सेंट्रल विस्टा: प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में नए सेंट्रल विस्टा का निर्माण तेजी से प्रगति कर रहा है, और सभी कार्य अपनी निर्धारित गति से पूरा हो रहे हैं। सबसे पहले, केंद्रीय गृह और वित्त मंत्रालय नॉर्थ ब्लॉक से नए स्थानों पर शिफ्ट होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत नए प्रशासनिक भवनों का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. परियोजना के तहत अगले 150 दिनों में नॉर्थ ब्लॉक पूरी तरह खाली कर दिया जाएगा. केंद्रीय गृह मंत्रालय और वित्त मंत्रालय को सेंट्रल विस्टा के तहत निर्मित नई इमारतों में स्थानांतरित किया जाएगा.
गृह और वित्त मंत्रालय सबसे पहले होंगे शिफ्ट नॉर्थ ब्लॉक, जो अब तक केंद्र सरकार का पावर सेंटर माना जाता है, जल्द ही इतिहास का हिस्सा बनेगा। गृह और वित्त मंत्रालयों को मई 2025 तक नॉर्थ ब्लॉक से स्थानांतरित किया जाएगा, इसके साथ ही कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन विभाग (DoPT) भी नई इमारत में शिफ्ट होंगे।
सेंट्रल विस्टा परियोजना की प्रगति आवास एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सेंट्रल विस्टा परियोजना तेज़ी से प्रगति कर रही है, और सभी कार्य निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरे हो रहे हैं। इस परियोजना के तहत 50-60 साल पुरानी इमारतों को हटाकर आधुनिक, टिकाऊ और कार्यात्मक इमारतों का निर्माण किया जा रहा है। इससे केंद्र सरकार के मंत्रालयों और विभागों को एक स्थान पर लाकर प्रशासनिक समन्वय और कार्य दक्षता में सुधार होगा।
परियोजना के मुख्य उद्देश्य
आधुनिक सुविधाएं: नए भवनों में अत्याधुनिक सुविधाएं और उन्नत तकनीकी आधारभूत संरचना होगी।
विरासत संरक्षण: नॉर्थ और साउथ ब्लॉक जैसे ऐतिहासिक भवनों को संरक्षित कर राष्ट्रीय संग्रहालय में परिवर्तित किया जाएगा।
लागत में कमी: मंत्रालयों को एक स्थान पर लाने से सालाना 1,000 करोड़ रुपये की बचत होगी।
पर्यावरण संरक्षण: परियोजना में हरित क्षेत्रों का विस्तार और सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा दिया जाएगा।
परिवर्तन का महत्व नॉर्थ और साउथ ब्लॉक में स्थित मंत्रालयों को नए केंद्रीय सचिवालय में स्थानांतरित करने के बाद इन भवनों को राष्ट्रीय संग्रहालय के रूप में पुनर्निर्मित किया जाएगा, जिससे भारत की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को आधुनिक रूप में प्रस्तुत किया जाएगा। नॉर्थ और साउथ ब्लॉक के लगभग 80,000 वर्गमीटर क्षेत्र को जनता के लिए खोला जाएगा, और लगभग 2.25 हेक्टेयर भूमि को हरित क्षेत्रों में बदला जाएगा।
पर्यावरण और परिवहन का ध्यान सेंट्रल विस्टा के भवनों को दिल्ली मेट्रो के केंद्रीय सचिवालय और उद्योग भवन स्टेशनों से भूमिगत ऑटोमेटेड पीपल मूवर (APM) के माध्यम से जोड़ा जाएगा। साथ ही, एक आधुनिक शटल सेवा सभी भवनों को जोड़ने के लिए संचालित की जाएगी, जिससे सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा मिलेगा।
प्रदूषण और भीड़भाड़ में कमी नए केंद्रीय सचिवालय में सभी मंत्रालयों के एकीकृत होने से कर्मचारियों की यात्रा और दस्तावेजों के अनावश्यक परिवहन की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी, जिससे प्रदूषण और भीड़भाड़ में कमी आएगी और कार्य क्षमता में वृद्धि होगी।
विरासत भवनों का नवीनीकरण नॉर्थ और साउथ ब्लॉक को राष्ट्रीय संग्रहालय के रूप में पुनर्निर्मित किया जाएगा। इन भवनों में संग्रहित महत्वपूर्ण दस्तावेज़, पांडुलिपियां और ऐतिहासिक धरोहरों को उन्नत सुरक्षा और संरक्षण के साथ नए भवनों में स्थानांतरित किया जाएगा।
