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Bihar Job: बिहार में नए साल पर बंपर भर्ती, 6 हजार से अधिक स्कूल सहायकों के पदों पर होगी नियुक्ति।

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बिहार में उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालयों में 6421 विद्यालय सहायकों के पद सृजन किए गए हैं नए साल में इन पदों पर नियुक्ति की तैयारी है। विद्यालय सहायकों को 16500 रुपये मासिक नियत वेतन दिया जाएगा। इसके साथ ही 500 रुपये वार्षिक वेतन वृद्धि की जाएगी। नियुक्ति संबंधी प्रस्ताव को कैबिनेट के बाद वित्त विभाग से भी मंजूरी मिल गई है।

 शिक्षा विभाग की ओर से नये साल में राज्य में नवस्थापित एवं उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालयों में 6,421 विद्यालय सहायकों की नियुक्ति की तैयारी की जा रही है। प्रत्येक विद्यालय सहायक का 16,500 रुपये मासिक नियत वेतन तय किया गया है और इसमें 500 रुपये का वार्षिक वेतन वृद्धि करने को सहमति दी गई है। विद्यालय सहायकों की नियुक्ति नियोजन इकाइयों के माध्यम से होगी।

शिक्षा विभाग के मुताबिक उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालयों में 6,421 विद्यालय सहायकों के पद सृजन किया जा चुका है। इसके बारे में सितंबर में ही महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी) को जानकारी दी जा चुकी है।

प्रत्येक नवस्थापित एवं उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालयों में एक-एक विद्यालय सहायक की नियुक्ति संबंधी प्रस्ताव को वित्त विभाग से भी सहमति मिल चुकी है, जबकि इस पर कैबिनेट की स्वीकृति पहले ही मिल चुकी है।
विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि विद्यालय सहायक के पद राजकीयकृत माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक और प्रोजेक्ट विद्यालयों में लिपिक एवं अनुसेवक के मरणशील पद प्रत्यर्पित करते हुए सृजित किए गए हैं।इससे संबंधित संकल्प में विद्यालय सहायक के नियोजन की प्रक्रिया, अर्हता, सेवाशर्त, अनुशासनिक कार्रवाई निर्धारित है। उसके अनुरूप ही नवसृजित पदों पर कार्रवाई की जाएगी।

