Latest News Viral News Business Job

auto-news

Balu Mafia: आरा में बालू माफियाओं की सूची तैयार, 8 माफियाओं की संपत्ति जब्त करने का आया आदेश।

Published

on

Bihar News नए साल से पहले बिहार में कुख्यात अपराधियों और बालू माफियाओं की संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई शुरू हो गई है। भोजपुर जिले में आठ बालू माफियाओं समेत अपराधियों को चिह्नित कर पहली सूची तैयार की गई है। अपराधियों की संपत्ति जब्ती संबंधी प्रस्ताव से पूर्व खरीदी गई संपत्ति से लेकर आयकर रिटर्न की जांच कराई जा रही है।

डीजीपी विनय कुमार के निर्देश के बाद कुख्यात अपराधियों एवं बालू माफियाओं की संपत्ति जब्त करने को लेकर कवायद शुरू हो गई है। भोजपुर जिले में आठ बालू माफियाओं समेत अपराधियों को चिह्नित कर पहली सूची तैयार कर ली गई है।

अपराधियों की संपत्ति जब्ती संबंधी प्रस्ताव से पूर्व खरीदी गई संपत्ति से लेकर आयकर रिर्टन की जांच करायी जा रही है। अवैध कमाई का ठोंस साक्ष्य पाए जाने के बाद पुलिस भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 107 के तहत संपत्ति जब्ती के लिए कोर्ट में प्रस्ताव समर्पित किया जाएगा। खासकर उन अपराधियों व माफियाओं के विरुद्ध यह कार्रवाई की जाएगी, जिनके विरुद्ध कांड अनुसंधान अन्तर्गत है।

विभागीय सूत्रों की मानें तो पहली सूची में कोईलवर क्षेत्र से बालू माफिया अमरेश राय उर्फ विदेशी राय, सोनू खान, गुड्डू राय तथा सत्येन्द्र पांडेय गैंग समेत छह तथा दो अन्य नाम अन्य थाने से जुड़े अपराधियों व माफियाओं का बताया जा रहा है।

गाैरतलब है कि नए डीजीपी ने योगदान देने के साथ ही हर थाने से दो अपराधियों की सूची तैयार कर प्रस्ताव समर्पित किए जाने का निर्देश दिया है। प्रस्ताव के लिए 31 जनवरी 2025 तक की तिथि निर्धारित की गई है।

एक जुलाई 2024 से पूरे देश में लागू नए आपराधिक कानूनों नागरिक सुरक्षा संहिता-2023 में धारा-107 को जोड़ा गया है, जो आपराधिक क्रियाकलाप से संबंधित या अर्जित सम्पत्ति के अधिग्रहण या कुर्की को लेकर मत स्पष्ट कर देता है।

बीएनएसएस-2023 की यह धारा यह व्यवस्था की गई है कि अनुसंधान पदाधिकारी को अनुसंधान के दौरान विश्वसनीय रूप से यह तथ्य संज्ञान में आने पर कि अपराधी ने आपराधिक कृत्य के माध्यम से उपरोक्त सम्पत्ति अर्जित की है, उसके विरुद्ध प्रस्ताव समर्पित कर सकते है।

आय के स्रोत, आयकर रिटर्न की भी होगी पड़ताल

अनुसंधान करने वाले दारोगा या इंस्पेक्टर को कोर्ट में प्रार्थनापत्र प्रस्तुत करने से पहले यह जानना होगा कि अपराधी की सम्पत्ति अपराध की आय से किस प्रकार जुड़ी हुई है।

इसके लिए आइओ आरोपित के आय के स्रोत, आयकर रिटर्न, खरीदी गई सम्पत्ति के भुगतान के तरीके आदि का सूक्ष्मता से परीक्षण करेंगे इसके अलावा आइओ द्वारा प्रस्तुत प्रार्थनापत्र के आधार पर न्यायालय द्वारा आरोपित को कारण बताओ नोटिस निर्गत किया जाएगा।

यदि आइओ द्वारा प्रस्तुत आवेदन पत्र में वर्णित संपत्ति किसी अन्य व्यक्ति द्वारा धारित बताई गई है, तो नोटिस की प्रति उस व्यक्ति को भी तामील की जाएगी।

