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Bihar News: पत्नी की मौत का सदमा बर्दाश्त नहीं कर सका पति, फांसी लगाकर दी जान, ससुराल वालों पर धमकाने का आरोप

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संजीव के घरवालों का आरोप है कि मायके वालों ने उसे को मारने-पीटने की धमकी दी। इतना ही नहीं झूठे केस में फंसाकर जेल भेजने की बात कही थी। आरोप है कि संजीव ने ससुराल वालों की की धमकी से डरकर सुसाइड कर लिया।

वैशाली जिला के जंदाहा थाना क्षेत्र के पानापुर सिलौथर गांव में पत्नी की मौत के बाद पति ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। मृतक की पहचान पानापुर सिलौथर गांव निवासी स्व बालेश्वर दास के 23 वर्षीय पुत्र संजीव कुमार के रूप में हुई।घटना की सूचना पर मौके पर पहुंची जंदाहा थाना की पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल हाजीपुर भेज दिया। युवक के घरवालों का आरोप है कि संजीव की पत्नी की मौत के बाद उसके ससुराल वाले उसे प्रताड़ित कर रहे थे। जेल तक भेजवाने की धमकी दी थी।

जानकारी के अनुसार, जंदाहा थाना क्षेत्र के पानापुर सिलौथर गांव निवासी संजीव कुमार की शादी दो साल पूर्व हुई थी। एक साल से संजीव की पत्नी काफी बीमार चल रही थी। परिजनों ने बताया कि बीते रविवार को संजीव की पत्नी का तबीयत खराब होने के बाद उसे स्थानीय नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया था। जहां से डॉक्टर ने प्राथमिक उपचार के बाद गंभीर स्थिति में पटना रेफर कर दिया था। पटना ले जाने के दौरान महिला की मौत हो गई थी। इसके बाद परिजनों उसे वापस घर ले आए थे। लोगों ने बताया कि घर के बगल में ही शादी समारोह चल रहा था। इसके कारण मृतक के परिजन आनन फानन में शव को दफना दिया था। महिला की मौत की जानकारी मिलने पर उसके मायके के लोग घर पर पहुंच गए।

मायके वालों ने संजीव को मारने पीटने की धमकी दी। इतना ही नहीं झूठे केस में फंसाकर जेल भेजवाने की बात कही थी। संजीव के घर वालों का आरोप है कि पत्नी के मायके के लोगों की धमकी से डरकर संजीव ने सोमवार की सुबह घर के लोगों को शौच जाने की बात कहकर नदी किनारे गया था। वही पर उसने नदी किनारे बांस में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। काफी देर तक घर नहीं लौटने के बाद परिजन उसकी खोजबीन करते हुए नदी किनारे गए तो देखा कि संजीव का शव बांस से लटक रहा था। 

इधर, परिजनों के चीखने चिल्लाने की आवाज सुनकर काफी संख्या में लोग मौके पर जुट गए। लोगों ने घटना की सूचना जंदाहा थाना की पुलिस को दी। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच कर आवश्यक कार्रवाई के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल हाजीपुर भेज दिया। मृतक की शादी दो साल पूर्व हुई थी। उसे कोई संतान नहीं था। युवक के परिजनों ने आरोप लगाया है कि उसकी पत्नी के मायके के लोगों द्वारा धमकी देने तथा पत्नी के मौत के सदमे के कारण संजीव ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली है।

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Bihar News: सड़क हादसे में मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव की जान गई, प्रशासनिक वाहन दुर्घटना के बाद फरार, गाड़ी का नंबर मिला

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बिहार में एक बार फिर एक मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव की सड़क हादसे में जान चली गई। प्रशासनिक वाहन से हादसा देख लोगों ने उस गाड़ी का नंबर पुलिस को उपलब्ध कराया है और उसी पर प्राथमिकी दर्ज की गई है।

