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भारतीय नौसेना दिवस 2024: 4 दिसंबर को भारतीय नौसेना दिवस क्यों मनाते हैं? जानिए इस दिन का ऐतिहासिक महत्व और उसकी विशेषता।

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भारतीय नौसेना की वीरता, समर्पण और देश की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा में उसकी महत्वपूर्ण भूमिका को सम्मानित करना हर नागरिक का कर्तव्य है। भारतीय नौसेना दिवस हर वर्ष 4 दिसंबर को मनाया जाता है, जो भारतीय नौसेना की शक्ति, साहस और राष्ट्र के प्रति उसकी निष्ठा का प्रतीक है। यह दिन हमें अपनी सुरक्षा बलों के प्रति आभार व्यक्त करने और उनके अमूल्य योगदान को समझने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है। इस लेख के माध्यम से जानिए कि भारतीय नौसेना का गठन कब और कैसे हुआ, और क्यों मनाया जाता है भारतीय नौसेना दिवस।

भारतीय नौसेना दिवस का इतिहास

भारतीय नौसेना दिवस की शुरुआत मई 1972 में एक वरिष्ठ नौसेना अधिकारी सम्मेलन में हुई थी, जब 4 दिसंबर को इस दिन को मनाने का निर्णय लिया गया था।

4 दिसंबर को भारतीय नौसेना दिवस मनाने की वजह 1971 में भारत-पाक युद्ध के दौरान की गई भारतीय नौसेना की वीरता है। 3 दिसंबर को पाकिस्तान ने भारतीय हवाई अड्डों पर हमला किया, जिसके बाद भारतीय नौसेना ने 4 और 5 दिसंबर की रात “ऑपरेशन ट्राइडेंट” के तहत जवाबी कार्रवाई की। इस ऑपरेशन में भारतीय नौसेना ने पाकिस्तानी नौसेना को भारी नुकसान पहुँचाया। इस सफल मिशन का नेतृत्व कमोडोर कासरगोड पट्टणशेट्टी गोपाल राव ने किया। भारतीय नौसेना की इस वीरता को सम्मानित करते हुए 4 दिसंबर को नौसेना दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया।

भारतीय नौसेना की स्थापना
भारतीय नौसेना 1612 में ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा रॉयल इंडियन नेवी के नाम से अस्तित्व में आई, जिसका उद्देश्य व्यापारिक जहाजों की सुरक्षा था। स्वतंत्रता के बाद, 1950 में इसे भारतीय नौसेना के रूप में पुनर्गठित किया गया।

नौसेना दिवस का महत्व
भारतीय नौसेना दिवस भारतीय नौसेना की उपलब्धियों का सम्मान करते हुए देशवासियों को अपनी सेना पर गर्व महसूस कराता है। यह दिन समुद्री सुरक्षा और नौसेना की महत्वपूर्ण भूमिका को समझने का अवसर देता है।

नौसेना दिवस पर आयोजन
नौसेना दिवस पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन होता है, जिसमें युद्धपोतों का प्रदर्शन, सेमिनार, परेड और सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल होते हैं, जो जनता को नौसेना की ताकत और तकनीकी प्रगति से अवगत कराते हैं।

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हिन्दी साहित्य के स्तंभ, महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं।

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महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला का आज जन्मदिन है। निराला का जन्म 21 फरवरी 1896 में हुआ था। इनका महाप्रयाण 15 अक्टूबर 1961 में हुआ था। निराला की कविता पढ़ने के बाद महसूस होता है कि वह वास्तव में हिंदी साहित्य का दर्द थे। सामंतवादी सोच और व्यवस्था का आक्रोश उनकी कविताओं में बरबस झलकता है। निराला के जन्मदिवस पर हम उनकी 5 श्रेष्ठ कविताएं आप लोगों के लिए पेश कर रहे हैं। 

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Kumbh Mela 2025 : पटना लौट रहे परिवार के साथ कुंभ यात्रा के दौरान बड़ा हादसा, पांच मिनट में छह लोगों की हुई मौत

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Bihar Road Accident News: देखते ही देखते कार हाईवे पर खड़े ट्रक से टकरा गई। हादसा इतना भीषण था कि कार के परखच्चे उड़ गए। कार का एक पहिया 20 फीट दूर पड़ा मिला। महज पांच मिनट के अंदर परिवार के छह लोगों दम तोड़ दिया।

