Latest News Viral News Business Job

world

ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान PM मोदी और राष्ट्रपति शी की मुलाकात को लेकर चीन ने दी प्रतिक्रिया।

Published

on

रूस के कजान में मंगलवार से ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की शुरुआत होने जा रही है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी शामिल होंगे। हालांकि, इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि सम्मेलन के दौरान या उसके बाद दोनों नेताओं के बीच कोई द्विपक्षीय मुलाकात होगी या नहीं।

चीन के विदेश मंत्रालय ने रूस में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की संभावित बैठक से जुड़े सवाल को टाल दिया। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने मीडिया से बात करते हुए कहा, इस बारे में अगर कुछ नया होगा तो हम आपको सूचित करेंगे। दोनों नेता मंगलवार से शुरू होने वाले इस सम्मेलन में भाग ले रहे हैं। 

प्रधानमंत्री मोदी के कजान दौरे से पहले विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने आज नई दिल्ली में मीडिया को जानकारी दी कि भारत और चीन के वार्ताकार पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गश्त को लेकर एक सहमति पर पहुंच गए हैं। हालांकि, बीजिंग की ओर से इस सहमति पर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। जून 2020 में गलवान घाटी में हिंसक झड़प के बाद भारत और चीन संबंध काफी बिगड़ गए थे। दशकों बाद यह सबसे गंभीर सैन्य संघर्ष था। 

पिछले हफ्ते चीन ने घोषणा की थी कि शी जिनपिंग ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे, जहां वह वैश्विक दक्षिण के लिए एक नए युग की शुरुआत करने के लिए अन्य पक्षों के साथ मिलकर काम करेंगे। ब्रिक्स के संस्थापक सदस्यों में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं। जबकि हाल ही में मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात को नए सदस्यों के रूप में शामिल किया गया है। 

इस साल ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का विषय ‘न्यायपूर्ण वैश्विक विकास और सुरक्षा के लिए बहुपक्षीयता को मजबूत करना’ है। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि शी जिनपिंग छोटे-बड़े समूहों की बैठकों और ब्रिक्स प्लस संवाद में भाग लेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि जिनपिंग अन्य नेताओं के साथ अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों, ब्रिक्स के व्यावहारिक सहयोग, ब्रिक्स के विस्तार और आसी हित के महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करेंगे। 

Continue Reading
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

india

अयोध्या: महाकुंभ से पहले राम मंदिर में दर्शन और प्रसाद वितरण के नियमों में बदलाव किए जाएंगे, जो मकर संक्रांति से लागू होंगे।

Published

on

अयोध्या राम मंदिर: महाकुंभ से पहले राम मंदिर में दर्शन व्यवस्था में बदलाव किए जा रहे हैं। वीआईपी श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए ट्रस्ट ने दर्शन की प्रक्रिया में सुधार किए हैं।

महाकुंभ को लेकर राम मंदिर ट्रस्ट ने श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए सुविधाओं को बढ़ाने का काम शुरू कर दिया है। मकर संक्रांति से महाकुंभ का शुभारंभ होने जा रहा है, और इस अवसर पर श्रद्धालुओं की भीड़ को व्यवस्थित और सुगम बनाने के लिए कई अहम बदलाव किए गए हैं। विशेष रूप से वीआईपी दर्शन के लिए ट्रस्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। पहले जहां राम मंदिर में वीआईपी दर्शन के लिए 6 स्लॉट निर्धारित थे, अब उसे बढ़ाकर 7 कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त, सुबह 11 से 12 बजे तक वीआईपी दर्शन के एक और स्लॉट की व्यवस्था की गई है, जिससे श्रद्धालुओं को अधिक सुविधा मिलेगी। इन बदलावों का उद्देश्य महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं को बेहतर अनुभव देना और दर्शन की प्रक्रिया को और भी व्यवस्थित बनाना है।

इस समय राम मंदिर में रोजाना 70 से 80 हजार श्रद्धालु दर्शन कर रहे हैं। पर्व-त्योहारों व वीकेंड पर यह संख्या बढ़कर दोगुना हो जाती है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से पास के माध्यम से वीआईपी दर्शन की सुविधा है। इसके लिए ट्रस्ट दो तरह का पास जारी करता है। एक सुगम दर्शन पास व दूसरा विशिष्ट दर्शन पास। इन दोनों पास के माध्यम से श्रद्धालुओं को वीआईपी दर्शन की सुविधा प्राप्त होती है। साथ ही ट्रस्ट ने वीआईपी दर्शन के लिए छह पाली यानी स्लॉट भी निर्धारित कर रखा है। पहला स्लॉट सुबह सात से नौ बजे, फिर नौ से 11, दोपहर डेढ़ से तीन, तीन से पांच, पांच से सात और सात से नौ बजे का था। हर एक स्लॉट में पांच सौ पास जारी किए जाते हैं।

राम मंदिर में वीआईपी श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने के कारण कभी-कभी सारे स्लॉट फुल हो जाते हैं, जिससे असुविधा होती है। इसे देखते हुए ट्रस्ट ने सुबह 11 से 12 बजे का एक नया वीआईपी दर्शन स्लॉट शुरू किया है। पहले, इस समय स्लॉट में दर्शन की सुविधा नहीं थी, क्योंकि 12:15 बजे रामलला की भोग आरती होती है और फिर 12:30 से 1:30 तक मंदिर बंद रहता है। राम मंदिर के ट्रस्टी डॉ़ अनिल मिश्र ने बताया कि वीआईपी श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या और आगामी महाकुंभ को ध्यान में रखते हुए दर्शन स्लॉट में वृद्धि की गई है।

