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“कैबिनेट निर्णय: ‘नए साल की शुरुआत में सरकार का पहला अहम कदम किसानों की समर्पण में’, प्रधानमंत्री मोदी ने मंत्रिमंडल के फैसलों पर की प्रतिक्रिया।”

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“कैबिनेट निर्णय पर पीएम मोदी का बयान: प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लगातार पोस्ट करते हुए कहा कि उनकी सरकार किसानों के कल्याण को प्राथमिकता देती है और इस दिशा में हरसंभव कदम उठाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।”

नए साल के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने किसानों को लेकर अहम फैसले लिए हैं। कैबिनेट ने डीएपी खाद पर सब्सिडी और फसल बीमा योजना को लेकर किसानों को सौगात दी है। इन मामलों पर अब पीएम मोदी की ओर से प्रतिक्रिया आई है।  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को ‘फसल बीमा योजना’ के लिए आवंटन बढ़ाने सहित केंद्रीय मंत्रिमंडल के कुछ अन्य फैसलों का उल्लेख करते हुए कहा कि नये साल में सरकार का पहला फैसला किसानों को समर्पित है।

“प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक के बाद एक पोस्ट में केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि किसानों के कल्याण के लिए सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है। नए वर्ष के पहले फैसले का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘यह निर्णय हमारे देश के करोड़ों किसान भाई-बहनों के प्रति समर्पित है। हमने फसल बीमा के लिए आवंटन बढ़ाने को मंजूरी दी है, जिससे अन्नदाताओं को अपनी फसलों की सुरक्षा को लेकर अधिक आत्मविश्वास मिलेगा और नुकसान की आशंका भी कम होगी।'”

“प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘हमारी सरकार किसानों के कल्याण को आगे बढ़ाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। हमें गर्व है अपने सभी किसान बहनों और भाइयों पर, जो हमारे राष्ट्र का पेट भरने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। 2025 का पहला मंत्रिमंडल निर्णय हमारे किसानों की समृद्धि बढ़ाने के लिए समर्पित है, और मुझे खुशी है कि इस संबंध में महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं।'”

1,350 रुपये में मिलेगा डीएपी उर्वरक
प्रधानमंत्री मोदी ने केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा किसानों को सस्ती दर पर डीएपी उर्वरक उपलब्ध कराने के लिए विशेष पैकेज को 3,850 करोड़ रुपये तक बढ़ाने के फैसले का उल्लेख करते हुए कहा कि इस कदम से किसानों को सस्ती कीमतों पर डीएपी की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। अब 50 किलो वजन की एक बोरी डाय-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) केवल 1,350 रुपये में उपलब्ध होगी।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना 2026 तक बढ़ाई गई
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना को 2025-26 तक जारी रखने की मंजूरी दी है। इस निर्णय के तहत 69,515.71 करोड़ रुपये का परिव्यय आवंटित किया गया है, जिससे देशभर के किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से फसलों के जोखिम कवरेज में सहायता मिलेगी।

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Politics

Bihar News: भाजपा-जदयू के बीच नेतृत्व को लेकर टकराव, लालू के न्योते और नीतीश की मुस्कान से सियासी हलचल तेज।

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बिहार में राजग में नेतृत्व को लेकर भाजपा-जदयू के बीच गुत्थी उलझ गई है। गठबंधन में उत्पन्न उलझन के बीच राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने नीतीश को महागठबंधन में वापस आने का न्योता दे दिया। लालू के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मुस्कुराहट ने राज्य की सियासी तपिश बढ़ा दी है।
हालांकि, लालू के नीतीश को दिए न्योते को उनके पुत्र तेजस्वी यादव ने सिरे से नकार दिया। इस सारे घटनाक्रम की वजह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की वह टिप्पणी है, जिसमें उन्होंने कहा था कि मुख्यमंत्री पद का चेहरा राजग के घटक दल मिल बैठ कर तय करेंगे।

दरअसल, राजग में जारी उठापटक का मुख्य कारण इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में बड़े भाई की भूमिका और नेतृत्व को लेकर है। जदयू चाहता है कि भाजपा पहले की भांति राज्य में न सिर्फ जदयू को बड़े भाई की भूमिका दे, बल्कि नेतृत्व के संबंध में भी स्थिति पूरी तरह से स्पष्ट करे। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि गृह मंत्री के बयान से भ्रम की स्थिति पैदा हुई है। नीतीश स्वाभाविक रूप से राज्य में गठबंधन का चेहरा हैं। इसे सभी को स्वीकार करना चाहिए।

