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“2025 में बदलाव: पीएफ निकासी से लेकर जीएसटी तक, छह अहम नियमों में हुआ बदलाव; नए साल में बड़े परिवर्तन की शुरुआत”

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New Year 2025: नए साल में आर्थिक मोर्चे पर कई अहम बदलाव हुए हैं। आने वाले साल के लिए वित्तीय योजना बनाने से पहले इन बदलावों को समझना बेहद जरूरी है। आइए, जानते हैं इन बदलावों के बारे में विस्तार से…

नए साल 2025 का आगाज हो गया है। यह कई मायनों में खास है, क्योंकि इसमें कई ऐसे बदलाव होने जा रहे हैं, जिनका सीधा असर हमारे-आपके रोजमर्रा के जीवन, वित्तीय स्थिति और जरूरतों पर पड़ेगा। इनमें कुछ बदलाव से हमें आसानी होगी, जबकि कुछ हमारी जेब ढीली कर सकते हैं। ब्यूरो

चार फीसदी तक महंगी हो जाएंगी कारें
मारुति और ह्यूंडई समेत लगभग सभी बड़ी वाहन निर्माता कंपनियां 1 जनवरी, 2025 से गाड़ियों की कीमतें चार फीसदी तक बढ़ाने जा रही हैं। महंगाई और बढ़ती लागत के कारण कंपनियां यह कदम उठा रही हैं, ताकि बढ़े हुए खर्च का बोझ ग्राहकों पर डाला जा सके। टाटा मोटर्स, महिंद्रा, टोयोटा और किआ जैसी कंपनियों ने पहले ही कारों की कीमतों में वृद्धि की घोषणा की है। इसके साथ ही बीएमडब्ल्यू, ऑडी और मर्सिडीज जैसी लग्जरी कारों के लिए भी अधिक कीमत चुकानी होगी।

फीचर फोन पर यूपीआई123पे की सीमा बढ़ी
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने फीचर फोन के लिए यूपीआई123पे के तहत लेनदेन की सीमा को बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दिया है, जो पहले 5,000 रुपये थी। यह नया नियम 1 जनवरी, 2025 से लागू होगा, जिससे खासकर छोटे कारोबारियों और उन इलाकों के लोगों को फायदा होगा, जहां इंटरनेट की पर्याप्त सुविधा नहीं है।

जीएसटी: मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन अनिवार्य
जीएसटी पोर्टल का उपयोग करने वाले सभी करदाताओं के लिए 1 जनवरी, 2025 से मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (MFA) अनिवार्य कर दिया गया है। इससे जीएसटी की डिजिटल सुरक्षा में सुधार होगा और जीएसटी फाइलिंग प्रक्रिया और अधिक सुरक्षित और सुविधाजनक बनेगी।

किसानों को बिना गारंटी दो लाख रुपये तक कर्ज
RBI ने किसानों को राहत देते हुए बिना गारंटी वाले कृषि कर्ज की सीमा 1.6 लाख रुपये से बढ़ाकर दो लाख रुपये कर दी है। यह बदलाव 1 जनवरी, 2025 से लागू हो रहा है और इसका उद्देश्य छोटे और सीमांत किसानों को सस्ता और सुलभ कर्ज उपलब्ध कराना है।

अब एटीएम से होगी पीएफ निकासी
अब पीएफ खाताधारक नए साल में एटीएम के जरिए अपनी पीएफ राशि निकाल सकेंगे। इसके साथ ही, ईपीएफओ और ईएसआईसी के सब्सक्राइबर्स भी जल्द ही अपनी क्लेम राशि सीधे ई-वॉलेट में ले सकेंगे। इन सेवाओं को लागू करने के लिए श्रम मंत्रालय अपनी आईटी प्रणाली को अपग्रेड कर रहा है।

पीएफ खाताधारकों की योगदान सीमा में बदलाव
पीएफ खाताधारकों की योगदान सीमा में भी बदलाव हो सकता है। वर्तमान में, कर्मचारी अपने बेसिक वेतन का 12% हिस्सा ईपीएफ खाते में योगदान करते हैं, और यह सीमा बढ़ाई जा सकती है।

