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बिहार में छठ पूजा के दौरान 53 लोगों की डूबने से मौत, नीतीश सरकार देगी 4-4 लाख का मुआवजा

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बिहार में छठ पूजा के दौरान अलग-अलग जिलों में नदियों में डूबने से 53 लोगों की मौत हो गई. पर्व के दौरान हुईं मौतों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दुख जताया है |

बिहार में छठ पूजा के दौरान अलग-अलग जिलों में नदियों में डूबने से 53 लोगों की मौत हो गई. चार दिवसीय छठ उत्सव के दौरान हुई मौतों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दुख जताया है. इसके साथ ही मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने का भी ऐलान किया है|

आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि छठ पूजा के दौरान नदियों और तालाब में डूबने से 53 लोगों की मौत हो गई. इसको लेकर सीएम नीतीश कुमार ने दुख दुख जताया है. साथ ही सीएम ने प्रत्येक मृतक के परिजन को चार-चार लाख रुपये का मुआवजा देने की भी घोषणा की है. नीतीश कुमार ने सभी जिलाधिकारियों को पीड़ित परिवार को मुआवजे की राशि जल्द से जल्द देने का निर्देश दिया है |

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Bihar News: भाजपा-जदयू के बीच नेतृत्व को लेकर टकराव, लालू के न्योते और नीतीश की मुस्कान से सियासी हलचल तेज।

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बिहार में राजग में नेतृत्व को लेकर भाजपा-जदयू के बीच गुत्थी उलझ गई है। गठबंधन में उत्पन्न उलझन के बीच राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने नीतीश को महागठबंधन में वापस आने का न्योता दे दिया। लालू के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मुस्कुराहट ने राज्य की सियासी तपिश बढ़ा दी है।
हालांकि, लालू के नीतीश को दिए न्योते को उनके पुत्र तेजस्वी यादव ने सिरे से नकार दिया। इस सारे घटनाक्रम की वजह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की वह टिप्पणी है, जिसमें उन्होंने कहा था कि मुख्यमंत्री पद का चेहरा राजग के घटक दल मिल बैठ कर तय करेंगे।

दरअसल, राजग में जारी उठापटक का मुख्य कारण इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में बड़े भाई की भूमिका और नेतृत्व को लेकर है। जदयू चाहता है कि भाजपा पहले की भांति राज्य में न सिर्फ जदयू को बड़े भाई की भूमिका दे, बल्कि नेतृत्व के संबंध में भी स्थिति पूरी तरह से स्पष्ट करे। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि गृह मंत्री के बयान से भ्रम की स्थिति पैदा हुई है। नीतीश स्वाभाविक रूप से राज्य में गठबंधन का चेहरा हैं। इसे सभी को स्वीकार करना चाहिए।

नीतीश के अलग-थलग पड़ने का इंतजार कर रहे तेजस्वी
नीतीश को लालू के प्रस्ताव और बेटे तेजस्वी के सिरे से खारिज करने की भी अपनी वजह है। दरअसल, तेजस्वी चाहते हैं कि राजग की अंदरूनी लड़ाई में नीतीश अलग-थलग पड़ जाएं। अगर नीतीश कमजोर होकर महागठबंधन में नहीं आएंगे तो महागठबंधन का नेतृत्व फिर से उन्हीं के हाथ में होगा। यही कारण है कि उन्होंने अपने पिता के बयान के उलट कहा कि महागठबंधन में नीतीश के लिए कोई जगह नहीं है।

हम राजग में हैं, राजग में ही रहेंगे- ललन…
जदयू सांसद और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने कहा कि हम लोग राजग में हैं और राजग में ही रहेंगे। महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि लालू के सपने ही रहेंगे, पूरे नहीं होंगे।

महाराष्ट्र फॉर्मूले का सता रहा है डर
जदयू के नेताओं का मानना है कि अगर अभी से चेहरा तय नहीं किया गया तो भाजपा बिहार में भी महाराष्ट्र का फॉर्मूला अपना सकती है। महाराष्ट्र में भाजपा ने पहले शिवसेना के एकनाथ शिंदे को सीएम बनाया लेकिन चुनाव बाद उन्हें किनारे कर देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बना दिया। इसलिए जदयू चाहती है कि भाजपा सार्वजनिक रूप से चेहरे के रूप में नीतीश का नाम घोषित करे।

सीट बंटवारा भी बड़ा सवाल
इस बार राजग में घटक दलों की संख्या ज्यादा है। बीते चुनाव में भाजपा का जदयू, हम और वीआईपी से समझौता था। इस बार नए घटक के रूप में उपेंद्र कुशवाहा और चिराग पासवान की पार्टी भी है। वीआईपी भी साथ आ सकती है। बीते चुनाव में जदयू 115, भाजपा 110 सीटों पर लड़ी थी, जबकि घटक दलों के हिस्से 18 सीटें आई थीं। जदयू इस चुनाव में भी गठबंधन का बड़ा भाई होने का संदेश देने के लिए सबसे अधिक सीटें चाहती है, जबकि हरियाणा और महाराष्ट्र में बेहतर प्रदर्शन से उत्साहित भाजपा बड़े भाई की भूमिका हासिल करना चाहती है।

