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Shardiya Navratri 2024 का 5 वां दिन: स्कंदमाता की पूजा में करें, इस कथा का पाठ करने से होता है, घर में नन्हे मेहमान का आगमन….

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शारदीय नवरात्र के अलग-अलग दिन मां दुर्गा के 9 रूपों को समर्पित है। शारदीय नवरात्र के पांचवें दिन (Navratri 5th) स्कंदमाता की पूजा-अर्चना करने का विधान है। स्कंदमाता की चार भुजाएं हैं। इनकी दाहिनी ओर की ऊपर वाली भुजा में भगवान स्कंद गोद में हैं और दाहिनी तरफ की नीचे वाली भुजा में कमल पुष्प है। बाईं ओर की ऊपरी भुजा वरमुद्रा में और नीचे वाली भुजा में कमल हैं। मान्यता है कि स्कंदमाता की पूजा के दौरान व्रत कथा का न करने से साधक को शुभ फल की प्राप्ति नहीं होती है। आइए पढ़ते हैं स्कंदमाता की व्रत ( Skandamata Vrat Katha) कथा। इससे संतान सुख के योग बनते हैं।

स्कंदमाता की व्रत कथा

पौराणिक कथा के अनुसार, तारकासुर नाम का राक्षस था। उसने तपस्या कर ब्रह्मा जी को प्रसन्न किया था। उसने ब्रह्मा जी से अपने आप को अमर करने के लिए वरदान मांगा। इसके बाद ब्रह्मा जी ने उसे समझाया कि जिसका जन्म हुआ है उसे मरना ही होगा। इस बात से तारकासुर निराश हो गया और ब्रह्मा जी से कहा कि प्रभु ऐसा कर दें कि महादेव के पुत्र के हाथों ही मेरी मृत्यु हो। उन्होंने ऐसा इस वजह से किया, क्योंकि वो सोचता था कि कभी-भी भगवान शिव का विवाह नहीं होगा, तो उनका पुत्र कैसे होगा। इसलिए जीवन में कभी उसकी कभी मृत्यु नहीं होगी।

इस मंत्र का करें जप

या देवी सर्वभूतेषु मां स्कन्दमाता रूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः

वन्दे वाञ्छित कामार्थे चन्द्रार्धकृतशेखराम्। सिंहरूढ़ा चतुर्भुजा स्कन्दमाता यशस्विनीम्।।

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spiritual

Bihar: नव नालंदा महाविहार ने 11वीं ‘धम्मयात्रा’ का सफलता पूर्वक आयोजन किया, साथ ही ‘बुद्धचारिका दिवस’ को राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाने का प्रस्ताव रखा।

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11वीं धम्मयात्रा: कुलपति प्रोफेसर सिद्धार्थ सिंह ने कहा कि यह मार्ग भगवान बुद्ध की कई महत्वपूर्ण यात्राओं और उपदेशों का साक्षी रहा है, इसलिए इस दिन को ‘बुद्धचारिका दिवस’ के रूप में घोषित करना ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से बेहद उपयुक्त होगा।

नव नालंदा महाविहार ने शुक्रवार को जेठियन से राजगीर तक 11वीं ‘धम्मयात्रा’ का आयोजन किया। इस यात्रा का समापन वेणुवन, राजगीर में हुआ। आयोजन में भारत और विदेशों के बौद्ध धर्मावलंबियों और भिक्षुओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। इसमें श्रीलंका, नेपाल, बांग्लादेश, वियतनाम, म्यांमार, थाईलैंड, कंबोडिया, अमेरिका, जापान, चीन और लाओस जैसे देशों के श्रद्धालु शामिल थे।

धम्मयात्रा का ऐतिहासिक महत्व:
इस यात्रा का मार्ग भगवान बुद्ध की ऐतिहासिक पदचिन्हों पर आधारित है, जिनमें बुद्ध ने सम्यक सम्बोधि प्राप्ति के बाद सारनाथ में धर्मचक्र प्रवर्तन किया और फिर मगधराज बिंबिसार से मिलने के लिए इसी पथ का अनुसरण किया। बिंबिसार ने जेठियन (प्राचीन यष्ठिवन) में उनका स्वागत किया और राजगीर के वेणुवन उद्यान को भिक्षुसंघ को दान कर दिया।

यात्रा का आयोजन और सहभागिता:
नव नालंदा महाविहार ने 2014 से इस यात्रा का आयोजन हर वर्ष किया है। इस वर्ष की यात्रा में लगभग 1500 धम्म यात्री शामिल हुए, और आयोजन में लाइट ऑफ बुद्ध धम्म फाउंडेशन इंडिया, बोधगया मंदिर प्रबंधन समिति, अंतरराष्ट्रीय बौद्धिस्ट कॉन्फिडेरेशन नई दिल्ली और बिहार सरकार के पर्यटन विभाग का सहयोग प्राप्त हुआ।