सेंसेक्स और बैंकेक्स की मासिक एक्सपायरी
1 जनवरी से सेंसेक्स, बैंकेक्स और सेंसेक्स-50 की मासिक एक्सपायरी अब हर महीने के आखिरी मंगलवार को होगी, जो पहले शुक्रवार को होती थी। इसके साथ ही तिमाही और अर्धवार्षिक कॉन्ट्रैक्ट की एक्सपायरी डेट भी बदल दी गई है।

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अमनौर विधानसभा के नारायणपुर, हुस्सेपुर, अमनौर, भेल्दी, जलालपुर चौक, सहित अन्य जगहों पर अपनो के सुख-दुख में शामिल हुआ |

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मृत्यु सत्य है और शरीर नश्वर है,

यह जानते हुए भी अपनों के जाने का दुःख होता है,

हमें ईश्वर से प्रार्थना करनी चाहिए कि दिवंगत आत्मा को शांति और मोक्ष प्रदान करें।

अमनौर विधानसभा के नारायणपुर, हुस्सेपुर, अमनौर, भेल्दी, जलालपुर चौक, सहित अन्य जगहों पर अपनो के सुख-दुख में शामिल हुआ |

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World Braille Day 2024: कब और कैसे हुई विश्व ब्रेल दिवस की शुरुआत, जानिए ब्रेल लिपि क्या है?

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आइए जानते हैं ब्रेल लिपि के बारे में: इसका आविष्कार कैसे हुआ, लुईस ब्रेल कौन थे, और इस दिन का इतिहास व महत्व।

World Braille Day 2024 :हर साल 4 जनवरी को विश्व ब्रेल दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन वैश्विक स्तर पर दृष्टिबाधितों के लिए बेहद अहम दिन है। इस दिन को लुईस ब्रेल नाम के शख्स के जन्मदिन के मौके पर मनाते हैं। लुईस ब्रेल एक आविष्कारक थे, जिन्होंने ब्रेल लिपि का आविष्कार किया था। ब्रेल लिपि आंखों से देख न पाने वाले लोगों की भाषा है, जिसका उपयोग वे लिखने पढ़ने के लिए करते हैं। 

जन्मजात या किसी अन्य कारण से आंखों का रोशनी खो देने वाले लोगों को समाज के अन्य लोगों के समान स्थान देने और उन्हें शिक्षा व करियर में शारीरिक कमी के कारण वंचित न रहना पड़े, इसी उद्देश्य से लुईस ब्रेल नेे ब्रेल लिपि का आविष्कार किया और दृष्टिबाधितों को आत्मनिर्भर बनने में मदद की। उनके जीवन काल में उन्हें इस योगदान के लिए सम्मान नहीं मिला लेकिन बाद में विश्व ब्रेल दिवस मनाने की शुरुआत की गई और लुईस ब्रेल के जन्मदिन के मौके पर उन्हें याद करते हुए यह दिन समर्पित किया गया। आइए जानते हैं ब्रेल लिपि के बारे में, कैसे इसका आविष्कार हुआ? ब्रेल लिपि के आविष्कारक लुईस ब्रेल कौन थे और इस दिन का इतिहास व महत्व।

कौन थे लुईस ब्रेल?
लुईस ब्रेल का जन्म 4 जनवरी 1809 को फ्रांस के कुप्रे गांव में हुआ था। उनके पिता साइमन रेले ब्रेल, शाही घोड़ों के लिए काठी और जीन बनाने का काम करते थे। परिवार की आर्थिक स्थिति खराब थी, जिससे लुईस को तीन साल की उम्र में पिता के साथ काम पर जाना पड़ा। एक हादसे में उनकी एक आंख की रोशनी चली गई और बाद में दूसरी आंख भी कमजोर हो गई। तंगी के कारण उनका इलाज भी ठीक से नहीं हो पाया, और आठ साल की उम्र में लुईस पूरी तरह से अंधे हो गए।

ब्रेल लिपि का आविष्कार कैसे हुआ?
लुईस ने हार नहीं मानी और नेत्रहीनों के स्कूल में दाखिला लिया। वहां उन्हें सेना की एक कूटलिपि के बारे में पता चला, जो अंधेरे में भी संदेश पढ़ने में मदद करती थी। इस विचार से प्रेरित होकर, लुईस ने नेत्रहीनों के लिए ब्रेल लिपि का आविष्कार किया, जिससे वे भी पढ़ने और लिखने में सक्षम हो सके।

क्या है ब्रेल लिपि ?