जानें, किस तरह के कांडों में कैसे होगी कार्रवाई

  • वैसे कांड जो अनुसंधान अन्तर्गत है, उन कांंडों में आरोपित की संपत्ति की जांच कराए जाने का प्रविधान है।
  • आरोपित द्वारा खरीदी गई संपत्ति एवं आय का मिलान किया जाएगा।
  • आयकर रिर्टन की जांच की जाएगी, आरटीआई के माध्यम से जानकारी एकत्रित की जाएगी
  • अगर अपराधी ने अपने किसी रिश्तेदार के नाम पर संपत्ति व गाड़ी खरीदी है, तो रिश्तेदार के भी आय की जांच की जाएगी।
  • आय के स्त्रोतों का भी पता लगाया जाएगा, जिससे की अवैध कमाई का पता चल सके।

Continue Reading
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

latest-news

अमनौर विधानसभा के नारायणपुर, हुस्सेपुर, अमनौर, भेल्दी, जलालपुर चौक, सहित अन्य जगहों पर अपनो के सुख-दुख में शामिल हुआ |

Published

on

मृत्यु सत्य है और शरीर नश्वर है,

यह जानते हुए भी अपनों के जाने का दुःख होता है,

हमें ईश्वर से प्रार्थना करनी चाहिए कि दिवंगत आत्मा को शांति और मोक्ष प्रदान करें।

अमनौर विधानसभा के नारायणपुर, हुस्सेपुर, अमनौर, भेल्दी, जलालपुर चौक, सहित अन्य जगहों पर अपनो के सुख-दुख में शामिल हुआ |

Continue Reading

world

World Braille Day 2024: कब और कैसे हुई विश्व ब्रेल दिवस की शुरुआत, जानिए ब्रेल लिपि क्या है?

Published

on

आइए जानते हैं ब्रेल लिपि के बारे में: इसका आविष्कार कैसे हुआ, लुईस ब्रेल कौन थे, और इस दिन का इतिहास व महत्व।

World Braille Day 2024 :हर साल 4 जनवरी को विश्व ब्रेल दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन वैश्विक स्तर पर दृष्टिबाधितों के लिए बेहद अहम दिन है। इस दिन को लुईस ब्रेल नाम के शख्स के जन्मदिन के मौके पर मनाते हैं। लुईस ब्रेल एक आविष्कारक थे, जिन्होंने ब्रेल लिपि का आविष्कार किया था। ब्रेल लिपि आंखों से देख न पाने वाले लोगों की भाषा है, जिसका उपयोग वे लिखने पढ़ने के लिए करते हैं। 

जन्मजात या किसी अन्य कारण से आंखों का रोशनी खो देने वाले लोगों को समाज के अन्य लोगों के समान स्थान देने और उन्हें शिक्षा व करियर में शारीरिक कमी के कारण वंचित न रहना पड़े, इसी उद्देश्य से लुईस ब्रेल नेे ब्रेल लिपि का आविष्कार किया और दृष्टिबाधितों को आत्मनिर्भर बनने में मदद की। उनके जीवन काल में उन्हें इस योगदान के लिए सम्मान नहीं मिला लेकिन बाद में विश्व ब्रेल दिवस मनाने की शुरुआत की गई और लुईस ब्रेल के जन्मदिन के मौके पर उन्हें याद करते हुए यह दिन समर्पित किया गया। आइए जानते हैं ब्रेल लिपि के बारे में, कैसे इसका आविष्कार हुआ? ब्रेल लिपि के आविष्कारक लुईस ब्रेल कौन थे और इस दिन का इतिहास व महत्व।

कौन थे लुईस ब्रेल?
लुईस ब्रेल का जन्म 4 जनवरी 1809 को फ्रांस के कुप्रे गांव में हुआ था। उनके पिता साइमन रेले ब्रेल, शाही घोड़ों के लिए काठी और जीन बनाने का काम करते थे। परिवार की आर्थिक स्थिति खराब थी, जिससे लुईस को तीन साल की उम्र में पिता के साथ काम पर जाना पड़ा। एक हादसे में उनकी एक आंख की रोशनी चली गई और बाद में दूसरी आंख भी कमजोर हो गई। तंगी के कारण उनका इलाज भी ठीक से नहीं हो पाया, और आठ साल की उम्र में लुईस पूरी तरह से अंधे हो गए।