जनता को लाभ सेंट्रल विस्टा परियोजना न केवल प्रशासनिक कार्यों में सुधार लाएगी, बल्कि जनता के लिए हरित और सांस्कृतिक स्थान भी उपलब्ध कराएगी, जिससे भारत की ऐतिहासिक धरोहर को नई पीढ़ियों के लिए प्रदर्शित किया जा सकेगा। यह परियोजना भारत के विकास और आधुनिकता की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।
आज, अमनौर विधानसभा क्षेत्र के अपहर पंचायत के पटराही कला में लंबे समय से प्रतीक्षित सड़क निर्माण का उद्घाटन हुआ। इससे स्थानीय जनता को बेहतर सुविधाएँ और जीवनस्तर में सुधार मिलेगा।
साथ ही, पचलख पंचायत में दो प्रमुख सड़कों के निर्माण की आधारशिला रखी गई, जो क्षेत्रीय विकास को गति देंगे और ग्रामीण क्षेत्रों में संपर्क सुविधाओं का विस्तार करेंगे। हमारी सरकार हमेशा जनता की प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए विकास कार्यों को आगे बढ़ाती है। सड़कें न केवल यात्रा का माध्यम हैं, बल्कि ये आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।
मैं स्थानीय निवासियों से अपील करता हूँ कि वे इन परियोजनाओं का सही उपयोग करें और अपने आस-पास की सफाई और देखभाल में सक्रिय भागीदारी निभाएं, ताकि हम अपने क्षेत्र को और अधिक सुंदर, सशक्त और समृद्ध बना सकें।
बिहार: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अटल कलाभवन के निर्माण कार्य का किया उद्घाटन, डिप्टी सीएम ने कहा- “विकास की सकारात्मक सोच से साकार हो रहा यह भव्य भवन।”
बिहार: डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने कहा, “आज हम अपने राज्य की समृद्ध और विविध विरासत को पुनः संरक्षित करने में जुटे हैं, जो किसी समय ठहर सी गई थी। आने वाले दिनों में जब हम बिहार को विकास के नए शिखर पर पहुंचाएंगे, तब हमारी गौरवशाली संस्कृति ज्ञान, रोजगार और राजस्व सृजन में एक अहम भूमिका अदा करेगी।”
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा अपनी प्रगति यात्रा के क्रम में मुजफ्फरपुर में ‘अटल कला-भवन’ का कार्य शुभारंभ किया गया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ इस अवसर पर मौजूद उपमुख्यमंत्री-सह कला संस्कृति एवं युवा मामलों के मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से मुख्यमंत्री के नेतृत्व में बिहार ने विरासत के साथ विकास की दिशा में कदम बढ़ा दिया है। उन्होंने आगे कहा कि हम अपने गौरवशाली सांस्कृतिक विरासत की बहुरंगी छवि तो दुनिया के सामने प्रस्तुत करेंगे ही, साथ ही कला-संस्कृति से जुड़ी प्रतिभाओं को उपयुक्त मंच उपलब्ध कराया जाएगा। इसी सोच के साथ राज्य के हर जिले में हम प्रेक्षागृह एवं कलाभवन विकसित करने जा रहे हैं। जिसका नाम “अटल कला भवन” होगा।
विजय सिन्हा ने कहा कि ‘अटल कला-भवन’ के निर्माण से जिले की सांस्कृतिक गतिविधियाँ नई ऊंचाई पर पहुंचेंगी। इस कला भवन में परंपरागत और आधुनिक कलाओं, साथ ही ऑडियो-विज़ुअल प्रस्तुतियों के लिए सभी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी, जिससे जिले में सांस्कृतिक गतिविधियों को और प्रोत्साहन मिलेगा।
मनोज सिन्हा ने इस मौके पर कहा कि सांस्कृतिक गतिविधियाँ समाज में सकारात्मक गतिशीलता लाती हैं, जिसका असर आर्थिक और राजनीतिक क्षेत्रों पर भी पड़ता है। उन्होंने कहा, “हमारी संस्कृति ही हमें राम और रावण, सीता और मंथरा के बीच अंतर बताती है। आज जो माहौल देश में बन रहा है, उसमें देश की सुरक्षा के लिए इन अंतरों की सही पहचान अत्यंत महत्वपूर्ण है।”
मनोज सिन्हा ने यह भी कहा कि भारतीय इतिहास में सांस्कृतिक चेतना ने भारत की एकता और अखंडता को बनाए रखने में निर्णायक भूमिका निभाई। उन्होंने बताया, “हमारे विरासत स्थलों को ध्वस्त किया गया, ग्रंथों को नष्ट किया गया, लेकिन सांस्कृतिक चेतना ने भारतीय समाज को एकसूत्र में बांधकर हमें सुरक्षित रखा।”