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जमीन रजिस्ट्री में हो रही बड़ी समस्या, बिहार के कई जिले के अधिकारियों ने बताई समस्या

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बेगूसराय Online Jamin Registry Bihar बिहार के बेगूसराय जिले में निबंधन की ऑनलाइन प्रक्रिया सुस्त चल रही है जिससे क्रेता-विक्रेता और कातिबों को परेशानी हो रही है। पहले मैनुअल प्रक्रिया में एक ही दिन में निबंधन हो जाता था लेकिन अब आनलाइन प्रक्रिया में दो दिन लग जाते हैं। इसके अलावा गवाहों को भी दोनों दिन कार्यालय आना पड़ता है और उनके आधार कार्ड एवं उंगली के निशान लिए जाते हैं।

बेगूसराय जिले में निबंधन की आनलाइन प्रक्रिया सुस्त चल रही है। मैनुअल प्रक्रिया में जहां एक ही दिन में क्रेता-विक्रेता को निबंधन कार्यालय से फुर्सत मिल जाती थी और दस्तावेज मिल जाते थे, अब जांच-दर-जांच की आनलाइन प्रक्रिया ने इसे जटिल बना दिया है।

लिपिकीय स्तर की जांच के बाद इसे पदाधिकारी की आईडी में भेजा जाता है और जांच के बाद निबंधन की तिथि तय होती है। इस प्रक्रिया में दो दिन लग जाते हैं। सबसे बड़ी बात, अब गवाहों को भी दोनों दिन कार्यालय आना पड़ता है।चूंकि दोनों गवाहों के आधार कार्ड एवं उंगली के निशान भी लिए जा रहे हैं। कुल मिलाकर निबंधन की नई आनलाइन प्रक्रिया कातिब एवं क्रेता-विक्रेता के लिए फिलवक्त बोझिल बन गई है।

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Accident News: खाटू श्याम से लौटते समय आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर लोडर डिवाइडर से टकराया, 18 लोग घायल।

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Accident News लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर औरास क्षेत्र में एक लोडर अनियंत्रित होकर पलट गया। हादसे में लोडर सवार 26 लोगों में से 18 घायल हो गए। घायलों में से तीन को गंभीर हालत में लखनऊ केजीएमयू रेफर किया गया है। अन्य घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया। सभी लोग राजस्थान में बाला जी और खाटू श्याम के दर्शन कर लौट रहे थे।

लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर औरास क्षेत्र में एक लोडर अनियंत्रित हो पलट गया। हादसे में लोडर सवार 26 लोगों में दंपती समेत 18 लोग घायल हो गए। गंभीर घायलों में तीन को लखनऊ केजीएमयू रेफर किया गया है। अन्य को सीएचसी में इलाज के बाद दूसरे वाहन से घर भेजा गया। सभी लोडर में बैठकर राजस्थान में बाला जी व खाटू श्याम के दर्शन कर लौट रहे थे।

राजस्थान खाटू श्याम के दर्शन से लौट रहे थे

लखनऊ के इंटौजा क्षेत्र के कुंडापुर निवासी अमन लोडर चलाता है। 25 दिसंबर को अमन अपने रिश्तेदार व पड़ोसी समेत 26 लोगों को लोडर में बैठकर खाटू श्याम व बालाजी मंदिर दर्शन करने के लिए राजस्थान गया था। शनिवार को वह घर लौट रहा था। सुबह करीब आठ बजे औरास क्षेत्र में एक्सप्रेसवे पर लोधाटिकुर (पंचम खेड़ा) गांव के पास चालक अमन को झपकी लग गई, जिससे लोडर डिवाइडर से टकराकर दो तीन बार पलटी खाकर फेसिंग जाली से टकराकर रुक गया।

हादसे के बाद मची चीखपुकार

हादसे के बाद लोडर में बैठे लोगों में चीख पुकार मच गई। करीब 20 मिनट बाद पहुंचे यूपीडा कर्मियों ने पुलिस की मदद से 18 घायलों को सीएचसी में भर्ती कराया। एक मासूम समेत तीन को केजीएमयू लखनऊ रेफर किया गया। अन्य को इलाज के बाद गंतव्य के लिए भेजा गया।

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Bihar News: गोल्डी ने अपने संघर्ष से बिहार का बढ़ाया मान, हाथ कटने पर भी कदम नहीं रुके, अब राष्ट्रपति से सम्मान पाकर बढ़ाया मान।

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बिहार की गोल्डी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार प्राप्त कर पूरे बिहार को गौरवान्वित कर दिया है। महज 10 महीने की उम्र में ट्रेन हादसे में अपने हाथ खोने वाली गोल्डी ने जीवन में कभी भी हार नहीं मानी और महज 15 साल की उम्र में ये पुरस्कार प्राप्त किया। गोल्डी ने राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में आधा दर्जन से ज्यादा पदक जीते हैं।