ब्रेल लिपि का आविष्कार कैसे हुआ?
लुईस ने हार नहीं मानी और नेत्रहीनों के स्कूल में दाखिला लिया। वहां उन्हें सेना की एक कूटलिपि के बारे में पता चला, जो अंधेरे में भी संदेश पढ़ने में मदद करती थी। इस विचार से प्रेरित होकर, लुईस ने नेत्रहीनों के लिए ब्रेल लिपि का आविष्कार किया, जिससे वे भी पढ़ने और लिखने में सक्षम हो सके।

क्या है ब्रेल लिपि ?

आंखों से देख न सकने वालों के लिए ब्रेल लिपि वरदान की तरह है। नेत्रहीनों के लिए ब्रेल लिपि पढ़ने और लिखने का एक स्पर्शनीय कोड है। इसमें विशेष प्रकार के उभरे कागज का इस्तेमाल होता है, जिस पर उभरे हुए बिंदुओं को छूकर पढ़ा जा सकता है। टाइपराइटर की तरह की ही एक मशीन ‘ब्रेलराइटर’ के माध्यम से ब्रेल लिपि को लिखा जा सकता है। इसके अलावा स्टायलस और ब्रेल स्लेट के जरिए भी लिख सकते हैं। ब्रेल में उभरे हुए बिंदुओं को ‘सेल’ कहा जाता है।

विश्व ब्रेल दिवस का इतिहास
संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर में लगभग 39 मिलियन लोग अंधे हैं, जबकि 253 मिलियन लोग दृष्टि संबंधी विकारों से पीड़ित हैं। इस बड़ी संख्या को देखते हुए, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 6 नवंबर 2018 को यह प्रस्ताव पारित किया कि हर साल 4 जनवरी को लुईस ब्रेल के जन्मदिन पर विश्व ब्रेल दिवस मनाया जाएगा, ताकि दृष्टिबाधितों के लिए ब्रेल लिपि के महत्व को बढ़ावा दिया जा सके।

Continue Reading

latest-news

शिक्षकों के लिए खुशखबरी! ट्रांसफर का शेड्यूल जारी, इन्हें दी जाएगी पहली प्राथमिकता।

Published

on

विशेष समस्या के आधार पर स्थानांतरण-पदस्थापन के इच्छुक एक लाख 90 हजार 332 शिक्षकों को अभी और इंतजार करना पड़ेगा। इनका चार चरणों में स्थानातंरण किया जाएगा। इससे पहले शिक्षकों के प्राप्त आवेदनों की स्क्रूटनी शिक्षा विभाग के 16 सीनियर अफसरों की टीम करेगी।

प्रत्येक अफसर एक-एक आवेदन की जांच करेंगे और खुद ही चेक लिस्ट तैयार करके उसपर अपना मतंव्य भी देंगे।

हर अफसर को प्रत्येक चेक लिस्ट पर शिक्षक के नाम व आइडी लिखकर यह सुझाव देना होगा कि आवेदक द्वारा समर्पित तथ्य उनके आवेदन श्रेणी के अनुरुप है या आवेदक द्वारा समर्पित तथ्य उनके आवेदन श्रेणी के अनुरूप नहीं है। जाहिर है, आवेदनों की संख्या को देखते हुए स्क्रूटनी की प्रक्रिया लंबी चलेगी।
विभाग के निदेशक (प्राथमिक) पंकज कुमार ने शुक्रवार को आदेश जारी कर स्पष्ट तौर से कहा कि सभी प्राप्त आवेदनों का निष्पादन चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा। इनमें प्रारंभिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों के एक लाख 90 हजार शिक्षकों के आवेदन शामिल हैं।

पहला चरण

  • पहले चरण में असाध्य रोग (विभिन्न प्रकार के कैंसर) एवं गंभीर बीमारी (किडनी रोग, हृदय रोग, लीवर रोग) से ग्रसित शिक्षकों, दिव्यांगता के आधार पर नियुक्त शिक्षकों, आटिज्म/मानसिक दिव्यांगता के आधार पर नियुक्त शिक्षकों एवं विधवा तथा परित्यक्ता शिक्षकों के स्थानातंरण को प्राथमिकता दी जाएगी।
  • ऐसे शिक्षकों की कुल संख्या 11,809 है। इनमें असाध्य रोग वाले 760 और गंभीर बीमारी वाले 2579 शिक्षक हैं।
  • दिव्यांगता के आधार पर नियुक्त 5575, आटिज्म/मानसिक दिव्यांगता के आधार पर नियुक्त 1557 शिक्षक हैं। वहीं विधवा तथा परित्यक्ता शिक्षकों की संख्या 1338 है।

