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12 दिवसीय जलवायु सम्मेलन के दौरान, मेज़बान देश ने सभी भागीदार देशों से जलवायु वित्त के नए लक्ष्यों पर उत्पन्न मतभेदों को तत्काल सुलझाने की अपील की, ताकि प्रभावी और समन्वित प्रयासों से जलवायु संकट का समाधान सुनिश्चित किया जा सके।

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जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (यूएनएफसीसीसी) के तहत 29वां COP-29 सम्मेलन 11 से 22 नवंबर तक अजरबैजान के बाकू में आयोजित होगा। यह सम्मेलन जलवायु संकट के प्रभावों से निपटने और वैश्विक तापमान में वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए त्वरित और ठोस कदम उठाने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है, जब चरम मौसम घटनाएं और अत्यधिक तापमान पूरी दुनिया को प्रभावित कर रहे हैं।

जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (यूएनएफसीसीसी) के तहत 29वां COP-29 सम्मेलन 11 से 22 नवंबर तक अजरबैजान के बाकू में आयोजित होगा। इस वर्ष के सम्मेलन के मेज़बान अजरबैजान ने सोमवार को सभी देशों से लंबित जलवायु मुद्दों को तत्काल सुलझाने की अपील की, विशेष रूप से विकासशील देशों को जलवायु संकट से निपटने के लिए नए जलवायु वित्त लक्ष्य पर सहमति बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उद्घाटन सत्र में COP-29 के अध्यक्ष मुख्तार बाबायेव ने चेतावनी दी कि मौजूदा नीतियां दुनिया को 3 डिग्री सेल्सियस तापमान वृद्धि की ओर धकेल रही हैं, जो अरबों लोगों के लिए विनाशकारी साबित हो सकती है।

यह सम्मेलन देशों के लिए पेरिस समझौते के तहत अपनी अद्यतन राष्ट्रीय जलवायु कार्रवाई योजनाओं को प्रस्तुत करने का महत्वपूर्ण अवसर होगा, जिन्हें 2025 की शुरुआत तक प्रस्तुत करना अनिवार्य है। यदि इन योजनाओं का सही ढंग से कार्यान्वयन किया गया, तो ये वैश्विक तापमान वृद्धि को पूर्व-औद्योगिक स्तरों से 1.5 डिग्री सेल्सियस के भीतर सीमित रखने में सहायक हो सकती हैं।

COP की पहली बैठक
कोप (कॉन्फ्रेंस ऑफ द पार्टीज़) की पहली बैठक मार्च 1995 में जर्मनी के बर्लिन में आयोजित हुई थी। यह सम्मेलन जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (यूएनएफसीसीसी) के पक्षकारों का वार्षिक समागम है। “पार्टीज़” उन देशों को कहा जाता है जिन्होंने 1992 में यूएन जलवायु समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।

कार्बन ऑफसेट्स क्या हैं?
कार्बन ऑफसेट क्रेडिट एक प्रमाणपत्र होता है, जो किसी विशेष स्थान या प्रोजेक्ट के माध्यम से ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी को प्रमाणित करता है। कई सरकारें और कंपनियां अपने जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने के लिए सीधे उत्सर्जन में कमी लाने में सक्षम नहीं होतीं। ऐसे में, वे कार्बन ऑफसेट क्रेडिट के माध्यम से ऐसे प्रोजेक्ट्स को वित्तीय सहायता प्रदान करती हैं, जो सौर ऊर्जा पैनल लगाने, वृक्षारोपण करने जैसी गतिविधियों से उत्सर्जन को कम करते हैं।

पेरिस समझौते के अनुच्छेद 6 का महत्व
2015 में पेरिस समझौते के तहत, 200 देशों ने वैश्विक औसत तापमान वृद्धि को 2 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने और इसे 1.5 डिग्री सेल्सियस के भीतर रखने का संकल्प लिया। इस समझौते का अनुच्छेद 6 विशेष रूप से विकासशील देशों को जलवायु वित्त मुहैया कराने के लिए एक महत्वपूर्ण तंत्र के रूप में माना जाता है, जो देशों को अपने कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए सहयोग और व्यापार की अनुमति देता है।

अनुच्छेद 6.2: यह प्रावधान देशों के बीच सीधे कार्बन ऑफसेट्स के व्यापार के लिए शर्तें तय करने की अनुमति देता है, जिससे वे अपने जलवायु लक्ष्यों को प्रभावी ढंग से पूरा कर सकते हैं।

अनुच्छेद 6.4: इस अनुच्छेद के तहत एक केंद्रीय प्रणाली की स्थापना की जाती है, जिसे संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रबंधित किया जाएगा, ताकि देशों और कंपनियों को कार्बन ऑफसेट्स खरीदने और बेचने की सुविधा मिल सके। इसका उद्देश्य ऑफसेट व्यापार को अधिक मानकीकृत और पारदर्शी बनाना है, ताकि यह प्रक्रिया सभी देशों और निगमों के लिए समान रूप से सुलभ हो।