आंखों से देख न सकने वालों के लिए ब्रेल लिपि वरदान की तरह है। नेत्रहीनों के लिए ब्रेल लिपि पढ़ने और लिखने का एक स्पर्शनीय कोड है। इसमें विशेष प्रकार के उभरे कागज का इस्तेमाल होता है, जिस पर उभरे हुए बिंदुओं को छूकर पढ़ा जा सकता है। टाइपराइटर की तरह की ही एक मशीन ‘ब्रेलराइटर’ के माध्यम से ब्रेल लिपि को लिखा जा सकता है। इसके अलावा स्टायलस और ब्रेल स्लेट के जरिए भी लिख सकते हैं। ब्रेल में उभरे हुए बिंदुओं को ‘सेल’ कहा जाता है।

विश्व ब्रेल दिवस का इतिहास
संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर में लगभग 39 मिलियन लोग अंधे हैं, जबकि 253 मिलियन लोग दृष्टि संबंधी विकारों से पीड़ित हैं। इस बड़ी संख्या को देखते हुए, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 6 नवंबर 2018 को यह प्रस्ताव पारित किया कि हर साल 4 जनवरी को लुईस ब्रेल के जन्मदिन पर विश्व ब्रेल दिवस मनाया जाएगा, ताकि दृष्टिबाधितों के लिए ब्रेल लिपि के महत्व को बढ़ावा दिया जा सके।

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शिक्षकों के लिए खुशखबरी! ट्रांसफर का शेड्यूल जारी, इन्हें दी जाएगी पहली प्राथमिकता।

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विशेष समस्या के आधार पर स्थानांतरण-पदस्थापन के इच्छुक एक लाख 90 हजार 332 शिक्षकों को अभी और इंतजार करना पड़ेगा। इनका चार चरणों में स्थानातंरण किया जाएगा। इससे पहले शिक्षकों के प्राप्त आवेदनों की स्क्रूटनी शिक्षा विभाग के 16 सीनियर अफसरों की टीम करेगी।

प्रत्येक अफसर एक-एक आवेदन की जांच करेंगे और खुद ही चेक लिस्ट तैयार करके उसपर अपना मतंव्य भी देंगे।

हर अफसर को प्रत्येक चेक लिस्ट पर शिक्षक के नाम व आइडी लिखकर यह सुझाव देना होगा कि आवेदक द्वारा समर्पित तथ्य उनके आवेदन श्रेणी के अनुरुप है या आवेदक द्वारा समर्पित तथ्य उनके आवेदन श्रेणी के अनुरूप नहीं है। जाहिर है, आवेदनों की संख्या को देखते हुए स्क्रूटनी की प्रक्रिया लंबी चलेगी।
विभाग के निदेशक (प्राथमिक) पंकज कुमार ने शुक्रवार को आदेश जारी कर स्पष्ट तौर से कहा कि सभी प्राप्त आवेदनों का निष्पादन चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा। इनमें प्रारंभिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों के एक लाख 90 हजार शिक्षकों के आवेदन शामिल हैं।

पहला चरण

  • पहले चरण में असाध्य रोग (विभिन्न प्रकार के कैंसर) एवं गंभीर बीमारी (किडनी रोग, हृदय रोग, लीवर रोग) से ग्रसित शिक्षकों, दिव्यांगता के आधार पर नियुक्त शिक्षकों, आटिज्म/मानसिक दिव्यांगता के आधार पर नियुक्त शिक्षकों एवं विधवा तथा परित्यक्ता शिक्षकों के स्थानातंरण को प्राथमिकता दी जाएगी।
  • ऐसे शिक्षकों की कुल संख्या 11,809 है। इनमें असाध्य रोग वाले 760 और गंभीर बीमारी वाले 2579 शिक्षक हैं।
  • दिव्यांगता के आधार पर नियुक्त 5575, आटिज्म/मानसिक दिव्यांगता के आधार पर नियुक्त 1557 शिक्षक हैं। वहीं विधवा तथा परित्यक्ता शिक्षकों की संख्या 1338 है।

