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CM ने आचार्य किशोर कुणाल के निधन को बताया समाज के लिए बड़ी क्षति, मांझी ने कहा- मैं लिखकर…

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महावीर मंदिर न्यास के सचिव और पूर्व IPS आचार्य किशोर कुणाल के निधन से प्रदेश में शोक की लहर है। सीएम नीतीश कुमार डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा और सम्राट चौधरी तेजस्वी यादव जीतनराम मांझी सहित कई दिग्गज नेताओं ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। सीएम नीतीश कुमार ने आचार्य किशोर कुणाल के निधन को सामाजिक और प्रशासनिक क्षति बताया।

महावीर मंदिर न्यास के सचिव और अयोध्या मंदिर ट्रस्ट के संस्थापक आचार्य किशोर कुणाल का रविवार सुबह हार्ट अटैक से निधन हो गया। दलितों और पिछड़ों के लिए कार्य करने वाले आचार्य किशोर कुणाल के निधन से लोगों को गहरा सदमा लगा है। सीएम नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम विजय सिन्हा और सम्राट चौधरी सहित प्रदेश के कई दिग्गज नेताओं ने उनके निधन पर दुख जताया है।

CM नीतीश कुमार ने जताया दुख

CM नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया में पोस्ट करके आचार्य किशोर कुणाल के निधन को प्रशासनिक और सामाजिक क्षति बताया। उन्होंने लिखा कि ‘ पूर्व IPS अधिकारी, बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद के पूर्व अध्यक्ष और महावीर मंदिर न्यास समिति के संस्थापक सचिव आचार्य किशोर कुणाल जी का निधन दुःखद।

वे एक कुशल प्रशासक एवं संवेदनशील पदाधिकारी थे। उनके निधन से प्रशासनिक और सामाजिक क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है। दिवंगत आत्मा की चिर शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना है।’

उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने दी श्रद्धांजलि

विजय कुमार सिन्हा ने लिखा कि ‘महावीर मंदिर न्यास समिति के सचिव, बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष, राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य, पूर्व आईपीएस किशोर कुणाल जी का हृदयाघात से आकस्मिक निधन हो जाने की दुःखद सूचना प्राप्त हुई है।

धार्मिक और सामाजिक क्षेत्र में उनकी कृतियों को हमेशा याद रखा जायेगा।प्रभु श्रीराम दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें तथा उनके शोकाकुल परिजनों एवं शुभचिंतकों को दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें। ओम शांति!’

बिहार को लगा गहरा आघात

सम्राट चौधरी ने लिखा कि ‘पटना महावीर मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष, पूर्व IPS अधिकारी आचार्य किशोर कुणाल जी का हृदयाघात से निधन की खबर अत्यंत ही दुःखद है। किशोर कुणाल जी की धार्मिक और सामाजिक क्षेत्र में महती भूमिका रही है। उनकी विदाई से बिहार को गहरा आघात लगा है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें। ओम शांति’

तेजस्वी यादव ने असामयिक निधन को बताया दुखद

तेजस्वी यादव ने लिखा कि ‘पटना के महावीर मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष तथा पूर्व IPS आचार्य किशोर कुणाल जी के असामयिक निधन की खबर दुःखद है। आचार्य जी की शैक्षणिक, धार्मिक व सामाजिक क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण भूमिका रही। ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान तथा शोकाकुल परिजनों को दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें। ओम शांति ओम!’

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने किशोर कुणाल के निधन को बताया देश के लिए अपूरणीय क्षति

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने समाजसेवी, महावीर मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं पूर्व आइपीएस अधिकारी किशोर कुणाल के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। जायसवाल ने कहा किशोर कुणाल ने अपने जीवन को समाज सेवा और धार्मिक उत्थान के लिए समर्पित किया।

महावीर मंदिर ट्रस्ट के माध्यम से उनके द्वारा किए गए कार्य समाज और धर्म के क्षेत्र में मील का पत्थर हैं। उनके नेतृत्व में महावीर मंदिर सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं रहा, बल्कि सामाजिक और शैक्षणिक कार्यों का एक प्रमुख केंद्र बन गया।

