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Bihar News: चीन बॉर्डर पर शहीद हुए संजीव भंडारी पंचतत्व में विलीन।अंतिम विदाई में उमड़ा जन सैलाब।

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Sanjeev Bhandari Last Rites:
शहीद जवान संजीव भंडारी के पिता ने बेटे की शहादत पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें अपने बेटे पर गर्व है। वहीं, ग्रामीणों ने कहा कि संजीव भंडारी ने देश की सेवा में अपनी जान न्योछावर कर दी। उनकी शहादत को देश कभी नहीं भूल सकेगा।

देश की रक्षा करते हुए हिमाचल प्रदेश में शहीद हुए सुपौल के वीर सपूत संजीव भंडारी मंगलवार को अपने पैतृक गांव गम्हरिया में पंचतत्व में विलीन हो गए।
उनकी अंतिम यात्रा में हजारों लोगों की भीड़ उमड़ी, जो देशभक्ति के जोश से गूंज उठी। शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनकी पत्नी मधु कुमारी और मामा मंटू कामत ने एक साल के बेटे के साथ मुखाग्नि दी।

अंतिम यात्रा में उमड़ी भारी भीड़, पेड़ों पर चढ़कर लोग हुए श्रद्धांजलि अर्पित।
संजीव भंडारी का पार्थिव शरीर तिरंगे में लिपटा हुआ दरभंगा-निर्मली मार्ग से उनके गांव लाया गया। जैसे ही शव गांव के पास पहुंचा, भुतहा चौक पर हजारों लोग एकत्रित हो गए। श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्होंने भारत माता की जय और “संजीव भंडारी अमर रहे” के नारे लगाए। इतनी भारी भीड़ थी कि लोग पेड़ों पर चढ़कर शहीद का अंतिम दर्शन कर रहे थे।

ड्यूटी के दौरान हुआ हादसा
भारतीय सेना के जवान प्रमोद कुमार के अनुसार, संजीव की तैनाती हिमाचल प्रदेश के चीन बॉर्डर के पास समदु पहाड़ पर थी। ड्यूटी के दौरान उनका पैर फिसलने से गहरी खाई में गिरने से हादसा हुआ। सेना ने तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया, लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद उनकी जान नहीं बचाई जा सकी।

सरकारी सम्मान और श्रद्धांजलि
संजीव भंडारी को कोसी प्रक्षेत्र के डीआईजी मनोज कुमार और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। मौके पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों और स्थानीय नेताओं ने पुष्पांजलि अर्पित की। परिवार और ग्रामीणों ने सरकार से शहीद के सम्मान में स्कूल और अस्पताल का नामकरण करने की मांग की है। इसके अलावा, उन्होंने परिवार को आर्थिक सहायता देने की अपील भी की।

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Bihar News: बढ़ती ठंड के चलते पटना समेत तीन जिलों के स्कूल इस तारीख तक बंद रहेंगे, जिलाधिकारी ने लिया निर्णय

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Bihar School News : पटना के जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने ‘अमर उजाला’ के सवाल पर कहा कि अवकाश का जो आदेश पहले से था, उसे 16, 17 और 18 जनवरी के लिए लागू किया जा रहा है।

पटना, वैशाली और बक्सर में लगातार बढ़ रहे ठंड के कारण सरकारी और निजी स्कूलों को बंद रखने का आदेश फिर से जारी किया। अगले तीन दिनों के लिए ठंड के कारण छुट्टी बढ़ाने का फैसला हो गया है। पटना के जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने ‘अमर उजाला’ के सवाल पर कहा कि अवकाश का जो आदेश पहले से था, उसे 16, 17 और 18 जनवरी के लिए लागू किया जा रहा है। यानी, आठवीं तक की कक्षाएं 18 जनवरी तक के लिए बंद रहेंगी। नवीं और दसवीं के छात्र-छात्राओं के लिए स्कूलों का परिचालन पहले बताए गए समय के हिसाब से होता रहेगा। शीत लहर की चेतावनी और घने कोहरे के अलर्ट के कारण अवकाश बढ़ा दिया गया है।