नीतीश के अलग-थलग पड़ने का इंतजार कर रहे तेजस्वी
नीतीश को लालू के प्रस्ताव और बेटे तेजस्वी के सिरे से खारिज करने की भी अपनी वजह है। दरअसल, तेजस्वी चाहते हैं कि राजग की अंदरूनी लड़ाई में नीतीश अलग-थलग पड़ जाएं। अगर नीतीश कमजोर होकर महागठबंधन में नहीं आएंगे तो महागठबंधन का नेतृत्व फिर से उन्हीं के हाथ में होगा। यही कारण है कि उन्होंने अपने पिता के बयान के उलट कहा कि महागठबंधन में नीतीश के लिए कोई जगह नहीं है।

हम राजग में हैं, राजग में ही रहेंगे- ललन…
जदयू सांसद और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने कहा कि हम लोग राजग में हैं और राजग में ही रहेंगे। महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि लालू के सपने ही रहेंगे, पूरे नहीं होंगे।

महाराष्ट्र फॉर्मूले का सता रहा है डर
जदयू के नेताओं का मानना है कि अगर अभी से चेहरा तय नहीं किया गया तो भाजपा बिहार में भी महाराष्ट्र का फॉर्मूला अपना सकती है। महाराष्ट्र में भाजपा ने पहले शिवसेना के एकनाथ शिंदे को सीएम बनाया लेकिन चुनाव बाद उन्हें किनारे कर देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बना दिया। इसलिए जदयू चाहती है कि भाजपा सार्वजनिक रूप से चेहरे के रूप में नीतीश का नाम घोषित करे।

सीट बंटवारा भी बड़ा सवाल
इस बार राजग में घटक दलों की संख्या ज्यादा है। बीते चुनाव में भाजपा का जदयू, हम और वीआईपी से समझौता था। इस बार नए घटक के रूप में उपेंद्र कुशवाहा और चिराग पासवान की पार्टी भी है। वीआईपी भी साथ आ सकती है। बीते चुनाव में जदयू 115, भाजपा 110 सीटों पर लड़ी थी, जबकि घटक दलों के हिस्से 18 सीटें आई थीं। जदयू इस चुनाव में भी गठबंधन का बड़ा भाई होने का संदेश देने के लिए सबसे अधिक सीटें चाहती है, जबकि हरियाणा और महाराष्ट्र में बेहतर प्रदर्शन से उत्साहित भाजपा बड़े भाई की भूमिका हासिल करना चाहती है।

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‘नीतीश कुमार के लिए दरवाजे हमेशा खुले रहेंगे’, लालू प्रसाद के इस चौंकाने वाले बयान से सियासी जगत में भूचाल।

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कुछ दिन पहले ही तेजस्वी यादव ने कहा था कि सीएम नीतीश कुमार अब थक चुके हैं। उनके लिए महागठबंधन का दरवाजा बंद है। अब लालू प्रसाद के इस बयान ने सबको चौंका दिया है। सियासी गलियारे में भी हलचल तेज हो गई है। 
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में रहेंगे या महागठबंधन शामिल होंगे? इन दिनों यह सवाल सभी लोग पूछ रहे हैं। इसी सवाल को लेकर राष्ट्रीय जनता दल के सुपीमो लालू प्रसाद यादव ने जो बयान दिया है, वह चौंकाने वाला है। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा है कि सीएम नीतीश कुमार के लिए दरवाजे खुले हुए हैं। वह साथ में आएं और काम करें। वह अगर महागठबंधन के साथ आना चाहते हैं तो आ जायें। इस बयान ने सियासी गलियारे में हलचल तेज कर दी। साथ ही एनडीए खेमे की बेचैनी भी बढ़ा दी है। 

दरअसल, एक जनवरी को राजद सुप्रीमो की पत्नी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी का जन्मदिन था। राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान जन्मदिन को लेकर आयोजित किए गये समारोह में शामिल हुए थे। इसी दौरान पत्रकारों ने लालू प्रसाद से सीएम नीतीश कुमार लेकर सवाल किया तो उन्होंने स्पष्ट कहा कि जनता और सीएम नीतीश कुमार ने दरवाजे हमेशा खुला हुये हैं। 

इधर, कुछ दिन पहले ही तेजस्वी यादव ने कहा था कि सीएम नीतीश कुमार अब थक चुके हैं। उनके लिए महागठबंधन का दरवाजा बंद है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा था कि सीएम नीतीश कुमार को लेकर जो भी फैसला होगा वह पार्टी आलाकमन करेगी। उनका फैसला हम सबके लिए सर्वमान्य होगा। इसके बाद अब लालू प्रसाद के इस बयान ने सबको चौंका दिया है।   