किस जिले में कितने विद्यालय सहायकों की होगी नियुक्ति

बेगूसराय में 177 विद्यालय सहायक नियुक्त किए जाएंगे।

पटना में 210 विद्यालय सहायक नियुक्त किए जाएंगे।

नालंदा में 149 विद्यालय सहायक नियुक्त किए जाएंगे।

भोजपुर में 147 विद्यालय सहायक नियुक्त किए जाएंगे।

बक्सर में 88 विद्यालय सहायक नियुक्त किए जाएंगे।

रोहतास में 166 विद्यालय सहायक नियुक्त किए जाएंगे।

कैमूर में 121 विद्यालय सहायक नियुक्त किए जाएंगे।

गया में 258 विद्यालय सहायक नियुक्त किए जाएंगे।

जहानाबाद में 59 विद्यालय सहायक नियुक्त किए जाएंगे।

अरवल में 33 विद्यालय सहायक नियुक्त किए जाएंगे।

नवादा में 142 विद्यालय सहायक नियुक्त किए जाएंगे।

औरंगाबाद में 140 विद्यालय सहायक नियुक्त किए जाएंगे।

मुजफ्फरपुर में 305 विद्यालय सहायक नियुक्त किए जाएंगे।

सीतामढ़ी में 184 विद्यालय सहायक नियुक्त किए जाएंगे।

शिवहर में 44 विद्यालय सहायक नियुक्त किए जाएंगे।

वैशाली में 232 विद्यालय सहायक नियुक्त किए जाएंगे।

पूर्वी चंपारण में 341 विद्यालय सहायक नियुक्त किए जाएंगे।

पश्चिमी चंपारण में 277 विद्यालय सहायक नियुक्त किए जाएंगे।

सारण में 240 विद्यालय सहायक नियुक्त किए जाएंगे।

सिवान में 226 विद्यालय सहायक नियुक्त किए जाएंगे।

गोपलगंज में 185 विद्यालय सहायक नियुक्त किए जाएंगे।

दरभंगा में 268 विद्यालय सहायक नियुक्त किए जाएंगे।

मधुबनी में 296 विद्यालय सहायक नियुक्त किए जाएंगे।

समस्तीपुर में 318 विद्यालय सहायक नियुक्त किए जाएंगे।

सहरसा में 121 विद्यालय सहायक नियुक्त किए जाएंगे।

सुपौल में 144 विद्यालय सहायक नियुक्त किए जाएंगे।

मधेपुरा में 131 विद्यालय सहायक नियुक्त किए जाएंगे।

पूर्णिया में 208 विद्यालय सहायक नियुक्त किए जाएंगे।

अररिया में 186 विद्यालय सहायक नियुक्त किए जाएंगे।

किशनगंज में 117 विद्यालय सहायक नियुक्त किए जाएंगे।

कटिहार में 202 विद्यालय सहायक नियुक्त किए जाएंगे।

भागलपुर में 174 विद्यालय सहायक नियुक्त किए जाएंगे।

बांका में 130 विद्यालय सहायक नियुक्त किए जाएंगे।

मुंगेर में 65 विद्यालय सहायक नियुक्त किए जाएंगे।

शेखपुरा में 36 विद्यालय सहायक नियुक्त किए जाएंगे।

लखीसराय में 75 विद्यालय सहायक नियुक्त किए जाएंगे।

जमुई में 130 विद्यालय सहायक नियुक्त किए जाएंगे।

खगड़िया में 96 विद्यालय सहायक नियुक्त किए जाएंगे।

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Bihar: फर्जी 10वीं के सर्टिफिकेट से पास की BPSC परीक्षा, नौकरी मिलते ही जुट गए गैरकानूनी संपत्ति इकट्ठा करने में।

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बिहार में अंचलाधिकारी प्रिंस राज ने बीपीएससी परीक्षा में सफल होने के लिए दसवीं कक्षा का फर्जी प्रमाण पत्र का सहारा लिया। एसवीयू की छापेमारी में यह सामने आया कि उन्होंने अपनी घोषित आय से 93% अधिक अवैध संपत्ति जमा कर रखी है। प्रिंस राज ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए यह संपत्ति अर्जित की। छापेमारी के दौरान उनके ठिकानों से मकान, फ्लैट, बैंक खातों में बड़ी रकम और सोने-चांदी के आभूषण बरामद हुए। अलग-अलग जगहों पर तैनाती के दौरान उन्होंने बड़ी मात्रा में काली कमाई की।

1 . विशेष निगरानी इकाई ने निलंबित अंचलाधिकारी के ठिकानों पर की छापेमारी|

2 . जांच के दौरान कई तरह की संपत्तियों के अधिग्रहण से जुड़े सबूत भी हाथ लगे|

राज्य ब्यूरो, पटना। भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही कार्रवाई के तहत बुधवार को विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) ने सुपौल के निलंबित अंचलाधिकारी (सीओ) प्रिंस राज के दो स्थानों पर एक साथ छापेमारी की। इस कार्रवाई में उनके पास से बड़ी मात्रा में चल और अचल संपत्ति के साक्ष्य मिले हैं। जांच में यह भी सामने आया कि प्रिंस राज ने अपनी छह साल की सेवा अवधि में घोषित आय से करीब 93 प्रतिशत अधिक अवैध संपत्ति जुटाई है।
इसके अलावा, छापेमारी में यह भी प्रमाण मिले हैं कि उन्होंने फर्जी मैट्रिक प्रमाण पत्र बनवाया था, उम्र में चार साल की कटौती की, और उसी दस्तावेज के आधार पर बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास की।

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Begusarai News:बेगूसराय में एक नई कंपनी लगाने जा रही है अपना प्लांट, करेगी 1000 करोड़ रुपये का निवेश।

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Begusarai News :सॉफ्ट ड्रिंक निर्माता कैंपा कोला बिहार में अपनी पहली उत्पादन इकाई बेगूसराय जिले में स्थापित करने जा रही है। कंपनी इस प्रोजेक्ट में करीब 1000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी और 35 एकड़ भूमि पर प्लांट तैयार किया जाएगा। इस प्रस्ताव को बियाडा की प्रोजेक्ट क्लीयरेंस कमेटी से स्वीकृति मिल चुकी है। इसके साथ ही, मुजफ्फरपुर में एक कैटल फीड कंपनी भी स्थापित की जाएगी, जिसमें करीब 20 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।

1. कैंपा कोला कंपनी बेगूसराय में अपना निर्माण संयंत्र स्थापित करने की तैयारी कर रही है।

2 . रोजगार की तलाश कर रहे युवाओं को कार्य के नए अवसर मिलेंगे।

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Bihar Police Today News :पुलिस मुख्यालय ने जारी किया नया आदेश, इन पुलिस अधिकारियों को नहीं मिलेगी थानाध्यक्ष की जिम्मेदारी।

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Bihar Police Today News :पुलिस मुख्यालय ने राज्य में थानाध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन निर्देशों के तहत वे पुलिस अधिकारी जो किसी मामले में दोषी करार दिए गए हों, जिन पर नैतिक गिरावट के आरोप सिद्ध हुए हों, उन्हें थानाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी नहीं सौंपी जाएगी। यह नियम भ्रष्टाचार और हिरासत में हिंसा जैसे गंभीर मामलों में भी लागू रहेगा।

1.थानाध्यक्ष पद पर नियुक्ति के लिए मुख्यालय द्वारा कुछ विशेष योग्यताएं निर्धारित की गई हैं।

2. अदालत द्वारा दोषी ठहराए गए अधिकारियों को थानाध्यक्ष नहीं बनाया जाएगा।

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