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दिग्गज उद्योगपति और टाटा ग्रुप के चेयरमैन, रतन टाटा जी का बुधवार को निधन हो गया.

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उनकी उम्र 86 वर्ष थी . मुंबई के एक अस्पताल में उन्होंने अपनी अंतिम सांसे ली | वे काफी समय से अस्वस्थ चल रहे थें। टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने एक बयान में रतन टाटा के निधन की पुष्टि करते हुए उन्हें अपना ‘दोस्त, मार्गदर्शक और प्रेरणास्त्रोत’ बताया. रतन टाटा 28 दिसंबर 2012 को टाटा संस के चेयरमैन के रूप में रिटायर हुए थे|

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जताया शोक।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रतन टाटा के निधन पर गहरा शोक जताते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपनी भावना व्यक्त की. उन्होंने लिखा, “मेरे मन में श्री रतन टाटा जी के साथ हुई अनेकों मुलाकातों की यादें ताज़ा हैं. जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था, तब हम अक्सर विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करते थे. उनकी विचारधारा हमेशा गहन और समृद्ध होती थी. ये संवाद दिल्ली आने के बाद भी जारी रही। उनके निधन हो जाने से अत्यंत दुःखी हूँ। इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार, मित्रों और प्रशंसकों के साथ हैं. ओम शांति”

टाटा ग्रुप की कमान अब किसके हाथ जाएगी ?
रतन टाटा की सेवानिवृत्ति के बाद, टाटा ग्रुप की कमान एन चंद्रशेखरन (Natarajan Chandrasekaran) के हाथों में है. उन्होंने 2017 में टाटा संस के चेयरमैन का पदभार संभाला था. एन चंद्रशेखरन इससे पहले टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्टर रह चुके हैं।

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Politics

भाजपा विधायक दल की बैठक में लगी नायब सैनी के नाम पर मुहर, हरियाणा में रहेगी नायब सैनी की सरकार, जानें नए सीएम का आनेवाला सियासी सफरनामा।

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नायब सिंह सैनी हरियाणा के नए मुख्यमंत्री बनेंगे। प्रदेश के इतिहास में पहली बार भाजपा ने लगातार तीन बार जीत हासिल की है। इस अद्वितीय विजय के नायक नायब सिंह सैनी अब मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी निभाएंगे।

नायब सैनी ने हरियाणा में दस साल की सत्ता विरोधी लहर और लोगों की नाराजगी को कम करने में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। उनका लगातार जनता से संपर्क और सीएम आवास को आम लोगों के लिए खोलने की पहल ने महत्वपूर्ण प्रभाव डाला। 56 दिनों में 100 से अधिक फैसले लेने के बाद, उन्होंने अपनी नेतृत्व क्षमता को साबित करते हुए सीएम पद पर पहुंचने में सफलता पाई है।

नायब सिंह ने 2009 में अंबाला के नारायणगढ़ निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा, लेकिन 1,16,039 वोटों में से केवल 3,028 वोट हासिल कर रामकिशन गुर्जर से हार गए। 2014 में, उन्होंने इसी क्षेत्र से 24,361 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की और 24 जुलाई 2015 से 3 जून 2019 तक प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री के रूप में कार्य किया। इसके अलावा, उन्होंने श्रम एवं रोजगार मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), खान एवं भू विज्ञान मंत्री, और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री के रूप में भी महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाईं।

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बहराइच में हुए कांड का अपडेट : तोड़फोड़, आगजनी-हिंसा आदि, हो रहे बवाल के बीच भी रातभर मोर्चे पर रहीं एसपी तो बैकफुट पर आए उपद्रवी।

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रविवार के शाम दुर्गा प्रतिमा विसर्जन शोभायात्रा पर पथराव और रामगोपाल मिश्रा की हत्या के बाद, आक्रोशित भीड़ का गुस्सा देख पुलिस जवान बैकफुट पर आ गए। इस विकट हालात में एसपी वृंदा शुक्ला ने हेलमेट लगाया। बॉडी प्रोटेक्टर पहना। एलबो व केन शील्ड धारण कर लाठी हाथ में थम डट गईं अग्रिम मोर्चे पर। कमांडर का यह हौसला देख पूरी टीम उत्साहित हुई और फिर उपद्रवियों को खदेड़ना शुरू किया। सोमवार को भी वह पूरे दिन प्रभावित महसी तहसील क्षेत्र में सक्रिय रहीं। पुलिस व पीएसी के साथ गश्त भी कीं।

प्रतिमा विसर्जन के दिन शाम से देर रात तक उपद्रव होता रहा। देखते ही देखते पूरा जिला उस उपद्रव हिंसा की चपेट में आ गया। सोमवार को भी आगजनी और प्रदर्शन होता रहा। इस दौरान भी एसपी ने हालात को नियंत्रित किया और आला अधिकारियों को भी रिपोर्ट देती रहीं। परिणाम रहा कि दोपहर बाद रामगोपाल मिश्रा का अंतिम संस्कार कराया और फिर धीरे-धीरे पूरे जिले में स्थिति सामान्य करने के लिए टीमों को सक्रिय किया।

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आज से बिहार के सभी जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर

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आज यानी मंगलवार को प्रदेश के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के चिकित्सक दिन भर कार्य बहिष्कार पर हैं. सुबह 6:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक डॉक्टर कार्य बहिष्कार कर दिया है. इस स्थिति में ओपीडी और रूटिंग सर्जरी दिनभर बंद रहेगी. अस्पतालों में सिर्फ इमरजेंसी कार्य ही होंगे. आईएमए की ओर से देशव्यापी बंद का आह्वान किया गया है.

बिहार आईएमए ने मंगलवार को मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में एकदिवसीय हड़ताल का ऐलान कर दिया है. आईएमए बिहार की ओर से जानकारी दी गई है कि आरजीकर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल, कोलकाता के जूनियर चिकित्सक पिछले 10 दिनों से हड़ताल पर हैं. कॉलेज कैंपस में ड्यूटी के दौरान पिछले दिनों महिला चिकित्सक के साथ हुए बलात्कार और हत्या के मामले में अबतक न्याय नहीं मिलने एवं अस्पताल के डॉक्टरों की सुरक्षा में सुधार नहीं होने से नाराज हैं.

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