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Bihar News :बिहार के 101 अनुमंडलों को जिला मुख्यालयों से जोड़ने के लिए 166 डीलक्स बसों का संचालन किया जाएगा, जल्द ही यह सेवा शुरू होने वाली है।

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पूर्णिया से एक बार में कुल 25 बसों का संचालन किया जाएगा, जबकि भागलपुर और दरभंगा से 24-24, मुजफ्फरपुर से 30 और गया जिले से 31 डीजल बसें विभिन्न समय पर रवाना होंगी। ये सभी बसें राज्य के विभिन्न जिलों को जोड़ेंगी और आगे चलकर राजधानी पटना से भी जुड़ेंगी। इसके अलावा, पटना, दरभंगा और गया के अनुमंडलों से झारखंड, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के लिए भी बस सेवा शुरू करने की योजना तैयार की जा रही है।

डिजिटल डेस्क, पटना। राज्य के 101 अनुमंडलों को जिला मुख्यालयों से जोड़ने के लिए शीघ्र ही डीलक्स बसों का संचालन शुरू किया जाएगा। संभावना है कि ये बसें अगले महीने के दूसरे सप्ताह से सड़कों पर दौड़ने लगेंगी। बिहार राज्य पथ परिवहन निगम (BSRTC) ने 6 प्रमुख शहरों के अनुमंडलों को 109 जोन में विभाजित करते हुए कुल 166 बसें चलाने की योजना बनाई है। ये बसें पटना, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, पूर्णिया, भागलपुर और गया की पंचायतों को उनके संबंधित जिला मुख्यालयों से जोड़ेंगी। इन बसों के सभी रूट पहले ही तय किए जा चुके हैं। फिलहाल ये बसें परमिट प्रक्रिया में हैं, जिसे जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा।

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Bihar Politics : महागठबंधन की दूसरी बैठक की तारीख तय, इस फॉर्मूले पर हो सकती है चर्चा।

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Bihar Hindi News : महागठबंधन की दूसरी महत्वपूर्ण बैठक की तारीख तय कर दी गई है, जिसमें सीटों के बंटवारे को लेकर बातचीत की जाएगी। इस बैठक में राजद, कांग्रेस, वीआईपी और वामपंथी दलों के नेता शामिल होंगे। संभावना है कि बैठक में सीट वितरण का प्रारूप तय किया जाएगा, साथ ही जिला और प्रखंड स्तर पर समन्वय समितियों के गठन पर भी चर्चा होगी। इसके अतिरिक्त, चुनावी मुद्दों और आगामी रणनीतियों पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा। तेजस्वी यादव इस समन्वय समिति के अध्यक्ष होंगे।

राज्य ब्यूरो, पटना।( Bihar Political Hindi News Today): आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन की दूसरी बड़ी बैठक 24 अप्रैल को आयोजित की जाएगी। पहली बैठक 17 अप्रैल को राजद के प्रदेश कार्यालय में हुई थी, और अब ठीक एक सप्ताह बाद यह बैठक गुरुवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय सदाकत आश्रम में होने जा रही है। इस महत्वपूर्ण बैठक में राजद की ओर से समन्वय समिति के अध्यक्ष तेजस्वी यादव, कांग्रेस की ओर से राजेश राम और कृष्णा अल्लावारू, वीआईपी के मुकेश सहनी और वाम दलों के प्रमुख नेता भाग लेंगे।

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Bihar IPS Promotion: बिहार में5 IPS अधिकारियों को मिला प्रमोशन, सौंपे गए नए कार्यभार; विभागों में भी बदलाव किया गया।

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Bihar Police News:बिहार कैडर के 5 आईपीएस अधिकारियों को प्रमोशन दिया गया है। सुधांशु कुमार को असैनिक सुरक्षा के अतिरिक्त प्रभार से मुक्त कर दिया गया है। अनुसूईया रणसिंह को नागरिक सुरक्षा का आईजी नियुक्त किया गया, जबकि विवेक कुमार को अपराध अनुसंधान विभाग में डीआईजी बना दिया गया। इसके अलावा, दो अन्य अधिकारियों को भी नई जिम्मेदारियां दी गई हैं। उल्लेखनीय है कि हाल ही में कई आईपीएस अधिकारियों को प्रमोशन मिला था।

1 . बिहार में 5 आईपीएस अधिकारियों को मिला प्रमोशन,
2 . एसपी को डीआईजी और डीआईजी को आईजी पद पर किया गया पदोन्नत।

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार कैडर के पांच वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों की जिम्मेदारियों में फेरबदल किया गया है। यातायात के अपर पुलिस महानिदेशक सुधांशु कुमार को असैनिक सुरक्षा के अपर आयुक्त के अतिरिक्त प्रभार से हटा दिया गया है।

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