बीजेपी से टिकट नहीं मिलने के बाद निर्दलीय लोकसभा चुनाव लड़ने वाले दिनेश कुमार अग्रवाल की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं। हाल ही में CBI ने दिनेश कुमार अग्रवाल के घर और कार्यालय सहित 18 स्थानों पर छापामारी की थी जिसमें CBI को कई अहम सबूत मिले हैं। इस मामले में आयकर विभाग के डिप्टी कमिश्नर दो इंस्पेक्टर और पांच चार्टर्ड अकाउंटेंट भी रडार पर हैं।
आयकर विभाग की ‘फेसलेस स्कीम ऑफ असेसमेंट’ मामले में सीबीआइ की रडार पर आए वाल्मीकि नगर से निर्दलीय लोकसभा चुनाव लड़ने वाले दिनेश कुमार अग्रवाल समेत आयकर विभाग के डिप्टी कमिश्नर, दो इंस्पेक्टर और पांच चार्टर्ड अकाउंटेंट की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।
CBI को ऐसे पुख्ता सबूत मिले हैं कि इन अधिकारियों ने दिनेश अग्रवाल के सहयोग और मिली भगत से मोटी कमाई की है।
छापामारी में मिले अहम सबूत
राशि की अधिकता के आधार पर प्रवर्त्तन निदेशालय (ED) की जांच की भी संभावना जताई जा रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को गुरुवार को छापामारी के दौरान कई अहम दस्तावेज मिले हैं जिसमें यह बात सामने आ रही है कि इस पूरे मामले में अग्रवाल की बड़ी भूमिका है।
दिनेश कुमार अग्रवाल ने ही डिप्टी कमिश्नर के साथ मिलकर पूरी योजना को अमलीजामा पहनाया। सूत्रों के अनुसार इस गड़बड़ी में व्यापक राशि शामिल है। साथ ही कई अन्य लोग भी इस साजिश का हिस्सा रहे हैं, जिनके बारे में जानकारियां जुटाई जा रही हैं।
18 स्थानों पर हुई छापामारी
फिलहाल CBI टीम इस पूरे मामले की तह तक पहुंचने के प्रयास में जुटी है। बता दे कि फेसलेस स्कीम ऑफ असेसमेंट में गड़बड़ कर लोगों से मोटी रकम वसूली के मामले में CBI ने दिल्ली, मुंबई, ठाणे, पश्चिम चंपारण, बेंगलुरु और कोट्टायम सहित 18 स्थानों पर तलाशी ली थी।
पश्चिम चंपारण में लोकसभा चुनाव 2024 मे वाल्मीकी नगर लोकसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले दिनेश कुमार अग्रवाल के घर और कार्यालय की भी तलाशी हुई थी।
निगरानी की 37 दिनों में भ्रष्टाचारी अफसरों पर की पांचवीं कार्रवाई
निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने इस साल के पहले 37 दिनों में पांच भ्रष्टाचारी अफसरों पर कार्रवाई की है। इनमें तीन को ट्रैप केस में रंगे हाथ घूस लेते पकड़ा गया है।
सबसे ताजा मामला गुरुवार का है, जब पटना के रूपसपुर थाने के दो दारोगा को निगरानी ने 50 हजार रुपये के साथ शास्त्रीनगर इलाके से रंगे हाथ पकड़ा। दोनों अभियुक्त रंजीत कुमार और फिरदौस आलम को पूछताछ के बाद निगरानी कोर्ट के सामने पेश किया जाएगा।
- निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के अनुसार, सात जनवरी को पटना के कंट्रोलर आफ स्टोर एंड परचेज अखिलेश कुमार को ट्रैप कांड में 70 हजार रुपये के साथ गिरफ्तार किया गया।
- वहीं 24 जनवरी को ट्रैप के एक अन्य मामले में सीतामढ़ी के पुपरी के राजस्व कर्मचारी भोगेन्द्र झा को 51 हजार रुपये घूस के साथ पकड़ा गया।
निगरानी ने जनवरी में आय से अधिक संपत्ति मामले में भी दो कार्रवाई की हैं। इसमें औरंगाबाद के सच्चिदानंद सिन्हा कॉलेज के लिपिक मनोज कुमार पर कार्रवाई की गई, जिसमें आय से करीब करीब 74 लाख 98 हजार से अधिक संपत्ति पाई गई।
इसी तरह बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड के प्रोजेक्ट इंजीनियर के ठिकानों पर भी छापेमारी की गई, जिसमें 89 लाख से अधिक का प्रत्यानुपातिक धनार्जन पाया गया।
7765953261 पर करें भ्रष्टाचार की शिकायत
निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने भ्रष्टाचार से जुड़ी शिकायत के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है। कोई भी नागरिक भ्रष्टाचार से संबंधित जानकारी 0612-2215344 या मोबाइल नंबर 7765953261 पर दे सकते हैं।