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Bihar: CM नीतीश की यात्रा की तारीख अभी तय नहीं, लेकिन अधिकारी तैयारी में जुटे; जहां पहले हुआ था कार्यक्रम, वहां के हालात जानें।

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साल 2019 में जल जीवन हरियाली यात्रा के तहत सीएम नीतीश कुमार शेखपुरा जिले के मटोखर गांव पहुंचे थे, जहां प्रशासन ने बडी धूमधाम से गांव को पेड़-पौधों से सजाकर अपनी पीठ थपथपाई। लेकिन मुख्यमंत्री के जाने के बाद, गांववासियों के अरमानों पर पानी फिर गया।

साल 2005 से अब तक के अपने कार्यकाल में सीएम नीतीश कुमार की यह 15वीं यात्रा होगी। उन्होंने पहली यात्रा 2005 में की थी। उनकी हर यात्रा का नामकरण होता है। उनकी पहली यात्रा न्याय यात्रा थी। उन्होंने 2009 में तीन यात्राएं कीं, इनमें पहली विकास यात्रा, दूसरी न्याय यात्रा और तीसरी प्रवास यात्रा थी। साल 2010 में वे विश्वास यात्रा पर निकले। साल 2011 में सेवा यात्रा निकाली। 2012 में नीतीश कुमार की ‘अधिकार’ यात्रा चली। 2014 में ‘संकल्प’ यात्रा और ‘संपर्क’ यात्रा पर निकले। 2016 में उनकी ‘निश्चय’ यात्रा तो 2017 में ‘विकास कार्यों की समीक्षा’ यात्रा हुई। विधानसभा चुनाव से पहले 2019 में उन्होंने जल-जीवन-हरियाली यात्रा और 2021 में ‘समाज सुधार’ यात्रा की। लोकसभा चुनाव के पहले 2023 में उनकी ‘समाधान’ यात्रा हुई थी। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले नीतीश कुमार अब ‘महिला संवाद’ यात्रा पर निकलने वाले हैं।

वर्ष 2019 में जल जीवन हरियाली यात्रा के तहत सीएम नीतीश कुमार शेखपुरा के मटोखर गांव पहुंचे थे, जहां प्रशासन ने बड़े तामझाम से गांव को सजाया था। लेकिन मुख्यमंत्री के जाते ही गांववासियों के अरमानों पर पानी फिर गया। सूख गए पेड़, गायब हो गए बतख, और गंदगी से भरी तालाब की सीढ़ियां गांव के बदहाल हालात की गवाही दे रही हैं। मनरेगा से बने तालाब, वर्मी कम्पोस्ट खेती और अन्य योजनाएं भी पूरी तरह से नकारा हो गईं। ग्रामीणों का कहना है कि मुख्यमंत्री की जल जीवन हरियाली यात्रा एक सिनेमा हॉल की तरह बंद हो गई। इसी तरह, 2023 में मुख्यमंत्री के आने पर महसार गांव में किए गए करोड़ों रुपये के खर्चों के बावजूद अब वहां भी कुछ नहीं बचा।

महसार गांव में पंचायत सरकार भवन के टूटे-फूटे शीशे, बंद दरवाजे, खराब पंखा, गड्ढों में भैंसों का जमावड़ा और बिखरे हुए बतासे जैसे हालात हैं। जिम और पार्क की पूरी सामग्री नष्ट हो चुकी है, जबकि अस्पताल में न डॉक्टर हैं न नर्स। यहां पर खर्च किए गए करोड़ों रुपये जल्दबाजी में हुए कामों के कारण गायब हो गए हैं। डीहा गांव में मुख्यमंत्री की पहल पर शुरू की गई नल जल योजना भी विफल हो गई, अब ग्रामीणों को पानी के लिए खेतों में बोरिंग का सहारा लेना पड़ रहा है। इन सभी समस्याओं के बीच, अधिकारियों ने संभावित गांवों का दौरा शुरू कर दिया है, ताकि मुख्यमंत्री की यात्रा से पहले योजनाओं को धरातल पर उतारा जा सके।

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Ed Raid in Bihar: ED ने रेलवे क्लेम घोटाले में बड़ी छापेमारी की, पटना और नालंदा में 5 ठिकानों पर जांच जारी।