मुजफ्फरपुर में एक सड़क हादसे में एक निजी दवाई कंपनी के मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव की मौत हो गई। वह अपने बाइक से पूरी चंपारण जिले के मधुबन से डॉक्टरों की विजिट कर मुजफ्फरपुर स्थित अपने घर लौट रहे थे। इसी दौरान एक तेज रफ्तार स्कॉर्पियो वाहन की टक्कर से उनका निधन हो गया। मृतक की पहचान मुजफ्फरपुर के काजी मोहम्मदपुर क्षेत्र के पंखा टोली निवासी 36 वर्षीय अभिनंदन गुप्ता के रूप में की गई है। इस घटना से परिवार में शोक का माहौल है। मृतक के परिजनों ने सिवाई पट्टी थाने में वाहन मालिक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाई है।

मृतक के परिजन अमित कुमार गुप्ता ने घटना के बारे में बताया कि अभिनंदन गुप्ता मधुबन से अपने मेडिकल काम को निपटाकर मुजफ्फरपुर वापस लौट रहे थे। इसी दौरान डोमा चौक, सिवाई पट्टी थाना क्षेत्र में यह सड़क दुर्घटना हुई। ग्रामीणों ने जानकारी दी कि उनकी बाइक गिरी हुई थी और वह सड़क पर पड़े थे। उनकी हालत नाजुक थी, जिसके बाद उन्हें अस्पताल लाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। ग्रामीणों ने देखा कि घटना के दौरान एक प्रशासनिक विभाग की गाड़ी वहां से गुजरी थी और उन्होंने उसकी संख्या नोट कर ली। इसके बाद परिजनों ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करवाई है।

सिवाई पट्टी थाने के पुलिस ने बताया कि सड़क दुर्घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। वह बाइक से लौट रहे थे, और धक्के लगने के कारण उनकी मृत्यु हो गई। उनकी बाइक भी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई थी। मृतक का शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल कॉलेज भेजा गया है। परिजनों द्वारा आवेदन दिया गया है और मामले में प्राथमिकी दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।

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Bihar News:  भोजपुर में दिल को झकझोर देने वाली घटना; पिता और चार बच्चों ने खाया जहर, तीन की मौत

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पिछले साल पत्नी की छत से गिरकर मौत हो गई थी। देर रात इलेक्ट्रोनिक्स दुकानदार ने अपने 4 बच्चों के साथ जहर खा लिया, जिसमें तीन बच्चों की मौत हो गई। लेकिन इस सवाल का जवाब अभी भी सवाल ही बना है कि अरविन्द ने ऐसा खौफनाक कदम क्यों उठाया।

भोजपुर जिले में तनिष्क शोक रूम में लूट के बाद एक और चौंकाने वाला मामला सामने आया है। बिहिया थाना क्षेत्र के बेलवानिया गांव में एक पिता ने अपने चार बच्चों के साथ जहर खा लिया। इस हादसे में तीन बच्चों की मौत हो गई, जबकि दो की हालत गंभीर बनी हुई है। सभी को तत्काल इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया, जहां चिकित्सकों ने तीन बच्चों को मृत घोषित कर दिया। बताया जा रहा है कि परिवार के अन्य सदस्य शादी समारोह में गए हुए थे, तभी इन लोगो ने जहर कीटनाशक का लिया. इस घटना के बाद घर के बाकी के सदस्य जब पहुंचे तो दरवाजा खुलवाने लगे लेकिन दरवाजा नहीं खुला। इसके बाद दरवाजे को तोड़ा गया और देखा कि पिता सहित उनके चारों बच्चे गंभीर हालत में पड़े थे। 

दो बेटी और एक बेटे की मौत
परिजनों ने उन पांचों को आननफानन में इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया। इस घटना में अरविंद कुमार उनकी पुत्री नंदनी कुमारी (12) डॉली कुमारी (5) आदर्श कुमार (10) और टोनी कुमार (6) शामिल है। इलाज के दौरान दो बेटी और एक बेटे की मौत हो गई। मृतकों में नंदनी कुमारी, डॉली कुमारी और टोनी की मौत हो गई। इसके बाद घटना को लेकर काफी देर तक आरा सदर अस्पताल में अफरातफरी मची रही। 

