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जम्मू-कश्मीर चुनाव परिणाम लाइव: उमर अब्दुल्ला का कहना है कि जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र को पनपने नहीं दिया गया।

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जम्मू-कश्मीर चुनाव परिणाम लाइव: उमर अब्दुल्ला का कहना है कि जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र को पनपने ही नहीं दिया गया उनका कहना है कि पिछले 8-10 वर्षों से केंद्र शासित प्रदेश में लोकतंत्र नहीं था। उन्होंने ऐसी स्थिति होने के बावजूद उन्हें चुनने के लिए मतदाताओं एवं जनताओं को धन्यवाद दिया है।

उमर अब्दुल्ला का कहना है कि जेकेएनसी-कांग्रेस गठबंधन को बहुमत मिला, मतदाताओं ने सोच-समझकर मतदान किया, खासकर उन क्षेत्रों में जहां निर्दलीय उम्मीदवारों और छोटी पार्टियों के जरिए वोटों को बांटने की साजिशें रची जा रही थीं…हमारी जिम्मेदारी अब शुरू होती है, मतदाताओं ने अपना दायित्व निभा दिया है। अब काम करना और मतदाताओं के योग्य बनना हमारा कर्तव्य है।

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कनाडा के 6 राजनयिक निष्कासित किये गए है।

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भारत ने कनाडा के छह राजनयिकों को निष्कासित करने का फ़ैसला किया है.

स्टीवर्ट रॉस व्हीलर (कार्यकारी उच्चायुक्त)

पैट्रिक हेबर्ट (उप-उचायुक्त)

मैरी कैथरीन जॉली (फर्स्ट सेक्रेटरी)

इआन रॉस डेविड ट्राइट्स (फ़र्स्ट सेक्रेटरी)

एडम जेम्स चुइपका (फर्स्ट सेक्रेटरी)

पाउला ओर्जुएला (फर्स्ट सेक्रेटरी)

भारतीय विदेश मंत्रालय ने इन्हें 19 अक्टूबर रात में 11:59 बजे से पहले भारत छोड़ने कहा है|

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तेजस्वी यादव वाला ‘रास्ता’ क्यों किया सम्राट चौधरी ने ‘बंद’, क्या बिहार में कुछ बड़ा होने वाला है?

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बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी सरकारी बंगले में शिफ्ट हो गए हैं। विजयदशमी के दिन उनका गृह प्रवेश हुआ। वास्तु दोष के कारण उन्होंने सर्कुलर रोड की ओर खुलने वाला दरवाजा बंद कराने का निर्णय लिया है। इससे पहले यह बंगला तेजस्वी यादव को मिला था।

पांच देश रत्न मार्ग स्थित यह सरकारी आवास बिहार के उपमुख्यमंत्री के लिए निर्धारित होता है। 2015 में जब तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री बने थे, तो उन्हें यही बंगला आवंटित हुआ था। उन्होंने इस बंगले की साज-सज्जा भी करवाई थी। लेकिन, कुछ महीनों बाद ही सरकार बदल गई और तेजस्वी यादव को यह बंगला खाली करना पड़ा। तेजस्वी यादव ने इस बंगले के लिए लंबी कानूनी लड़ाई भी लड़ी थी। अभी तक जो भी इस बंगले में रहा है, वह अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सका है।

विजयदशमी के दिन हुआ गृह प्रवेश

अब, यह बंगला सम्राट चौधरी को आवंटित किया गया है। विजयदशमी के दिन उन्होंने विधिवत रूप से इस बंगले में गृह प्रवेश किया। इस मौके पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, ललन सिंह सहित कई बड़े नेता मौजूद थे। गृह प्रवेश के तुरंत बाद ही सम्राट चौधरी ने बंगले के एक दरवाजे को बंद करवाने का फैसला किया। इस फैसले के पीछे वास्तु दोष का तर्क दिया गया।

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दो राज्यों की जीत आखिर क्यों है इतनी खास ? NDA पर बीजेपी की पकड़ अब होगी मजबूत।

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दो राज्यों की जीत आखिर क्यों है इतनी खास ? NDA पर बीजेपी की पकड़ अब होगी मजबूत।
चुनावी नतीजों से भाजपा को एनडीए पर अपनी स्थिति मजबूत करने में मदद मिलेगी; भाजपा और आरएसएस के बीच टकराव की बातें भी भूतकाल की बात हो जाएंगी |

हरियाणा में शानदार जीत और जम्मू-कश्मीर में अप्रत्याशित प्रदर्शन से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए राहत की बात है, जो लोकसभा चुनावों में अपने खराब प्रदर्शन के बाद लगभग चार महीने से लगातार आलोचनाओं का सामना कर रही थी।भाजपा नेतृत्व को न केवल विपक्षी दलों से बल्कि अपने स्वयं के गठबंधन के सदस्यों से भी आलोचना का सामना करना पड़ा, जिन्होंने सत्तारूढ़ पार्टी से अग्निवीर योजना में बदलाव करने का आग्रह किया और केंद्र सरकार से उन किसानों की मांगों का समाधान खोजने के लिए कहा, जो न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी चाहते थे।

एनडीए के भीतर आलोचना, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जनता दल (यूनाइटेड) अग्निपथ योजना की समीक्षा और किसानों के साथ बातचीत चाहती थी, लेकिन जेडी(यू) ऐसी मांग करने वाली अकेली पार्टी नहीं थी। लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने महाराष्ट्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के निराशाजनक प्रदर्शन के लिए सीधे तौर पर किसानों के गुस्से को जिम्मेदार ठहराया, जहां भाजपा और उसके सहयोगी 48 में से केवल 17 सीटें ही जीत पाए।

सारे महत्वपूर्ण चुनावों के लिए बिल्कुल सही समय, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में भाजपा के चुनावी प्रदर्शन से पार्टी को महाराष्ट्र और झारखंड में भी महत्वपूर्ण चुनावों से पहले अपनी ताकत वापस पाने में मदद मिलने की संभावना है। भाजपा को अपने एनडीए सहयोगियों से दबाव का सामना करना पड़ रहा है, जो दोनों राज्यों में सीटों का अधिक हिस्सा चाहते हैं और उन्होंने भाजपा नेतृत्व से यह भी शिकायत की है कि उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में कोई प्रतिनिधित्व नहीं मिला है।

बेहतर सौदेबाजी शक्ति वरिष्ठ भाजपा नेताओं का यह भी मानना है कि दोनों राज्यों में पार्टी के प्रदर्शन से झारखंड और महाराष्ट्र में अपने गठबंधन सहयोगियों के साथ सौदेबाजी की उसकी ताकत मजबूत होगी। एनडीए के सहयोगी अब तक दोनों चुनावी राज्यों में सीट बंटवारे पर बातचीत पूरी नहीं कर पाए हैं और भाजपा नेतृत्व को अब उम्मीद है कि चुनावी जीत से उसे एनडीए के भीतर अपनी स्थिति मजबूत करने में मदद मिलेगी।

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