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बिहार में ईडी की ताबड़तोड़ छापामारी जारी है। ईडी ने रेलवे क्लेम घोटाले मामले में बुधवार की सुबह से पटनानालन्दा और मैंगलूर समेत पांच स्थानों पर अपनी कार्रवाई को अंजाम दिया है। रेलवे के कर्मचारियों के नाम पर फर्जी दस्तावेजों के सहारे करीब 100 करोड़ से अधिक से का घोटाला किया गया है। ईडी के रडार पर वकील न्यायिक अधिकारी से लेकर सरकारी अधिकारी हैं।

 रेलवे क्लेम घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय ने बुधवार की सुबह से पटना,नालन्दा और मैंगलूर समेत पांच स्थानों पर अपनी कार्रवाई को अंजाम दिया है। यह घोटाला 100 करोड़ से अधिक का माना जा रहा है। यह घोटाला रेलवे कर्मचारियों के नाम पर फर्जी दस्तावेजों के सहारे किया गया है।

ईडी इस मामले में कई न्यायिक अधिकारियों, वकीलों और सरकारी कर्मचारियों की भूमिका की जांच कर रही है। खासकर, रेलवे न्यायिक अधिकारी रहे आर.के. मित्तल और वकील बी.एन. सिंह के ठिकानों पर छापेमारी की गई है। उल्लेखनीय है कि आर.के. मित्तल को कुछ साल पहले भ्रष्टाचार के आरोप में सेवा से बर्खास्त किया गया था।

रेलवे में हुए करोड़ो के इस घोटाले में सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति उदय यू. ललित की पीठ के निर्देश पर सीबीआइ ने यह मामला दर्ज किया था।

माना जा रहा है कि इस घोटाले में रेलवे कर्मचारियों के नाम पर फर्जी दावे दाखिल किए गए थे और फिर उन दावों के आधार पर बड़ी रकम हड़पी गई थी। इस पूरे रैकेट में कई लोगों की मिलीभगत थी।

सूत्रों की माने तो एक-एक व्यक्ति के नाम पर चार-चार बार धन की उगाही की गई। मामला वर्ष 2015-2018 के बीच का है। सीबीआइ की कार्रवाई को आधार बनाकर प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले की जांच शुरू की थी।

बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भारत सरकार की एक प्रमुख जांच एजेंसी है, जो आर्थिक अपराधों और वित्तीय अनियमितताओं की जांच करने के लिए जिम्मेदार है। बता दें कि ईडी अलग-अलग मामलों में बिहार में लगातार धावा बोल रही है।

हाल में ही महुआ ग्रुप ऑफ कंपनी पर ईडी ने शिकंजा कसते हुए उसके संचालक को गिरफ्तार कर लिया। ईडी के निशाने पर कई बालू माफिया भी हैं, जो अवैध तरीके से धंधा चला रहे हैं।

ईडी कैसे करती है काम

  • आरोप पत्र दाखिल करना: ईडी जांच के बाद आरोप पत्र दाखिल करती है।
  • अदालत में मामला चलाना: ईडी अदालत में मामला चलाती है और आरोपियों को दोषी ठहराने के लिए प्रयास करती है।
  • संपत्ति की जब्ती: ईडी आर्थिक अपराधों से प्राप्त संपत्ति की जब्ती करती है।

ईडी के मुख्य काम

  • मनी लॉन्डरिंग की जांच
  • वित्तीय अनियमितताओं का पता लगाना
  • अपराधियों की संपत्ति की जब्ती
  • आर्थिक अपराधों को रोकने के लिए नीतियों का निर्माण
  • विदेशी मुद्रा के अवैध लेन-देन की जांच
  • कर चोरी और अन्य वित्तीय अपराधों की जांच

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Bihar: बिहार में मरीजों की बढ़ी मुसीबतें, NMCH के छात्र और डायल 102 का स्टाफ हड़ताल पर; अस्पताल में अफरा-तफरी का माहौल

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डायल 102 के एंबुलेंस के कर्मी भी हड़ताल पर चले गए हैं। इनका कहना है कि नई एजेंसी के प्रति एंबुलेंस कर्मचारियें का कई बिंदुओं पर संशय बना हुआ है। एजेंसी इनका समाधान करने के बजाय मनचाहे ढंग से नियमों को जबरन लागू कर रही है।