सभी निजी और सरकारी विद्यालयों के लिए यह आदेश
पटना जिलाधिकारी के अनुसार, जिले के सभी निजी और सरकारी विद्यालयों (प्री स्कूल एवं आंगनबाड़ी केंद्र सहित) में आठवीं तक की कक्षाएं 15 जनवरी बंद रहेंगी, जबकि कक्षा नौ और इससे ऊपर पठन-पाठन का काम सुबह नौ बजे के बाद और अपराह्न साढ़े तीन बजे के पहले तक ही किया जा सकेगा। उन्होंने विद्यालय प्रबंधन को आदेश जारी करते हुए कहा कि इस आदेश के अनुरूप शैक्षणिक गतिविधियों को पुनर्निर्धारित करें। वहीं प्री बोर्ड या बोर्ड की परीक्षा के लिए संचालित किए जाने वाली विशेष कक्षाओं या परीक्षाओं का संचालन इससे मुक्त रहेगा। 

वैशाली में भी 18 जनवरी तक बंद रहेंगे सभी स्कूल
वहीं वैशाली के डीएम यशपाल मीणा ने भी जिले में सरकारी और निजी स्कूल में आठवीं कक्षा तक पठन-पाठन के कार्य को 18 जनवरी तक बंद रखने का आदेश दिया है। हालांकि शिक्षण संस्थाओं के कर्मचारी स्कूल आएंगे। यह आदेश बिहार बोर्ड, सीबीएसई, आईसीएससीई व अन्य बोर्ड से संबद्ध सभी परिषदीय व माध्यमिक विद्यालयों पर लागू होगा।

बक्सर में 17 जनवरी तक बंद रहेंगे सभी स्कूल
बढ़ते ठंड को देखते हुए बक्सर में भी स्कूल बंद कर दिए गए हैं। जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल ने जिले के सभी सरकारी और निजी विद्यालय जो कक्षा आठवीं तक संचालित होते हैं, उन्हें 16 और 17 जनवरी को बंद रखने का निर्देश दिया है। कहा कि ठंड के प्रकोप को ध्यान में रखते हुए मौसम की स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। आगे भी यदि आवश्यक हुआ तो संबंधित आदेश जारी किए जाएंगे। अभिभावकों से अपील की गई है कि वह अपने बच्चों को ठंड से बचाने के लिए गर्म कपड़े पहनाकर ही बाहर जाने दें।

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एल्यूमिनियम फैक्ट्री में बॉयलर फटने से एक मजदूर की मौत, एक अन्य मजदूर के मलबे में दबे होने की आशंका; जांच जारी

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Samastipur News: प्रशासन ने कहा कि फैक्ट्री की मेंटेनेंस और सुरक्षा मानकों की अनदेखी के कारण यह घटना हुई है। वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि इस फैक्ट्री की खस्ताहाल स्थिति को पहले भी अधिकारियों को बताया गया था, लेकिन किसी ने इस पर ध्यान नहीं दिया।

समस्तीपुर जिले के वैनी थाना क्षेत्र में एक एल्यूमिनियम फैक्ट्री में हुए बॉयलर ब्लास्ट से दर्दनाक हादसा हो गया। घटना में एक मजदूर की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। मलबे में एक और शव फंसे होने की आशंका जताई जा रही है। हादसे के बाद से फैक्ट्री के सभी कर्मचारी फरार हो गए हैं।

सुनाई दी थी तेज धमाके की गूंज
जानकारी के मुताबिक, वैनी थाना क्षेत्र की एक एल्यूमिनियम फैक्ट्री में अचानक बॉयलर फट गया। धमाका इतना जोरदार था कि मजदूर का शरीर क्षत-विक्षत हो गया और उसका सिर धड़ से अलग हो गया। मृत मजदूर मुजफ्फरपुर जिले का निवासी बताया जा रहा है, लेकिन अभी तक उसकी पहचान नहीं हो सकी है। चश्मदीदों के अनुसार, धमाके की आवाज करीब एक किलोमीटर दूर तक सुनाई दी।

घायलों की हालत गंभीर
हादसे में घायल हुए तीन मजदूरों को तुरंत समस्तीपुर सदर अस्पताल ले जाया गया। उनकी स्थिति गंभीर बताई जा रही है। घटना के बाद फैक्ट्री परिसर में अफरातफरी मच गई।

पुरानी फैक्ट्री की जर्जर स्थिति बनी हादसे की वजह

स्थानीय लोगों के अनुसार, यह फैक्ट्री करीब 100 साल पुरानी थी, और लंबे समय से रखरखाव की घोर अनदेखी के कारण इसकी स्थिति बेहद खराब हो चुकी थी। दो साल पहले इस फैक्ट्री को पूर्व मालिक ने दिलीप कुमार नामक व्यक्ति को बेच दिया था। स्थानीय लोगों का आरोप है कि फैक्ट्री में बिना किसी मेंटेनेंस के काम चल रहा था, जिसके कारण यह हादसा हुआ।