दूसरा चरण

  • आदेश के मुताबिक दूसरे चरण में पति/पत्नी के पदस्थापन के आधार पर स्थानांतरण हेतु प्राप्त आवेदनों की स्क्रूटनी होगी। इनमें 16,356 शिक्षकों के आवेदन शामिल हैं।

तीसरा चरण

  • तीसरे चरण में ऐच्छिक स्थान से वर्तमान पदस्थापन की दूरी के कारण महिला शिक्षकों के आवेदनों की स्क्रूटनी होगी।

चौथा चरण

  • चौथे चरण में ऐच्छिक स्थान से वर्तमान की दूरी के कारण पुरुष शिक्षकों से प्राप्त आवेदनों की स्क्रूटनी होगी। ऐसे महिला व पुरुष शिक्षकों से कुल एक लाख 62 हजार आवेदन प्राप्त हुए हैं।

स्क्रूटनी हेतु प्रतिनियुक्त अफसरों के नाम

उप सचिव शाहजहां, उप निदेशक (प्रशासन) जावेद अहसन अंसारी, विशेष कार्य पदाधिकारी विनिता एवं सुषमा कुमारी, उच्च शिक्षा के उप निदेशक नसीम अहमद, दीपक कुमार सिंह, दिवेश कुमार चौधरी, माध्यमिक शिक्षा के विशेष निदेशक सचिन्द्र कुमार।

उप निदेशक अब्दुस सलाम अंसारी तथा नरेन्द्र कुमार, प्राथमिक शिक्षा के संयुक्त निदेशक अमर कुमार, उप निदेशक उर्मिला कुमारी, नीरज कुमार और संजय कुमार चौधरी, जन शिक्षा की सहायक निदेशक प्रिया भारती और वेंकट गोपाल।

आवेदनों की स्क्रूटनी में हिदायत

विभागीय आदेश में आवेदनों की स्क्रूटनी में प्रतिनियुक्त अफसरों को हिदायत दी गई है कि प्रत्येक आवेदन की स्वयं स्क्रूटनी करेंगे एवं संलग्न चेक लिस्ट भरकर हस्ताक्षरित कर उसे आवेदन के साथ टैग करेंगे।

उक्त कार्य में प्रतिनियुक्त पदाधिकारी किसी भी परिस्थिति में अपने अधीनस्थ प्रशाखा पदाधिकारी/सहायक प्रशाखा पदाधिकारी अथवा डाटा इंट्री आपरेटर का सहयोग नहीं लेंगे।

स्क्रूटनी उपलब्ध कागजात के आधार पर ही किया जाएगा और आवेदक से संपर्क नहीं करेंगे। स्क्रूटनी के बाद सभी आवेदनों को चेकलिस्ट सहित सीलबंद लिफाफा में बंदकर प्राथमिक शिक्षा निदेशक को उपलब्ध कराया जाएगा। प्राप्त चेकलिस्ट के अनुसार ई-शिक्षाकोष में आवश्यक प्रविष्टि की जाएगी।

इसके बाद विभाग के स्तर से श्रेणी के क्रमानुसार ई-शिक्षाकोष के माध्यम से सरकार द्वारा निर्धारित नीति के अनुसार स्थानांतरण/पदस्थापन की कार्रवाई की जाएगी और आदेश निर्गत किया जाएगा।

संबंधित शिक्षक अपना स्थानांतरण/पदस्थापन आदेश ई-शिक्षाकोष पोर्टल से अपने लागिन आइडी/पासवर्ड से डाउनलोड कर सकेंगे। आवेदन पर अद्यतन स्थिति/स्थानांतरण/ पदस्थापन आदेश केवल ई-शिक्षाकोष में ही उपलब्ध रहेंगे।

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