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बिहार में जल्द खुलेगा नया मेडिकल कॉलेज, CM नीतीश करेंगे उद्घाटन; जिम्मेदारी संभालने पहुंची टीम।

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बिहार में जल्द ही एक और नया मेडिकल कॉलेज अस्पताल खुलने जा रहा है। यह अस्पताल छपरा में स्थित है और इसमें 500 बेड होंगे। साथ ही यहां एमबीबीएस की 120 सीटों पर नामांकन भी होगा। अस्पताल निर्माण पर राज्य सरकार ने 375 करोड़ रुपये से अधिक की राशि खर्च की है। जल्द ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस अस्पताल का उद्घाटन करेंगे और इसे जनता को समर्पित करेंगे।

प्रदेश में जल्द ही एक और नए मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज से लेकर मेडिकल की पढ़ाई तक प्रारंभ होगी। यह नया मेडिकल कॉलेज अस्पताल है राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय छपरा।

इस कॉलेज के उद्घाटन को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने यहां 17 नर्स और सात लिपिकों का पदस्थापन भी कर दिया है। सोमवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई।

राजकीय मेडिकल कॉलेज अस्पताल छपरा का निर्माण तकरीबन तीन साल पहले प्रारंभ किया गया था। यह अस्पताल पांच सौ बेड का होगा साथ ही यहां एमबीबीएस की 120 सीटों पर नामांकन भी होगा।

राज्य सरकार ने 375 करोड़ रुपये से अधिक की राशि खर्च की

  • अस्पताल निर्माण पर राज्य सरकार ने 375 करोड़ रुपये से अधिक की राशि खर्च की है। जल्द ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस अस्पताल का उद्घाटन करेंगे और इसे जनता को समर्पित करेंगे।
  • यह प्रदेश का 12वां सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल होगा। सरकारी के अलावा यहां आठ निजी मेडिकल कॉलेज भी संचालित हैं।

स्वास्थ्य विभाग ने दी जानकारी

स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिन 17 स्टाफ नर्सों की सेवा नवनिर्मित अस्पताल को सौंपी गई है उनमें से अधिकांश नर्सें सदर अस्पताल व कुछ अनुमंडलीय अस्पताल छपरा, सारण में पदस्थापित थी।

जिन लिपिकों का तबादला नए अस्पताल में किया गया है, उनमें से पांच कर्मी यक्ष्मा प्रदर्शन एवं प्रशिक्षण केंद्र पटना, जबकि दो नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पदस्थापित थे। इन सबको निर्देश दिए गए हैं कि वे सात जनवरी तक नए स्थान पर योगदान कर लें।

इंजीनियरिंग कालेज में कौशल विकास की विभिन्न गतिविधियां शुरू

अरवल में इंजीनियरिंग कालेज अरवल के वार्षिक उत्सव में तीन दिवसीय आरोही कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आयोजन कालेज परिवार के द्वारा उमंग 2025 के अंतर्गत किया गया।

मीडिया प्रभारी संतोष कुमार ने जानकारी दी कि यह कार्यक्रम छात्रों के लिए न केवल अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित करने का एक सुनहरा अवसर है, बल्कि उनके कौशल और आत्मविश्वास को बढ़ाने में भी सहायक होगा।

कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छात्रों के बीच रचनात्मकता और सामूहिकता को बढ़ावा देना है। कार्यक्रम हर दिन दोपहर 2 बजे से विभिन्न गतिविधियां आरंभ की जा रही है।

इस तीन दिवसीय उत्सव में अलग-अलग थीम पर आधारित कार्यक्रम किया जा रहा। पहले दिन रविवार को सांस्कृतिक उत्सव, जहां छात्रों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया, दूसरे दिन सोमवार को बालीवुड थीम पर आधारित कार्यक्रम आयोजित किया गया। 

इसके अलावा, तीसरे दिन मंगलवार रेट्रो वाइब्स और उमंग पुरस्कार वितरण समारोह के साथ उत्सव का समापन होगा। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो प्रणव कुमार ने कहा कि आरोही उत्सव छात्रों को एकजुटता, सहयोग और प्रतिस्पर्धात्मक भावना को बढ़ाने का अवसर प्रदान करेगा।

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किसानों से बातचीत के दौरान तेजस्वी ने उठाया सवाल – असल मुद्दा क्या है, खेतों में उतरते ही सरकार पर जमकर बरसे।

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तेजस्वी यादव ने कहा कि आप तो पासी समाज से हैं। इसपर किसान ने कहा कि नीतीश कुमार ने कहा कि नीरा बेचिए। हम नीरा बेचेंगे या ताड़ी। नीरा में फायद नहीं है। हमलोग चाहते हैं कि ताड़ी बेचने दिया जाए। सब बाल-बच्चा पढ़-लिख कर बैठा है, बीए पास है.

बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव इन दिनों कार्यकर्ता संवाद यात्रा पर हैं। बक्सर जिले में इस यात्रा के तहत कार्यकर्ताओं से मिलने के बाद लौटने के क्रम में तेजस्वी यादव ने किसानों का हालचाल का जाना। बुधवार को बक्सर से लौटने के दौरान आरा के बिहियां में तेजस्वी यादव एक खेत में पैदल ही गए और फिर वहां किसानों से मिलकर उनकी समस्याओं को सुना। इस दौरान तेजस्वी यादव ने एक खेत में खड़े होकर फेसबुक लाइव भी किया। जिस किसान से राजद नेता तेजस्वी यादव मिले उस किसान से तेजस्वी यादव ने यह भी पूछा कि असल मुद्दा का बा?

एक किसान से बातचीत करते हुए तेजस्वी ने उनसे पूछा कि आपको क्या दिक्कत है? इसपर किसान ने जवाब दिया कि लाइन की दिक्कत है। फिर तेजस्वी ने पूछा कि फसल की बिक्री नहीं होती है तो किसान ने कहा कि हां नहीं होती है। इसके बाद तेजस्वी यादव ने कहा कि आप तो पासी समाज से हैं। इसपर किसान ने कहा कि नीतीश कुमार ने कहा कि नीरा बेचिए। हम नीरा बेचेंगे या ताड़ी। नीरा में फायद नहीं है। हमलोग चाहते हैं कि ताड़ी बेचने दिया जाए। सब बाल-बच्चा पढ़-लिख कर बैठा है, बीए पास है नौकरी नहीं है। इसपर तेजस्वी ने पूछा असल मुद्दा का बा? महंगाई और बेरोजगारी है ना। तो किसान ने कहा कि हां महंगाई बहुत ज्यादा है।

किसान से बातचीत से पहले तेजस्वी यादव एक खेत में उतरे। यहां तेजस्वी यादव ने फेसबुक लाइव के दौरान कहा, ‘हम खेत में खड़े हैं और यहां सरसो की खेती हो रही है। लिहाजा हमने सोचा कि यह रुक कर कुछ किसानों से भी बात की जाए। कुछ किसानों से बातचीत के बाद हम इस खेत में पहुंचे हैं। जो हमारे अन्नदाता हैं वो धूप हो या सर्दी दिन-रात मेहनत करते हैं और हम लोगों को अन्न प्रदान करते हैं। लेकिन किसानों की स्थिति पूरे देश में बदत्तर होती जा रही है।’ डबल इंजन की सरकार को घेरा तेजस्वी यादव ने इसके बाद कहा, ‘इस डबल इंजन की सरकार ने पूरी तरीके से किसानों को बर्बाद करने का काम किया है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार यात्रा पर हैं लेकिन किसी से संवाद नहीं करते हैं। नरेंद्र मोदी ने किसानों से वादा किया था कि साल 20222 तक वो किसानों की आय को दोगुना कर देंगे। लेकिन 2025 हो गया पर अब तक किसानों की आय दोगुनी नहीं हुई है। किसानों ने एमएसपी को लेकर आंदोलन किया था। प्रधानमंत्री ने वादा किया था कि वो एमएसपी को लागू करेंगे लेकिन अब तक एमएसपी को लेकर पीएम ने कोई चर्चा नहीं की है।

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जहानाबाद में अवैध खनन की सूचना पर पहुंची पुलिस पर माफियाओं का हमला, थानाध्यक्ष पर ट्रैक्टर चढ़ाने की हुई कोशिश।

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जहानाबाद के हुलासगंज थाना क्षेत्र से बेहद हैरान करने वाला मामला सामने आया है। के इब्राहिमपुर में अवैध बालू खनन की सूचना पर पहुंची पुलिस को 200 की संख्या में लोगों ने घेर लिया। यही नहीं बालू लदा ट्रैक्टर जब्त करने से रोकने की कोशिश में ट्रैक्टर चला रहे युवक ने थानाध्यक्ष पर ट्रैक्टर चढ़ाने का भी प्रयास किया। इसके बाद कई थानों की पुलिस को मौके पर बुलाना पड़ा।

जिले में बालू माफिया की दबंगई सामने आई है। हुलासगंज थाना क्षेत्र के इब्राहिमपुर में अवैध बालू खनन की सूचना पर पहुंची पुलिस को बालू माफिया के गुर्गों ने घेर लिया, जिसके बाद कई थानों की पुलिस को मौके पर बुलाना पड़ा।