कुलपति प्रोफेसर सिद्धार्थ सिंह के नेतृत्व में यह यात्रा 15 किलोमीटर लंबी रही, जिसमें शिक्षकों, कर्मचारियों, छात्रों और भिक्षु-भिक्षुणियों के साथ-साथ अन्य देशों से आए बौद्ध धर्म के श्रद्धालुओं ने भी भाग लिया।

‘बुद्धचारिका दिवस’ का प्रस्ताव:
इस अवसर पर कुलपति प्रोफेसर सिद्धार्थ सिंह ने कहा कि यह मार्ग भगवान बुद्ध की कई महत्वपूर्ण यात्राओं और उपदेशों का साक्षी रहा है, और इसलिए इस दिन को ‘बुद्धचारिका दिवस’ के रूप में घोषित करना ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत उपयुक्त होगा।

विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति:
कार्यक्रम में वागमों डिक्सी, डॉ. संघ प्रिय महाथेरो, डॉ. महाशेवता महारथ, भिक्षु खुनजंग डेचन, और भिक्षु अमफो जैसी प्रतिष्ठित हस्तियों ने भाग लिया। इसके अलावा, नव नालंदा महाविहार के आचार्य, छात्र, शोधकर्ता और गैर शैक्षणिक कर्मचारी भी इस आयोजन का हिस्सा बने।

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Politics

Bihar Election 2025: डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी का बड़ा बयान, कहा- NDA आगामी विधानसभा चुनाव में 225 सीटों के साथ करेगी शानदार जीत।

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Bihar Politics: सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार सरकार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में विकास के एजेंडे पर काम कर रही है, जिसका फोकस गरीबों और महिलाओं समेत सभी वर्गों की जरूरतों को समझकर उन्हें सशक्त बनाना है।

बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी शुक्रवार को एक दिवसीय दौरे पर मुंगेर के तारापुर पहुंचे। उनका हेलीकॉप्टर पार्वतीनगर स्थित बीएड कॉलेज के हेलीपैड पर उतरा, जहां पुलिस प्रशासन ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया। इस दौरान उन्होंने पूर्व विधायक गणेश पासवान के द्वादश कर्म में शामिल होने के लिए सिसुआ गांव का दौरा किया।

विकास कार्यों पर चर्चा: सिसुआ गांव से लौटने के बाद डिप्टी सीएम ने जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक की, जिसमें जिले के विकास कार्यों की वर्तमान स्थिति और आगामी योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की। इस दौरान उन्होंने डीएम अवनीश कुमार सिंह और एसपी सैयद इमरान मसूद के साथ बंद कमरे में करीब आधे घंटे तक गहन विचार-विमर्श किया।

उन्होंने कहा कि बिहार सरकार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में विकास के एजेंडे पर काम कर रही है, और हमारा मुख्य ध्यान बिहार के सभी वर्गों, खासकर गरीबों और महिलाओं की जरूरतों को समझकर उन्हें सशक्त बनाना है।

225 सीटें जीतने का दावा
राजनीतिक संभावनाओं पर चर्चा करते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में एनडीए एकजुट होकर मैदान में उतरेगा और 225 से अधिक सीटें जीतेगा। उन्होंने यह भी कहा कि एनडीए का एजेंडा विकास और सुशासन को प्राथमिकता देने का है, जिससे बिहार और तेजी से प्रगति करेगा।

महिला सशक्तिकरण पर जोर
डिप्टी सीएम ने यह भी स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री के जिलों के दौरों का मुख्य उद्देश्य महिलाओं और गरीबों की समस्याओं को समझना है। सरकार महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए निरंतर संवाद और योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर जोर दे रही है।

डिप्टी सीएम की इस यात्रा में डीएम अवनीश कुमार सिंह, एसपी सैयद इमरान मसूद, सदर विधायक प्रणव कुमार यादव, विधान पार्षद लालमोहन गुप्ता, अनुमंडल पदाधिकारी राकेश रंजन कुमार और एसडीपीओ सिंधु शेखर सिंह सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

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नक्सल मुठभेड़: बीजापुर में नक्सलियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़, दो नक्सली ढेर; 12 बोर बंदूक और विस्फोटक सामग्री बरामद

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बीजापुर के बासागुड़ा इलाके में सशस्त्र नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने दो नक्सलियों को ढेर कर दिया। इस दौरान जवानों ने 12 बोर बंदूक, कंट्री मेड गन, विस्फोटक सामग्री जैसे पांच किलो का टिफिन बम, कॉर्डेक्स वायर, प्रिंटर, नक्सल वर्दी सहित अन्य सामग्रियां बरामद कीं। पुलिस के अनुसार, यह मुठभेड़ उस सूचना के बाद हुई, जिसमें बासागुड़ा तर्रेम क्षेत्र में हाल ही में हुई ग्रामीणों की हत्याओं में नक्सलियों की संलिप्तता का अंदेशा था। डीआरजी, कोबरा और 168 वाहिनी की संयुक्त टीम ने नक्सल विरोधी अभियान के तहत नेंड्रा पुन्नूर की ओर बढ़ते हुए इस मुठभेड़ को अंजाम दिया।

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