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“2025 में बदलाव: पीएफ निकासी से लेकर जीएसटी तक, छह अहम नियमों में हुआ बदलाव; नए साल में बड़े परिवर्तन की शुरुआत”

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New Year 2025: नए साल में आर्थिक मोर्चे पर कई अहम बदलाव हुए हैं। आने वाले साल के लिए वित्तीय योजना बनाने से पहले इन बदलावों को समझना बेहद जरूरी है। आइए, जानते हैं इन बदलावों के बारे में विस्तार से…

नए साल 2025 का आगाज हो गया है। यह कई मायनों में खास है, क्योंकि इसमें कई ऐसे बदलाव होने जा रहे हैं, जिनका सीधा असर हमारे-आपके रोजमर्रा के जीवन, वित्तीय स्थिति और जरूरतों पर पड़ेगा। इनमें कुछ बदलाव से हमें आसानी होगी, जबकि कुछ हमारी जेब ढीली कर सकते हैं। ब्यूरो

चार फीसदी तक महंगी हो जाएंगी कारें
मारुति और ह्यूंडई समेत लगभग सभी बड़ी वाहन निर्माता कंपनियां 1 जनवरी, 2025 से गाड़ियों की कीमतें चार फीसदी तक बढ़ाने जा रही हैं। महंगाई और बढ़ती लागत के कारण कंपनियां यह कदम उठा रही हैं, ताकि बढ़े हुए खर्च का बोझ ग्राहकों पर डाला जा सके। टाटा मोटर्स, महिंद्रा, टोयोटा और किआ जैसी कंपनियों ने पहले ही कारों की कीमतों में वृद्धि की घोषणा की है। इसके साथ ही बीएमडब्ल्यू, ऑडी और मर्सिडीज जैसी लग्जरी कारों के लिए भी अधिक कीमत चुकानी होगी।

फीचर फोन पर यूपीआई123पे की सीमा बढ़ी
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने फीचर फोन के लिए यूपीआई123पे के तहत लेनदेन की सीमा को बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दिया है, जो पहले 5,000 रुपये थी। यह नया नियम 1 जनवरी, 2025 से लागू होगा, जिससे खासकर छोटे कारोबारियों और उन इलाकों के लोगों को फायदा होगा, जहां इंटरनेट की पर्याप्त सुविधा नहीं है।

जीएसटी: मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन अनिवार्य
जीएसटी पोर्टल का उपयोग करने वाले सभी करदाताओं के लिए 1 जनवरी, 2025 से मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (MFA) अनिवार्य कर दिया गया है। इससे जीएसटी की डिजिटल सुरक्षा में सुधार होगा और जीएसटी फाइलिंग प्रक्रिया और अधिक सुरक्षित और सुविधाजनक बनेगी।

किसानों को बिना गारंटी दो लाख रुपये तक कर्ज
RBI ने किसानों को राहत देते हुए बिना गारंटी वाले कृषि कर्ज की सीमा 1.6 लाख रुपये से बढ़ाकर दो लाख रुपये कर दी है। यह बदलाव 1 जनवरी, 2025 से लागू हो रहा है और इसका उद्देश्य छोटे और सीमांत किसानों को सस्ता और सुलभ कर्ज उपलब्ध कराना है।

अब एटीएम से होगी पीएफ निकासी
अब पीएफ खाताधारक नए साल में एटीएम के जरिए अपनी पीएफ राशि निकाल सकेंगे। इसके साथ ही, ईपीएफओ और ईएसआईसी के सब्सक्राइबर्स भी जल्द ही अपनी क्लेम राशि सीधे ई-वॉलेट में ले सकेंगे। इन सेवाओं को लागू करने के लिए श्रम मंत्रालय अपनी आईटी प्रणाली को अपग्रेड कर रहा है।

पीएफ खाताधारकों की योगदान सीमा में बदलाव
पीएफ खाताधारकों की योगदान सीमा में भी बदलाव हो सकता है। वर्तमान में, कर्मचारी अपने बेसिक वेतन का 12% हिस्सा ईपीएफ खाते में योगदान करते हैं, और यह सीमा बढ़ाई जा सकती है।

सेंसेक्स और बैंकेक्स की मासिक एक्सपायरी
1 जनवरी से सेंसेक्स, बैंकेक्स और सेंसेक्स-50 की मासिक एक्सपायरी अब हर महीने के आखिरी मंगलवार को होगी, जो पहले शुक्रवार को होती थी। इसके साथ ही तिमाही और अर्धवार्षिक कॉन्ट्रैक्ट की एक्सपायरी डेट भी बदल दी गई है।

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