दादा दूरी मापने के बाद कहते चार डेग (कदम)। बच्ची के चेहरे पर चमक आ जाती। कुछ दिनों बाद, हां…आज आठ डेग…। उसका चेहरा खिल उठता। डेग-डेग बढ़ती उसी गोल्डी ने 26 दिसंबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार प्राप्त कर पूरे बिहार को गौरवान्वित कर दिया।

2009 में खोया हाथ

गोल्डी करीब साल भर की ही थी, जब 2009 में एक दुर्घटना में उसका एक हाथ कट गया। उम्र के साथ समझ विकसित होती गई तो अपने जैसे बच्चों को खेल मैदान में देख उसका भी मन दौड़ने को मचल उठता।

आधा दर्जन से ज्यादा पदक जीते

  • गोल्डी ने हिम्मत की और फिर जब दौड़ना शुरू किया तो मेडल उसके गले की शोभा बढ़ाने लगे।
  • राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में 15 वर्ष की गोल्डी गोल्ड मेडल समेत आधा दर्जन पदक अपने नाम कर चुकी हैं।
  • गोल्डी के दादा राम केश्वर प्रसाद ने बताया कि जब वो महज 10 महीने की थी, तभी उसकी मां का निधन हो गया।
  • गोल्डी की मां ट्रेन से गिर गई थी, इस दौरान वो भी गोद में थी। इस हादसे में उसका एक हाथ कट गया। 

गोल्डी बड़ी हुई तो मिसी गांव के स्कूल में उसका नामांकन कराया गया। उसने बच्चों को दौड़ते देख दौड़ना शुरू कर दिया। स्कूल से लौटते समय ईंट-पत्थर को लंबी दूरी तक फेंकती रहती। थोड़ी बड़ी हुई तो गोले फेंकने लगी।

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IPS में प्रमोट हुए बिहार पुलिस सेवा के 5 अधिकारी, नामों की सूची सामने आई।

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Bihar Police News बिहार पुलिस सेवा के पांच अधिकारियों को भारतीय पुलिस सेवा (आइपीएस) में प्रोन्नति दी गई है। भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने इस बाबत अधिसूचना जारी की है और इन अधिकारियों को बिहार कैडर प्रदान किया गया है। ये अधिकारी एक वर्ष के लिए परिवीक्षा पर रहेंगे और इंडक्शन प्रशिक्षण प्राप्त करना होगा। जिन अधिकारियों का प्रमोशन हुआ है उनका नाम भी सामने आया है।

 Bihar News: बिहार पुलिस सेवा के पांच अधिकारियों को भारतीय पुलिस सेवा (आइपीएस) में प्रोन्नति दी गई है। भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को इस बाबत अधिसूचना जारी कर दी है। इसकी प्रति राज्य के मुख्य सचिव, डीजीपी के साथ संघ लोक सेवा आयोग के सचिव आदि को भी भेजी गई है।

इन अधिकारियों को IPS में मिला प्रमोशन

बिहार के जिन पुलिस पदाधिकारियों को आइपीएस में प्रोन्नति दी गई है, उनमें अंजनी कुमार, रविश कुमार, राजेश कुमार, रामानंद कुमार कौशल और संजय कुमार शामिल हैं। इन सभी को बिहार कैडर प्रदान किया गया है।अधिसूचना के अनुसार, आइपीएस में प्रोन्नति पाने वाले पांचों अधिकारी एक वर्ष के लिए परिवीक्षा पर रहेंगे। सभी पदाधिकारियों को इंडक्शन प्रशिक्षण प्राप्त करना होगा।

IPS के रूप में कैसे होता है प्रमोशन

IPS के रूप में प्रमोशन की प्रक्रिया में डिपार्टमेंटल प्रमोशन कमेटी (डीपीसी) की बैठक में अधिकारियों के प्रदर्शन और अनुभव का मूल्यांकन किया जाता है। इसके बाद, प्रमोशन के लिए चयनित अधिकारियों को नए पदों पर नियुक्त किया जाता है।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि प्रमोशन की प्रक्रिया में कई कारक शामिल होते हैं, जिनमें अधिकारी का प्रदर्शन, अनुभव, और विभागीय नीतियां शामिल हैं। बता दें कि बिहार पुलिस सेवा और बिहार प्रशासनिक सेवा भर्ती की परीक्षा बीपीएससी के द्वारा ली जाती है। इसमें अच्छी रैंक लाने वाले अभ्यर्थियों को डीवाईएसपी बनाया जाता है।

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