पिछले साल छत से गिरकर हुई थी पत्नी की मौत
इधर, बिहिया थाना पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू कर दी। पुलिस ने परिवार के सभी सदस्य से पूछताछ शुरू कर दी है, लेकिन अभी तक जहर खाने के कारण का पता नहीं चल पाया है। इस घटना ने पूरे गांव को स्तब्ध कर दिया हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि युवक की पत्नी की पिछले साथ ही मौत हो गई थी। पिछले साल पत्नी की छत से गिरकर मौत हो गई थी। तब से वह गुमसुम रहता था। प्रतीत होता है कि डिप्रेशन में होने के कारण उसने पहले सभी बच्चों को जहर खिलाया फिर खुद जहर खाकर आत्महत्या ही कोशिश की। 

इन लोगों ने जहर क्यों खाया यह पूरी तरह से स्पष्ट नहीं
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मामले की पूरी तरह से छानबीन की जाएगी और जल्द ही घटना के कारणों का खुलासा किया जाएगा। फिलहाल, शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है, और जांच जारी है। इस दुखद घटना ने गांव में माहौल को गमगीन कर दिया है। वहीं परिजन कुछ भी बताने से इनकार कर रहे है। हालांकि पत्नी की मौत के बाद से पिता अपने बच्चों को लेकर काफी परेशान चल रहे थे। वहीं मौके पर पहुंचे बिहिया थाना के दरोगा भगत यादव ने बताया कि जहर खाने से तीन बच्चों की मौत हुई है। हालांकि इन लोगों ने जहर क्यों खाया यह अभी पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है। परिजन से बात करने के बाद ही कुछ स्पष्ट हो पाएगा।

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Holika Dahan Kab Hai: होलिका दहन की तारीख 13 या 14 मार्च? जानिए क्या कहते हैं मिथिला और काशी पंचांग के विशेषज्ञ

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होलिका दहन को लेकर अभी भी भ्रम की स्थिति बनी हुई है। कोई गुरुवार (13 मार्च) तो कोई 14 मार्च (शुक्रवार) को होलिका दहन बता रहा है। लेकिन आज दैनिक जागरण ने पंडितों की सटीक राय जानी है और बताया है कि वास्तव में होलिक दहन कब है? इस दुविधा को दूर करते हुए आचार्य पंडित कौशल किशोर ने इसकी जानकारी दी।

रंगों का त्योहार होली में अब मात्र तीन दिन बचे हैं। शहर से गांव तक होली के रंगों में रंग गया है। बाजारों में होली की चमक दमक दिखने लगी है। गांवों से बाहर रहने वाले लोगों के आने का सिलसिला शुरू हो गया है। प्रेम स्नेह का प्रतीक होली मनाने के प्रति घर घर में उत्साह दिख रहा है। कई ऐसे परिवार हैं जिनके यहां होली पर कुलपूज्य देवता की पूजा करने की परंपरा है।

मिथिला और काशी पंचांग में होलिका दहन कब?

दो दिन बाद 13 मार्च की रात में होलिका दहन होगा। बूढ़ानाथ मंदिर के पंडित ऋषिकेश पांडे और तिलकामांझी महावीर मंदिर के पंडित आनंद झा संयुक्त रूप से कहते हैं कि इस बार होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 13 मार्च को काशी पंचांग के अनुसार 10.37 बजे रात्रि के बाद मध्य रात्रि को होलिका दहन होगा। जबकि मिथिला पंचांग के अनुसार 10.47 बजे रात्रि के बाद होलिका दहन बताया गया है। सर्वत्र होली 14 और 15 मार्च को मनाया जाएगा।

क्या है होलिका का महत्व

पंडित ऋषिकेश पांडे कहते हैं कि सनातन धर्म में होली पर्व बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। भविष्य पुराण में भगवान कृष्ण ने युधिष्ठिर से होलिका का कथा कहते हुए बताया कि एक समय ढूंढा नाम की राक्षसी पूरे पृथ्वी पर राज कर रही थी। उस ढूंढा नाम की राक्षसी का बध फाल्गुन मास के भद्रा रहित प्रदोष युक्त पूर्णिमा तिथि को हुआ था।

उसी दिन भक्त प्रह्लाद को भी होलिका से भगवान नारायण ने बचाया था। तब से इसे होलिका दहन के नाम से जाना जाता है। नारद जी एवं दुर्वाषा ऋषि के कथानुसार भद्रा रहित प्रदोष युक्त पूर्णिमा के मध्य रात्रि में होलिका दहन करने से रोग और दुष्टों का नाश होता है। शांति प्राप्ति होती है।

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