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प्रशांत किशोर ने बीपीएससी परीक्षा रद्द करने की मांग पर लिया कठोर निर्णय, आमरण अनशन की शुरुआत।

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बीपीएससी के अभ्यर्थियों का साथ देने के लिए प्रशांत किशोर उनके साथ आये थे। अभ्यर्थियों के साथ मिलकर आंदोलन भी किया, जिस वजह से पुलिस ने अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज भी किये थे।  यहां तक कि पटना पुलिस ने उनपर प्राथमिकी भी दर्ज की। अब वह आमरण अनशन पर बैठ गये हैं।  जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने गुरुवार को ही इस बात की घोषणा की थी कि अगर सरकार बीपीएससी परीक्षा को रद्द नहीं करती है तो वह आमरण अनशन शुरू कर देंगे। इस संबंध में प्रशांत किशोर ने कहा कि “मेरी मांगों में परीक्षा रद्द करना और नए सिरे से परीक्षा आयोजित करना है। उन्होंने कहा कि मैं उन भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग करता हूं जिन्होंने कथित तौर पर परीक्षाओं से भरे जाने वाले पदों को बिक्री के लिए रखा था।

कहा था 48 घंटे का करुंगा इंतजार 
पुलिस के द्वारा लाठीचार्ज किये जाने के बाद सरकार ने बात करने कम  लिए बुलाया था। फिर प्रदर्शनकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा से मुलाकात की। उनसे मुलाक़ात के बाद ही प्रशांत किशोर ने इस बात की घोषणा कर दी कि अगर नीतीश कुमार की सरकार बीपीएससी पेपर लीक पर कार्रवाई के लिए मात्र “48 घंटे” तक इंतजार करेंगे और फिर वह अपना आंदोलन तेज करेंगे।

यह भी है हमारी मांग 
प्रशांत किशोर ने कहा कि सरकार जबतक बीपीएससी की परीक्षा कैंसिल नहीं करती है, तब तक यह अनशन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि बिहार में पूरी शिक्षा व्यवस्था चौपट है।उन्होंने कहा कि एक के बाद एक कर के अलग-अलग परीक्षाओं के पेपर लीक हो रहे हैं और सरकार कुछ नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि हमारी मांगों में डोमिसाइल नीति लागू करना भी शामिल है। 

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‘नीतीश कुमार के लिए दरवाजे हमेशा खुले रहेंगे’, लालू प्रसाद के इस चौंकाने वाले बयान से सियासी जगत में भूचाल।

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कुछ दिन पहले ही तेजस्वी यादव ने कहा था कि सीएम नीतीश कुमार अब थक चुके हैं। उनके लिए महागठबंधन का दरवाजा बंद है। अब लालू प्रसाद के इस बयान ने सबको चौंका दिया है। सियासी गलियारे में भी हलचल तेज हो गई है। 
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में रहेंगे या महागठबंधन शामिल होंगे? इन दिनों यह सवाल सभी लोग पूछ रहे हैं। इसी सवाल को लेकर राष्ट्रीय जनता दल के सुपीमो लालू प्रसाद यादव ने जो बयान दिया है, वह चौंकाने वाला है। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा है कि सीएम नीतीश कुमार के लिए दरवाजे खुले हुए हैं। वह साथ में आएं और काम करें। वह अगर महागठबंधन के साथ आना चाहते हैं तो आ जायें। इस बयान ने सियासी गलियारे में हलचल तेज कर दी। साथ ही एनडीए खेमे की बेचैनी भी बढ़ा दी है। 

दरअसल, एक जनवरी को राजद सुप्रीमो की पत्नी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी का जन्मदिन था। राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान जन्मदिन को लेकर आयोजित किए गये समारोह में शामिल हुए थे। इसी दौरान पत्रकारों ने लालू प्रसाद से सीएम नीतीश कुमार लेकर सवाल किया तो उन्होंने स्पष्ट कहा कि जनता और सीएम नीतीश कुमार ने दरवाजे हमेशा खुला हुये हैं। 

इधर, कुछ दिन पहले ही तेजस्वी यादव ने कहा था कि सीएम नीतीश कुमार अब थक चुके हैं। उनके लिए महागठबंधन का दरवाजा बंद है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा था कि सीएम नीतीश कुमार को लेकर जो भी फैसला होगा वह पार्टी आलाकमन करेगी। उनका फैसला हम सबके लिए सर्वमान्य होगा। इसके बाद अब लालू प्रसाद के इस बयान ने सबको चौंका दिया है।   

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