कुणाल का निधन न केवल बिहार बल्कि पूरे देश के लिए अपूरणीय क्षति है। उनके आदर्श और कार्य हमेशा प्रेरणा स्रोत बने रहेंगे। ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि उनकी आत्मा को शांति और उनके परिजनों को यह अपार दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें।

मंत्री मंगल पांडेय ने जताया दुख

स्वास्थ्य एवं कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि महावीर मंदिर और राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य पूर्व आईपीएस किशोर कुणाल का निधन राज्य एवं देश के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है। उनके निधन से पूरी तरह स्तब्ध हूं। देश ने एक महान विभूति को खो दिया। वो सामाजिक मूल्यों और कर्तव्यों के प्रति सजग रहने वाले एक ऐसे योद्धा थे, जिसने कभी हार नहीं मानी।

मैं उनके किए कार्यों को नमन करता हूं और उनके परिवार के प्रति सच्ची श्रद्धा व्यक्त करता हूं। हुए इस दुख की घड़ी में ईश्वर उनके परिजनों को पीड़ा सहने की असीम शक्ति प्रदान करे यही कामना करता हूं।

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अमनौर विधानसभा के नारायणपुर, हुस्सेपुर, अमनौर, भेल्दी, जलालपुर चौक, सहित अन्य जगहों पर अपनो के सुख-दुख में शामिल हुआ |

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मृत्यु सत्य है और शरीर नश्वर है,

यह जानते हुए भी अपनों के जाने का दुःख होता है,

हमें ईश्वर से प्रार्थना करनी चाहिए कि दिवंगत आत्मा को शांति और मोक्ष प्रदान करें।

अमनौर विधानसभा के नारायणपुर, हुस्सेपुर, अमनौर, भेल्दी, जलालपुर चौक, सहित अन्य जगहों पर अपनो के सुख-दुख में शामिल हुआ |

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World Braille Day 2024: कब और कैसे हुई विश्व ब्रेल दिवस की शुरुआत, जानिए ब्रेल लिपि क्या है?

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आइए जानते हैं ब्रेल लिपि के बारे में: इसका आविष्कार कैसे हुआ, लुईस ब्रेल कौन थे, और इस दिन का इतिहास व महत्व।

World Braille Day 2024 :हर साल 4 जनवरी को विश्व ब्रेल दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन वैश्विक स्तर पर दृष्टिबाधितों के लिए बेहद अहम दिन है। इस दिन को लुईस ब्रेल नाम के शख्स के जन्मदिन के मौके पर मनाते हैं। लुईस ब्रेल एक आविष्कारक थे, जिन्होंने ब्रेल लिपि का आविष्कार किया था। ब्रेल लिपि आंखों से देख न पाने वाले लोगों की भाषा है, जिसका उपयोग वे लिखने पढ़ने के लिए करते हैं। 

जन्मजात या किसी अन्य कारण से आंखों का रोशनी खो देने वाले लोगों को समाज के अन्य लोगों के समान स्थान देने और उन्हें शिक्षा व करियर में शारीरिक कमी के कारण वंचित न रहना पड़े, इसी उद्देश्य से लुईस ब्रेल नेे ब्रेल लिपि का आविष्कार किया और दृष्टिबाधितों को आत्मनिर्भर बनने में मदद की। उनके जीवन काल में उन्हें इस योगदान के लिए सम्मान नहीं मिला लेकिन बाद में विश्व ब्रेल दिवस मनाने की शुरुआत की गई और लुईस ब्रेल के जन्मदिन के मौके पर उन्हें याद करते हुए यह दिन समर्पित किया गया। आइए जानते हैं ब्रेल लिपि के बारे में, कैसे इसका आविष्कार हुआ? ब्रेल लिपि के आविष्कारक लुईस ब्रेल कौन थे और इस दिन का इतिहास व महत्व।

कौन थे लुईस ब्रेल?
लुईस ब्रेल का जन्म 4 जनवरी 1809 को फ्रांस के कुप्रे गांव में हुआ था। उनके पिता साइमन रेले ब्रेल, शाही घोड़ों के लिए काठी और जीन बनाने का काम करते थे। परिवार की आर्थिक स्थिति खराब थी, जिससे लुईस को तीन साल की उम्र में पिता के साथ काम पर जाना पड़ा। एक हादसे में उनकी एक आंख की रोशनी चली गई और बाद में दूसरी आंख भी कमजोर हो गई। तंगी के कारण उनका इलाज भी ठीक से नहीं हो पाया, और आठ साल की उम्र में लुईस पूरी तरह से अंधे हो गए।