दूसरा चरण

  • आदेश के मुताबिक दूसरे चरण में पति/पत्नी के पदस्थापन के आधार पर स्थानांतरण हेतु प्राप्त आवेदनों की स्क्रूटनी होगी। इनमें 16,356 शिक्षकों के आवेदन शामिल हैं।

तीसरा चरण

  • तीसरे चरण में ऐच्छिक स्थान से वर्तमान पदस्थापन की दूरी के कारण महिला शिक्षकों के आवेदनों की स्क्रूटनी होगी।

चौथा चरण

  • चौथे चरण में ऐच्छिक स्थान से वर्तमान की दूरी के कारण पुरुष शिक्षकों से प्राप्त आवेदनों की स्क्रूटनी होगी। ऐसे महिला व पुरुष शिक्षकों से कुल एक लाख 62 हजार आवेदन प्राप्त हुए हैं।

स्क्रूटनी हेतु प्रतिनियुक्त अफसरों के नाम

उप सचिव शाहजहां, उप निदेशक (प्रशासन) जावेद अहसन अंसारी, विशेष कार्य पदाधिकारी विनिता एवं सुषमा कुमारी, उच्च शिक्षा के उप निदेशक नसीम अहमद, दीपक कुमार सिंह, दिवेश कुमार चौधरी, माध्यमिक शिक्षा के विशेष निदेशक सचिन्द्र कुमार।

उप निदेशक अब्दुस सलाम अंसारी तथा नरेन्द्र कुमार, प्राथमिक शिक्षा के संयुक्त निदेशक अमर कुमार, उप निदेशक उर्मिला कुमारी, नीरज कुमार और संजय कुमार चौधरी, जन शिक्षा की सहायक निदेशक प्रिया भारती और वेंकट गोपाल।

आवेदनों की स्क्रूटनी में हिदायत

विभागीय आदेश में आवेदनों की स्क्रूटनी में प्रतिनियुक्त अफसरों को हिदायत दी गई है कि प्रत्येक आवेदन की स्वयं स्क्रूटनी करेंगे एवं संलग्न चेक लिस्ट भरकर हस्ताक्षरित कर उसे आवेदन के साथ टैग करेंगे।

उक्त कार्य में प्रतिनियुक्त पदाधिकारी किसी भी परिस्थिति में अपने अधीनस्थ प्रशाखा पदाधिकारी/सहायक प्रशाखा पदाधिकारी अथवा डाटा इंट्री आपरेटर का सहयोग नहीं लेंगे।

स्क्रूटनी उपलब्ध कागजात के आधार पर ही किया जाएगा और आवेदक से संपर्क नहीं करेंगे। स्क्रूटनी के बाद सभी आवेदनों को चेकलिस्ट सहित सीलबंद लिफाफा में बंदकर प्राथमिक शिक्षा निदेशक को उपलब्ध कराया जाएगा। प्राप्त चेकलिस्ट के अनुसार ई-शिक्षाकोष में आवश्यक प्रविष्टि की जाएगी।

इसके बाद विभाग के स्तर से श्रेणी के क्रमानुसार ई-शिक्षाकोष के माध्यम से सरकार द्वारा निर्धारित नीति के अनुसार स्थानांतरण/पदस्थापन की कार्रवाई की जाएगी और आदेश निर्गत किया जाएगा।

संबंधित शिक्षक अपना स्थानांतरण/पदस्थापन आदेश ई-शिक्षाकोष पोर्टल से अपने लागिन आइडी/पासवर्ड से डाउनलोड कर सकेंगे। आवेदन पर अद्यतन स्थिति/स्थानांतरण/ पदस्थापन आदेश केवल ई-शिक्षाकोष में ही उपलब्ध रहेंगे।

Continue Reading

Trending