तब जाकर बालू माफिया मैदान छोड़कर भागे। इस दौरान ट्रैक्टर चालक ने हुलासगंज थानाध्यक्ष पर गाड़ी चढ़ाने का भी प्रयास किया। पुलिस ने घटना स्थल से एक बालू लदा ट्रैक्टर जब्त किया है।

200 लोगों ने पुलिस को घेरा

हुलासगंज थाने की पुलिस बालू के अवैध खनन की सूचना पर पहुंची थी, पुलिस को देख चालक ट्रैक्टर छोड़कर फरार हो गया। पुलिस घटना स्थल से ट्रैक्टर को न ले जा सके इसके लिए चालक ने ट्रैक्टर को बालू में फंसा दिया था।

घटनास्थल पर मौजूद पुलिस

पुलिस उसे निकालने में जुटी थी, इसी बीच तकरीबन 200 की संख्या में लोग पहुंच गए और पुलिस को चारों ओर से घेर लिया। लोगों से घिरे पुलिस जवानों ने तत्काल इसकी सूचना अपने अधिकारी को दी। 

सूचना मिलते ही आनन-फानन में आसपास के थानों की पुलिस काफी संख्या में वहां पहुंची।

थानाध्यक्ष पर ट्रैक्टर चढ़ाने का प्रयास

  • थानाध्यक्ष पंकज कुमार ने बताया कि बड़ी मुश्किल से हम लोगों की जान बची। ट्रैक्टर चालक ने पहले तो गाड़ी को मुझ पर चढ़ाने की कोशिश की।
  • हम लोग संख्या बल में काफी कम थे। उधर बालू माफिया की ओर से सैकड़ो की संख्या में लोग पहुंचे हुए थे। अतिरिक्त पुलिस बल के आने के बाद हम लोग ट्रैक्टर को लेकर आने में सफल हुए।

दो जिलों की सीमा का फायदा उठाते हैं माफिया

थानाध्यक्ष ने बताया कि दो जिले जहानाबाद और गया का सीमावर्ती इलाका होने का फायदा यहां बालू माफिया उठाते हैं। अक्सर यहां अवैध बालू खनन की सूचना मिलती रहती है।खनन विभाग द्वारा ट्रैक्टर चालक और मालिक के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। बालू माफिया समेत सरकारी कार्य में बाधा डालने वालों को चिन्हित किया जा रहा है। जल्द ही कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।ज्ञात हो कि हुलासगंज के पास गया जिला की सीमा शुरू होती है। ऐसे में अपराधी जिले की सीमा का लाभ उठाकर बालू का खनन करते हैं। जहां बालू खनन हो रहा था उसके चंद कदम से गया जिले की सीमा शुरू हो जाती है।फिलहाल, पुलिस ने ट्रैक्टर को अपने कब्जे में ले लिया है। जिस तरह की घटना पुलिस के साथ हुई है उससे एक बात तो स्पष्ट होती है कि बालू माफिया के हौसले काफी बुलंद हैं। वे आसपास के ग्रामीणों को भी मिलाकर रखते हैं, जिससे जरूरत पड़ने पर पुलिसकर्मियों से भी लोहा लिया जा सके।

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Patna News: मिट्टी में दबा शिव मंदिर आलमगंज में हुआ उजागर, सैकड़ों वर्ष पुराना मंदिर देखने और पूजा करने पहुंचे श्रद्धालु।

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सम्राट अशोक के कुम्हरार से डेढ़ किमी दूर सैकड़ों साल प्राचीन शिव मंदिर मिट्टी में दबा हुआ मिला है। स्थानीय लोगों के अनुसार यह मंदिर 500 साल पुराना है। मंदिर मिलने की खबर सामने आते ही वहां पर आस-पास के लोगों की भीड़ एकत्र हो गई है। भक्त लाइन में लगकर भोले बाबा के दर्शन कर रहे हैं। वहीं महिलाएं स्नान कराने के लिए दूध लेकर पहुंच रही हैं।

प्राचीन पाटलिपुत्र के क्षेत्र पटना सिटी में कई ऐतिहासिक धरोहर हैं। कुछ तो इतने प्राचीन हैं कि मिट्टी में जमींदोज हो चुके हैं। ऐसा ही एक सैकड़ों वर्ष पुराना मंदिर पटना सिटी के आलमगंज थाना क्षेत्र के मठ लक्ष्मणपुर स्थित डॉ. नारायण बाबू की गली मोहल्ला में मिट्टी में दबा मिला है।