महाकुंभ के दौरान राम मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद काउंटर बढ़ाए जाएंगे। ट्रस्ट ने अनुमानित दो लाख श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए, प्रसाद वितरण की सुविधा को बेहतर बनाने के लिए काउंटर की संख्या बढ़ाने की योजना बनाई है। मकर संक्रांति से काउंटरों की संख्या बढ़ा दी जाएगी, और चार काउंटरों के अलावा, प्रसाद पैकेटों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी। तीन काउंटर श्रीराम जन्मभूमि पथ पर और एक वीआईपी दर्शन मार्ग पर बनाए जाएंगे। साथ ही, 14 जनवरी तक परिसर में चल रहे सड़क निर्माण और अन्य सुविधाओं को भी पूरा कर लिया जाएगा।

Continue Reading

world

Carlos Tavares Resign: ‘जीप’ निर्माता कंपनी के सीईओ ने तीखी आलोचना के बाद दिया इस्तीफा।

Published

on

Stellantis CEO Carlos Tavares Resigns: स्टेलेंटिस की बिक्री में भारी गिरावट, डीलरों के पास बिना बिके वाहनों का जमावड़ा, कई संयंत्रों में छंटनी और यूनाइटेड ऑटो वर्कर्स यूनियन द्वारा इस्तीफे की मांग के बाद सीईओ कार्लोस टैवारेस ने अपना पद छोड़ दिया।

क्रिसलर, जीप, फिएट और प्यूजो जैसे प्रमुख ब्रांडों की निर्माता कंपनी स्टेलेंटिस के सीईओ कार्लोस टैवारेस ने इस्तीफा दे दिया है। कंपनी ने रविवार को बताया कि उन्होंने बोर्ड के साथ मतभेद, निराशाजनक बिक्री परिणाम और सीईओ पद से हटाने की मांग के बीच अपना पद छोड़ने का फैसला किया।

स्टेलेंटिस की बिक्री में भारी गिरावट, डीलरों के पास बिना बिके वाहनों का जमावड़ा, कई संयंत्रों में छंटनी और यूनाइटेड ऑटो वर्कर्स यूनियन द्वारा इस्तीफे की मांग के बाद टैवारेस ने यह कदम उठाया। इसके अलावा, अमेरिकी डीलरों की एक परिषद ने भी उनके कार्यकाल की कड़ी आलोचना की। स्टेलेंटिस के वरिष्ठ स्वतंत्र निदेशक हेनरी डी कैस्ट्रीज ने एक बयान में कहा कि टैवारेस और स्टेलेंटिस के निदेशक मंडल के विचार अलग-अलग थे, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें इस्तीफा देना पड़ा।

66 वर्षीय पुर्तगाली व्यवसायी कार्लोस टैवारेस, जो फ्रांसीसी ऑटोमेकर पीएसए ग्रुप और फिएट-क्रिसलर के विलय के प्रमुख थे, जिन्होंने स्टेलांटिस को जन्म दिया, दुनिया की चौथी सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनी बनाई। यह सौदा, जो जनवरी 2021 में पूरा हुआ, टोयोटा, फॉक्सवैगन और हुंडई के बाद स्टेलांटिस को वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख खिलाड़ी बना गया। इससे पहले, टैवारेस पीएसए ग्रुप के अध्यक्ष थे। इस साल की शुरुआत में, यह घोषणा की गई थी कि वह 2026 में अपने अनुबंध की समाप्ति पर सेवानिवृत्त होंगे।

Continue Reading

world

“वॉरेन बफे ने 1.1 अरब डॉलर दान किए, और इसके साथ ही उन्होंने अपने निधन के बाद अपनी संपत्ति का वितरण कैसे होगा, इसका भी खुलासा किया।”

Published

on

बर्कशायर हैथवे के शेयरधारकों को लिखे अपने नवीनतम पत्र में 94 वर्षीय वॉरेन बफे ने जीवन की अनिश्चितताओं पर गहरे व्यक्तिगत विचार व्यक्त किए और साथ ही अपने निधन के बाद अपनी संपत्ति के वितरण की एक विस्तृत योजना भी साझा की।

बर्कशायर हैथवे के प्रमुख अरबपति निवेशक और परोपकारी वॉरेन बफे ने कई फाउंडेशनों को 1.1 बिलियन डॉलर का अतिरिक्त दान किया है, जो उनके लंबे समय से किए गए वादे की निरंतरता है। इस दान के माध्यम से वे अपनी 150 बिलियन डॉलर की विशाल संपत्ति को अपने जीवनकाल में और उसके बाद धीरे-धीरे दान करने के अपने मिशन को और मजबूती दे रहे हैं।

अपने नवीनतम पत्र में, जो उन्होंने बर्कशायर हैथवे के शेयरधारकों को लिखा, 94 वर्षीय बफे ने जीवन की अनिश्चितताओं पर गहरे व्यक्तिगत विचार साझा किए और अपने निधन के बाद अपनी संपत्ति के वितरण की विस्तृत योजना भी स्पष्ट की।

बफेट का नवीनतम दान

बफेट ने बर्कशायर हैथवे के 1,600 क्लास ए शेयरों को 2,400,000 क्लास बी शेयरों में बदलने की घोषणा की, जिन्हें चार पारिवारिक संस्थाओं को वितरित किया गया। 

Continue Reading

Trending