसके बाद माले विधायक अपनी सीट पर बैठ गए।

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Bihar News : सांसद और कसबा विधायक के समर्थकों में जोरदार भिड़ंत, छोटे से विवाद ने लिया बड़ा रूप

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पूर्णिया के सांसद और कसबा विधायक के समर्थकों के बीच जमकर मारपीट हुई। विधायक समर्थकों ने सांसद समर्थकों को पिटाई करने के साथ-साथ बंधक भी बना लिया। 

पूर्णिया में सांसद और कसबा विधायक के समर्थकों के बीच जमकर मारपीट हुई है। विधायक समर्थकों ने सांसद समर्थकों को न सिर्फ जमकर पिटाई की बल्कि उन्हें बंधक भी बना लिया। मारपीट में सांसद के करीब 6 समर्थक घायल हो गए। घटना की सूचना पर पुलिस की चार गाड़ियां मौके पर पहुंची, जिसके बाद किसी तरह मामला शांत हो सका। घटना  कसबा थाना क्षेत्र के सबदलपुर पंचायत की है। घटनाक्रम को लेकर सांसद समर्थकों की ओर कसबा विधायक के समर्थकों के खिलाफ स्थानीय कसबा थाना में आवेदन दिया गया है। पुलिस पूरे मामले की जांच में जुट गई है। वहीं विधायक समर्थकों के द्वारा सांसद समर्थकों के साथ की गई मारपीट का लाइव वीडियो भी सामने आया है। वीडियो में विधायक समर्थक सांसद समर्थकों के साथ मारपीट और गाली-गलौज करते दिखाई दे रहे हैं। घायलों में निर्दलीय सांसद पप्पू यादव के जिला सचिव मो रिजवान और सांसद समर्थक मो मुफ्तार शामिल हैं।

जमीन को लेकर हुआ विवाद 
सांसद समर्थक मो रिजवान और सांसद समर्थक मो मुफ्तार ने बताया कि कसबा थाना क्षेत्र के सबदलपुर पंचायत की जमीन को लेकर सांसद समर्थक मो मुफ्तार का जमीन से जुड़ा पारिवारिक विवाद चल रहा है। इसी विवाद में जमीन के रुपए गबन करने के नीयत से पारिवारिक सदस्य ने 10 दिन पहले उन्हें बंधक बना लिया। जिस वजह से काफी खोजबीन के बाद भी सांसद समर्थक के पिता की कोई खोज खबर नहीं मिल पा रही थी। खोजबीन के क्रम में ग्रामीणों की ओर से पिता के सबदलपुर में रहने वाले पारिवारिक सदस्यों द्वारा बंधक बनाकर पिता मो कालू को घर में छिपाए रखने की जानकारी मिली। जिसके बाद वे अपने कुछ साथियों के साथ उन्हें छुड़ाने सबदलपुर पहुंचे। गांव में उनके पहुंचने की बात मालूम चलते ही कांग्रेस विधायक अफाक आलम के समर्थक राजनीत से प्रेरित होकर विरोधी पक्ष की ओर से खड़े हो गए। विधायक के भाई के इशारे पर मामले को तुल देकर भड़काया गया। जिसका विरोध करने पर विधायक समर्थकों ने उनके साथ मारपीट करते हुए उन्हें बंधक बना लिया।

जांच में जुटी पुलिस 
मामले की जानकारी मिलते ही कसबा थाना की पुलिस मौके पर पहुंची। स्थिति काफी तनावपूर्ण हो गई थी, जिस वजह से पुलिस की 3 अतिरिक्त गाड़ियां मौके पर बुलानी पड़ी। इसके बाद किसी तरह उन्हें विधायक समर्थक के चंगुल से निकाला गया। इसके बाद मामला शांत हो सका। सांसद समर्थकों ने इलाज के बाद स्थानीय कसबा थाना में विधायक समर्थकों पर मारपीट का आरोप लगाते हुए आवेदन दिया है। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।

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