मिट्टी के टीले के नीचे मिला मंदिर

अशोक सम्राट के कालखंड से जुड़े कुम्हरार से लगभग एक किलोमीटर दूर यहां एक मठ की जमीन पर लगा मिट्टी का टीला अचानक ढह गया। उसके नीचे प्राचीन शिव मंदिर के अवशेष मिले। मंदिर मिलने की खबर फैलते ही यहां दर्शन के लिए लोगों की भीड़ उमड़नी शुरू हो गई। गुमनाम मोहल्ला अचानक सुर्खियों में आ गया।

मठ के हिस्से में प्राचीन मंदिर

स्थानीय निवासी उमाशंकर प्रसाद ने बताया कि मठ काफी प्राचीन है। इस पर कब्जा होता चला गया। मठ के एक हिस्से में मिट्टी का ढेर था। इस हिस्से की जमीन अचानक धंस गई थी।स्थानीय लोगों ने जब मिट्टी को थोड़ा और हटाया तो अंदर प्राचीन रूप से बना हुआ मंदिर दिखा। उसमें तहखाना बना था। उसी तहखाना में शिवलिंग विराजमान थे।

शिवलिंग के चारों ओर नक्काशी

शिवलिंग के चारों ओर प्राचीन काल के नक्काशी वाले चार पाए बने हैं। ऊपर गुंबद बना हुआ है। खास बात यह है कि सैकड़ों वर्ष पुराना ढांचे से जब मिट्टी हटाई गई तो यह बिल्कुल साफ और चमकदार दिख रहा था।

मंदिर के प्रकट होने के बाद शिवलिंग को भक्तों ने सजायास्थानीय बुजुर्ग शिव बालक महतो ने बताया की मठ में मंदिर की बात पहले से वे लोग सुनते आ रहे थे, लेकिन मिट्टी रहने के कारण यह दिखता नहीं था। मठ के बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया गया है।जो खाली हिस्सा था उसे मिट्टी से भर दिया गया था। मंदिर के प्रकट होने की सूचना पर दूर-दूर से सैकड़ों लोग वहां पहुंचने लगे। महिलाएं जल और दूध लेकर पहुंच पूजा कर रही हैं।

दर्शन के लिए उमड़ी भक्तों की भीड़

तंग गली में स्थित मठ की जमीन पर मंदिर को देखने के लिए इतने श्रद्धालु पहुंचने लगे हैं कि दर्शन के लिए लाइन में लगना पड़ रहा है। स्थानीय लोगों ने यहां बिजली एवं अन्य मूलभूत सुविधाओं का इंतजाम किया है। स्थानीय लोगों के अनुसार यह मंदिर लगभग 500 वर्ष से भी ज्यादा पुराना है।पुरातत्व विभाग की जांच से ही मंदिर के काल खंड का पता चल सकेगा। स्थानीय श्रवण कुमार ने बताया की बड़ी संख्या में लोगों ने वहां पहुंच कर पूजा पाठ शुरू कर दिया है।कुछ युवाओं ने मंदिर की साफ सफाई की। काले पत्थरों से बने मंदिर के अंदर का ढांचा बहुत मनोरम दिख रहा है।

क्या है जमीन से जुड़ा मामला?

  • स्थानीय उमाशंकर प्रसाद ने कहा कि मठ काफी प्राचीन है। इसकी कड़ी बोधगया से जुड़ी है। इसके बड़े हिस्से पर अतिक्रमण होने से आस्था पर गहरी चोट पहुंच रही है।
  • धार्मिक न्यास बोर्ड ने इस पर संज्ञान लिया था। 60-70 वर्ष पूर्व तक इस मठ के महंत लक्ष्मण गिरि हुआ करते थे। उन्हीं के नाम पर लोग इस मोहल्ले को मठ लक्ष्मणपुर के नाम से भी जानते हैं।
  • उनके निधन के बाद इस जमीन की देखरेख एक व्यक्ति कर रहे थे। बाद में उन्होंने मठ के अस्तित्व को खत्म कर इस पर धीरे-धीरे मकान बनवाना शुरू कर दिया।

क्या है कुम्हरार का इतिहास

जहां मंदिर मिला है वहां से डेढ़ किलोमीटर दूर प्राचीन कुम्हरार है। प्राचीन शहर पाटलिपुत्र के अवशेषों की खुदाई साल 1913 में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने डी.बी. स्पूनर के नेतृत्व में शुरू की थी।यहां मौर्य काल (322-185 ईसा पूर्व) के पुरातात्विक अवशेष मिले हैं। ऐसा माना जाता है कि सम्राट अशोक ने कुम्हरार में 80 स्तंभों वाले हाल में तीसरी बौद्ध परिषद बुलाई थी।कुम्हरार में भी खुदाई के दौरान एक मठ-सह-धनवंतरी अस्पताल भी मिला है।

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