प्रयागराज से कुंभ स्नान कर पटना लौट रहे एक परिवार के छह लोगों की भीषण सड़क हादसे में मौत हो गई। हादसा घटना जगदीशपुर थाना क्षेत्र के दुल्हीनगंज के पास शुक्रवार सुबह हुई। मरने वालों में दंपती, उनकी दो बेटियां समेत छह लोग हैं। बताया जा रहा है कि शुक्रवार अहले सुबह परिवार के सभी लोग महाकुंभ स्नान कर लौट रहे थे। लेकिन, पटना पहुंचने से 40 किमी पहले आरा-मोहनिया नेशनल हाईवे पर जगदीशपुर थाना क्षेत्र के दुल्हनगंज बाजार स्थित पेट्रोल पंप के पास ड्राइवर ने झपकी ले ली।

हादसा इतना भीषण था कि कार के परखच्चे उड़ गए
देखते ही देखते कार हाईवे पर खड़े ट्रक से टकरा गई। हादसा इतना भीषण था कि कार के परखच्चे उड़ गए। कार का एक पहिया 20 फीट दूर पड़ा मिला। महज पांच मिनट के अंदर परिवार के छह लोगों दम तोड़ दिया। घटना के बाद इलाके में हड़कंप मच गया। हाईवे पर लोगों की भीड़ जुट गई। इधर, सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और कार के अंदर फंसे लोगों को स्थानीय लोगों की मदद से बाहर निकाला। लेकिन, तब तक काफी देर हो चुकी थी। इनमें से कोई भी जिंदा नहीं बचा। मरने वालों में पटना के जक्कनपुर थाना का छपरा कॉलोनी, मच्छड़दानी गली निवासी स्व. विशुन देव प्रसाद के बेटे संजय कुमार (62), पत्नी करुणा देवी (58), बेटे लाल बाबू सिंह (25), उनकी भतीजी जूही रानी, आशा किरण, और कौशलेंद्र कुमार की बेटी प्रियम कुमारी (20) हैं। सभी का शव आरा सदर अस्पताल में लाया गया है। 

एनएच पर कार खड़े ट्रक से टकरा गई
भोजपुर पुलिस का कहना है कि सभी लोग प्रयागराज से बेलेनो कार से लौट रहे थे। भोजपुर में एनएच पर कार खड़े ट्रक से टकरा गई। हादसे में छह लोगों की मौत हो गई। सभी लोग पटना के जक्कनपुर के रहने वाले थे। इनके परिजनों को सूचना दे दी गई है। परिजन ने बताया कि सभी गुरुवार को पटना से महाकुंभ स्नान के लिए प्रयागराज गए थे। लौटने के दौरान हादसा हुआ।

टक्कर की गूंज 200 मीटर तक सुनाई दी
वहीं हादसे के बाद स्थानीय लोगों का कहना है कि टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि इसकी गूंज करीब 200 मीटर तक सुनाई दी। हमलोग फौरन वहां पहुंचे तो देखा कि कार ट्रक के परखच्चे उड़ गए। देखते ही देखते कार के अंदर फंसे छह लोगों ने दम तोड़ दिया। इधर, घटना के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

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हर मुश्किल का सामना किया, हर युद्ध को जीता, मराठा साम्राज्य का वह सूर्य, छत्रपति शिवाजी महाराज अमर रहें! शिवाजी महाराज जयंती पर हार्दिक शुभकामनाएं!

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छत्रपती शिवाजी महाराज हे केवळ महाराष्ट्राच्याच नव्हे तर संपूर्ण भारताच्या इतिहासातील एक महान योद्धा, कुशल प्रशासक आणि लोकनेते होते. त्यांनी मराठा साम्राज्याची स्थापना करून हिंदवी स्वराज्याचे स्वप्न साकारले. अत्यंत प्रतिकूल परिस्थितीत त्यांनी स्वराज्य निर्माण केले आणि मुघल तसेच आदिलशाही-सिद्दी-सुलतानी सत्तांच्या विरोधात समर्थपणे उभे राहिले. त्यांच्या असामान्य युद्धकौशल्यामुळे आणि राज्यकारभारातील दूरदृष्टीमुळे त्यांना केवळ महाराष्ट्रच नव्हे तर संपूर्ण भारताचा नायक मानले जाते.

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