आज पटना के सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए जाने वाले मरीजों को परेशानी हो रही है। इसके दो-दो कारण हैं। पहला यह है कि नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के मेडिकल स्टूडेंट का हड़ताल पर चले गए हैं। एनएमसीएच में इंटर्नशिप कर रहे स्टूडेंट स्टाइपेंड की मांग कर रहे हैं। वहीं दूसरा यह है कि डायल 102 के एंबुलेंस के कर्मी भी हड़ताल पर चले गए हैं। इनका कहना है कि नई एजेंसी के प्रति एंबुलेंस कर्मचारियें का कई बिंदुओं पर संशय बना हुआ है। एजेंसी इनका समाधान करने के बजाय मनचाहे ढंग से नियमों को जबरन लागू कर रही है। इसका समाधान किया जाए। 

जानिए, मेडिकल स्टूडेंट क्या क्या किया
मंगलवार को एनएमसीएच के मेडिकल स्टूडेंट हड़ताल पर चले गए। छात्र-छात्राओं ने अस्पताल परिसर में जमकर प्रदर्शन किया। कुछ देर के लिए रजिस्ट्रेशन काउंटर को बंद करवा दिया और ओपीडी भी बाधित कर दिया। मेडिकल स्टूडेंट की मांग है कि अस्पताल प्रबंधन फंड नहीं आने की बात कह स्टाइपेंड नहीं दे रहे। जुलाई 2024 से वह स्टाइपेंड की मांग कर रही है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इसलिए हमलोगों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का एलान किया है। 

अब जानिए एबुलेंसकर्मी क्या कह रहे
बुधवार सुबह से ही एंबुलेंसकर्मी गर्दनीबाग धरनास्थल पर बैठे हुए हैं। बिहार एंबुलेंस महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद मुस्लिम आदि नेताओं ने कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती है, तब तक धरना प्रदर्शन करते रहेंगे। एबुलेंसकर्मियों को अनुचित तरीके से ट्रांसफर कर बिना कारण नौकरी से हटा दिया जाता है। यह अन्याय है। सरकार को हमलोगों के साथ न्याय करना होगा।  

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Bihar News: खबर का असर: बेतिया राज की जमीन पर चल रहे अवैध निर्माण कार्य को पुलिस ने रुकवाया, FIR दर्ज; जानें पूरा मामला

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Bihar: थानाध्यक्ष अनुज कुमार पांडे ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि कदमवा गोला चौक स्थित बेतिया राज की कीमती भूमि पर मकान का निर्माण कार्य चोरी छिपे कराया जा रहा है। छापेमारी के बाद कई मजदूर भाग निकले थे।

मोतिहारी में अमर उजाला की खबर का असर देखने को मिला है। बीते दिनों बताया गया था कि कैसे मोतिहारी में बेतिया राज के जमीन का भूमाफियाओं की सांठ गांठ से बंदरबांट किया जा रहा है। मोतिहारी के घोड़ासहन थानाक्षेत्र के  कदमवा गोला चौक के निकट बेतिया राज के जमीन पर चल रहे निर्माण कार्य को प्रशासन की टीम ने मंगलवार की देर रात्रि पहुंचकर रोक दिया है।

मौके से पुलिस ने निर्माण कार्य में लगे मोटर, कुदाल, तगार सहित अन्य उपकरण को जब्त कर थाने पर लेकर आई है। कार्यस्थल पर निर्माण कार्य में लगे मुंशी से पुलिस आवश्यक पूछताछ करने में जुटी है।

थानाध्यक्ष सह इंस्पेक्टर अनुज कुमार पांडे ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि कदमवा गोला चौक स्थित बेतिया राज की कीमती भूमि पर मकान का निर्माण कार्य चोरी छिपे कराया जा रहा है।

तत्पश्चात छापेमारी टीम का गठन कर उक्त जगह पर छापेमारी की गयी। हालांकि छापेमारी की भनक लगते ही कई मजदूर भाग निकले। घोड़ासहन अंचल के राजस्व कर्मचारी राजीव रंजन के आवेदन पर थाना में सुसंगत धाराओं में प्राथमिक दर्ज कर ली गयी है।

थानाध्यक्ष ने बताया कि मामले में महेश राय, उमेश राय, सावित्री देवी सहित अन्य लोगों को चिन्हित किया गया है। सभी के विरुद्ध आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जा रही है। बहरहाल उक्त पुलिस कार्रवाई के बाद बेतिया राज की जमीन पर निर्माण कार्य करा रहे लोगों में हड़कंप मचा हुआ है। स्थानीय अंचल अधिकारी आनंद कुमार ने बताया कि बेतिया राज की भूमि पर निर्माण करना सघन अपराध के अंतर्गत आता है।

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