ब्रेल लिपि का आविष्कार कैसे हुआ?
लुईस ने हार नहीं मानी और नेत्रहीनों के स्कूल में दाखिला लिया। वहां उन्हें सेना की एक कूटलिपि के बारे में पता चला, जो अंधेरे में भी संदेश पढ़ने में मदद करती थी। इस विचार से प्रेरित होकर, लुईस ने नेत्रहीनों के लिए ब्रेल लिपि का आविष्कार किया, जिससे वे भी पढ़ने और लिखने में सक्षम हो सके।

क्या है ब्रेल लिपि ?

आंखों से देख न सकने वालों के लिए ब्रेल लिपि वरदान की तरह है। नेत्रहीनों के लिए ब्रेल लिपि पढ़ने और लिखने का एक स्पर्शनीय कोड है। इसमें विशेष प्रकार के उभरे कागज का इस्तेमाल होता है, जिस पर उभरे हुए बिंदुओं को छूकर पढ़ा जा सकता है। टाइपराइटर की तरह की ही एक मशीन ‘ब्रेलराइटर’ के माध्यम से ब्रेल लिपि को लिखा जा सकता है। इसके अलावा स्टायलस और ब्रेल स्लेट के जरिए भी लिख सकते हैं। ब्रेल में उभरे हुए बिंदुओं को ‘सेल’ कहा जाता है।

विश्व ब्रेल दिवस का इतिहास
संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर में लगभग 39 मिलियन लोग अंधे हैं, जबकि 253 मिलियन लोग दृष्टि संबंधी विकारों से पीड़ित हैं। इस बड़ी संख्या को देखते हुए, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 6 नवंबर 2018 को यह प्रस्ताव पारित किया कि हर साल 4 जनवरी को लुईस ब्रेल के जन्मदिन पर विश्व ब्रेल दिवस मनाया जाएगा, ताकि दृष्टिबाधितों के लिए ब्रेल लिपि के महत्व को बढ़ावा दिया जा सके।

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शिक्षकों के लिए खुशखबरी! ट्रांसफर का शेड्यूल जारी, इन्हें दी जाएगी पहली प्राथमिकता।

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विशेष समस्या के आधार पर स्थानांतरण-पदस्थापन के इच्छुक एक लाख 90 हजार 332 शिक्षकों को अभी और इंतजार करना पड़ेगा। इनका चार चरणों में स्थानातंरण किया जाएगा। इससे पहले शिक्षकों के प्राप्त आवेदनों की स्क्रूटनी शिक्षा विभाग के 16 सीनियर अफसरों की टीम करेगी।

प्रत्येक अफसर एक-एक आवेदन की जांच करेंगे और खुद ही चेक लिस्ट तैयार करके उसपर अपना मतंव्य भी देंगे।

हर अफसर को प्रत्येक चेक लिस्ट पर शिक्षक के नाम व आइडी लिखकर यह सुझाव देना होगा कि आवेदक द्वारा समर्पित तथ्य उनके आवेदन श्रेणी के अनुरुप है या आवेदक द्वारा समर्पित तथ्य उनके आवेदन श्रेणी के अनुरूप नहीं है। जाहिर है, आवेदनों की संख्या को देखते हुए स्क्रूटनी की प्रक्रिया लंबी चलेगी।
विभाग के निदेशक (प्राथमिक) पंकज कुमार ने शुक्रवार को आदेश जारी कर स्पष्ट तौर से कहा कि सभी प्राप्त आवेदनों का निष्पादन चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा। इनमें प्रारंभिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों के एक लाख 90 हजार शिक्षकों के आवेदन शामिल हैं।