प्रशासन की कार्रवाई और मौके पर तैनाती

घटना की जानकारी मिलते ही सदर एसडीओ दिलीप कुमार और एएसपी संजय पांडे घटनास्थल पर पहुंचे। पुलिस और अग्निशमन दल की टीमें राहत और बचाव कार्य में लगी हैं। अब तक एक मजदूर की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि मलबे में एक और शव के दबे होने की संभावना जताई जा रही है।

फैक्ट्री के कर्मचारी फरार, जांच के आदेश

हादसे के बाद फैक्ट्री के सभी कर्मचारी और प्रबंधन के लोग मौके से फरार हो गए। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। प्रशासन का कहना है कि फैक्ट्री की मेंटेनेंस और सुरक्षा मानकों की अनदेखी के कारण यह हादसा हुआ है। वहीं, घटना के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश है। उनका कहना है कि इस फैक्ट्री की खस्ताहाल स्थिति के बारे में अधिकारियों को पहले भी सूचित किया गया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस हादसे के बाद लोग भय और नाराजगी का सामना कर रहे हैं।






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महाकुंभ: आस्था का अद्भुत संगम, थकान और सर्दी भी न रोक सकी श्रद्धा को; गूंजते रहे मां गंगा और भोले बाबा के जयकारे

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आस्था की नगरी में तरह-तरह के रंग दिखे। लोग मां गंगा और भोले बाबा के जयकारे लगाते हुए चलते रहे। उत्साह और जयकारों के बीच कई किमी की पैदल यात्रा की थकान और सर्दी भी लोगों की आस्था को डिगा न सकी।

मकर संक्रांति पर्व पर मंगलवार को सनातन परंपरा के सबसे बड़े मानव समागम का वृहद रूप दिखा। हर तरफ स्नानार्थियों की आस्था उमड़ती रही। मेला क्षेत्र के अलावा प्रमुख मार्गों पर भी स्नानार्थियों की भीड़ रही। आस्था की नगरी में तरह-तरह के रंग दिखे। लोग मां गंगा और भोले बाबा के जयकारे लगाते हुए चलते रहे। उत्साह और जयकारों के बीच कई किमी की पैदल यात्रा की थकान और सर्दी भी लोगों की आस्था को डिगा न सकी।

पौष पूर्णिमा पर ही करीब डेढ़ करोड़ से अधिक लोगों ने संगम और आसपास के घाटों पर डुबकी लगाई थी। अगले दिन यानि मंगलवार को मकर संक्रांति का अमृत स्नान पर्व रहा। ऐसे में करीब 10 लाख कल्पवासी व उनके परिजनों के अलावा बड़ी संख्या में अन्य श्रद्धालु भी मेला क्षेत्र में ही रुक गए और स्नान किया।

महाकुंभ: संगम पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भारी भीड़, हर चेहरे पर आस्था की झलक

अखाड़े और संतों के अनुयायी सोमवार तक मेला क्षेत्र में पहुंच चुके थे, जबकि मंगलवार को स्नानार्थियों का सैलाब उमड़ पड़ा। भोर होते ही काली मार्ग, बांध और पांटून पुलों पर तिल रखने की भी जगह नहीं बची। श्रद्धालु, संत और उनके अनुयायी हर दिशा में दिखाई दे रहे थे। जत्थों में आगे चल रहे लोग कोई न कोई निशानी लेकर चल रहे थे, वहीं भजन गाते श्रद्धालु भी आकर्षण का केंद्र बने रहे।

महाकुंभ का पहला अमृत स्नान त्रिवेणी संगम पर अद्भुत और अविश्वसनीय था, जहां ठंड और कोहरे के बीच आस्था की लहरें उमड़ीं। गंगा, यमुना और सरस्वती की मिलन स्थली पर नागा साधुओं का दृश्य युगों पुरानी कथाओं को जीवंत करता नजर आया।

मकर संक्रांति के मौके पर संगम तट पर “बम-बम भोले” के उद्घोष के साथ श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान किया, और यह दृश्य एक अद्वितीय आस्था का प्रतीक बन गया।

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