पहला चरण

  • पहले चरण में असाध्य रोग (विभिन्न प्रकार के कैंसर) एवं गंभीर बीमारी (किडनी रोग, हृदय रोग, लीवर रोग) से ग्रसित शिक्षकों, दिव्यांगता के आधार पर नियुक्त शिक्षकों, आटिज्म/मानसिक दिव्यांगता के आधार पर नियुक्त शिक्षकों एवं विधवा तथा परित्यक्ता शिक्षकों के स्थानातंरण को प्राथमिकता दी जाएगी।
  • ऐसे शिक्षकों की कुल संख्या 11,809 है। इनमें असाध्य रोग वाले 760 और गंभीर बीमारी वाले 2579 शिक्षक हैं।
  • दिव्यांगता के आधार पर नियुक्त 5575, आटिज्म/मानसिक दिव्यांगता के आधार पर नियुक्त 1557 शिक्षक हैं। वहीं विधवा तथा परित्यक्ता शिक्षकों की संख्या 1338 है।

दूसरा चरण

  • आदेश के मुताबिक दूसरे चरण में पति/पत्नी के पदस्थापन के आधार पर स्थानांतरण हेतु प्राप्त आवेदनों की स्क्रूटनी होगी। इनमें 16,356 शिक्षकों के आवेदन शामिल हैं।

तीसरा चरण

  • तीसरे चरण में ऐच्छिक स्थान से वर्तमान पदस्थापन की दूरी के कारण महिला शिक्षकों के आवेदनों की स्क्रूटनी होगी।

चौथा चरण

  • चौथे चरण में ऐच्छिक स्थान से वर्तमान की दूरी के कारण पुरुष शिक्षकों से प्राप्त आवेदनों की स्क्रूटनी होगी। ऐसे महिला व पुरुष शिक्षकों से कुल एक लाख 62 हजार आवेदन प्राप्त हुए हैं।

स्क्रूटनी हेतु प्रतिनियुक्त अफसरों के नाम

उप सचिव शाहजहां, उप निदेशक (प्रशासन) जावेद अहसन अंसारी, विशेष कार्य पदाधिकारी विनिता एवं सुषमा कुमारी, उच्च शिक्षा के उप निदेशक नसीम अहमद, दीपक कुमार सिंह, दिवेश कुमार चौधरी, माध्यमिक शिक्षा के विशेष निदेशक सचिन्द्र कुमार।

उप निदेशक अब्दुस सलाम अंसारी तथा नरेन्द्र कुमार, प्राथमिक शिक्षा के संयुक्त निदेशक अमर कुमार, उप निदेशक उर्मिला कुमारी, नीरज कुमार और संजय कुमार चौधरी, जन शिक्षा की सहायक निदेशक प्रिया भारती और वेंकट गोपाल।

आवेदनों की स्क्रूटनी में हिदायत

विभागीय आदेश में आवेदनों की स्क्रूटनी में प्रतिनियुक्त अफसरों को हिदायत दी गई है कि प्रत्येक आवेदन की स्वयं स्क्रूटनी करेंगे एवं संलग्न चेक लिस्ट भरकर हस्ताक्षरित कर उसे आवेदन के साथ टैग करेंगे।

उक्त कार्य में प्रतिनियुक्त पदाधिकारी किसी भी परिस्थिति में अपने अधीनस्थ प्रशाखा पदाधिकारी/सहायक प्रशाखा पदाधिकारी अथवा डाटा इंट्री आपरेटर का सहयोग नहीं लेंगे।

स्क्रूटनी उपलब्ध कागजात के आधार पर ही किया जाएगा और आवेदक से संपर्क नहीं करेंगे। स्क्रूटनी के बाद सभी आवेदनों को चेकलिस्ट सहित सीलबंद लिफाफा में बंदकर प्राथमिक शिक्षा निदेशक को उपलब्ध कराया जाएगा। प्राप्त चेकलिस्ट के अनुसार ई-शिक्षाकोष में आवश्यक प्रविष्टि की जाएगी।

इसके बाद विभाग के स्तर से श्रेणी के क्रमानुसार ई-शिक्षाकोष के माध्यम से सरकार द्वारा निर्धारित नीति के अनुसार स्थानांतरण/पदस्थापन की कार्रवाई की जाएगी और आदेश निर्गत किया जाएगा।

संबंधित शिक्षक अपना स्थानांतरण/पदस्थापन आदेश ई-शिक्षाकोष पोर्टल से अपने लागिन आइडी/पासवर्ड से डाउनलोड कर सकेंगे। आवेदन पर अद्यतन स्थिति/स्थानांतरण/ पदस्थापन आदेश केवल ई-शिक्षाकोष में ही उपलब्ध रहेंगे।

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