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आज का मौसम (25 अक्टूबर 2024): बंगाल, ओडिशा और झारखंड में भारी बारिश के साथ ‘दाना’ तूफान का कहर जारी है; जानिए दिल्ली-NCR की स्थिति।

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चक्रवाती तूफान ‘दाना’ का असर देश के कई हिस्सों में नजर आ रहा। पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड समेत आस-पास के राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट है। बंगाल और ओडिशा में गुरुवार को भी कई इलाकों में जोरदार बरसात हुई। मौसम विभाग के मुताबिक, आज भी इन राज्यों में जोरदार बरसात के आसार हैं। ऐसे में मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी गई है। दक्षिण पूर्व रेलवे (एसईआर) ने अपने क्षेत्राधिकार से गुजरने वाली 170 से अधिक एक्सप्रेस और अन्य ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं। दिल्ली-एनसीआर में आज मौसम सामान्य रहेगा। दिन में धूप के साथ हवा का असर नजर आएगा। जानिए दूसरे राज्यों में कैसा रहेगा मौसम।

ओडिशा में दाना तूफान का असर, कई इलाकों में भारी बारिश

ओडिशा के तटीय इलाकों में भारी बारिश का दौर जारी है। तूफानी हवाएं चलने से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। आईएमडी के मुताबिक, ओडिशा के तट पर शुक्रवार तड़के सुबह चक्रवाती तूफान दाना का कोहराम नजर आ जा सकता है। इस दौरान यहां हवा की रफ्तार 120 किलोमीटर प्रति घंटा तक हो सकती है।

बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना चक्रवाती तूफान ‘दाना’ पिछले छह घंटे के दौरान 12 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उत्तर-उत्तरपश्चिम की ओर बढ़ा है। तूफान की वजह से राज्य के भद्रक, बालासोर, जाजपुर, कटक, खुर्दा, जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा और पुरी के कुछ हिस्सों में दिन में 30-40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने के साथ मध्यम से तेज बारिश होने और गरज के साथ तूफान आने की संभावना है।

झारखंड के कई हिस्सों में भारी बारिश के आसार

चक्रवाती तूफान ‘दाना’ के प्रभाव से झारखंड के कई हिस्सों में आज भारी से बहुत भारी बारिश के आसार हैं। कोल्हान क्षेत्र (पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां और पूर्वी सिंहभूम जिला में आज के लिए ‘ऑरेंज’ अलर्ट जारी किया गया है। रांची मौसम विज्ञान केंद्र के प्रभारी अभिषेक आनंद ने कहा कि भारी बारिश के अलावा, क्षेत्र में गरज के साथ बारिश हो सकती है और 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं भी चल सकती हैं।

पश्चिम बंगाल में भारी बारिश से बिगड़े हालात

पश्चिम बंगाल के कई जिलों में गुरुवार सुबह से ही मध्यम से भारी तीव्रता की बारिश हुई। चक्रवाती तूफान ‘दाना’ का असर राज्य में साफ नजर आ रहा। उत्तर-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी में 90-100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तूफानी हवाएं चल रही हैं जो बढ़कर 110 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती हैं। बंगाल के तटीय जिलों में आज सुबह से ही भारी बारिश के साथ तेज हवाएं चने का अलर्ट है।

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Himachal Pradesh Weather News : उच्च इलाकों में बारिश और बर्फबारी की संभावना, डिंफुक में न्यूनतम तापमान -21 डिग्री तक पहुंचा।

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मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार, हिमाचल प्रदेश के पांच जिलों के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में आज और कल हल्की बारिश-बर्फबारी की संभावना जताई गई है। लाहौल-स्पीति, चंबा, किन्नौर, कांगड़ा और कुल्लू जिलों में मौसम का मिजाज बदलने के आसार हैं, जबकि प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में आगामी सात दिनों तक मौसम साफ रहेगा। 4 दिसंबर से पूरे राज्य में मौसम के साफ होने की संभावना है। उधर, मनाली-लेह नेशनल हाईवे-03 पर दारचा-सरचू के बीच ताजा बर्फबारी और सड़क पर ब्लैक आइस जमने के कारण इस मार्ग को यातायात के लिए बंद कर दिया गया है। साथ ही, कोकसर-लोसर सड़क भी बंद है, लेकिन दारचा-शिंकुला सड़क पर वाहनों की आवाजाही सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक निर्धारित की गई है।

लाहौल के लोग कड़ाके की ठंड से जूझ रहे हैं।
जनजातीय जिले लाहौल-स्पीति में कड़ाके की ठंड से लाहौलवासी परेशान हैं। दिन को शीतलहर चल रही है। समुद्रतल से 13,050 फीट ऊंचे रोहतांग दर्रा से सटे डिंफुक और कोकसर में जिंदगी जाम होने लगी है। रात को डिंफुक का न्यूनतम तापमान शून्य से 21 डिग्री नीचे और कोकसर में शून्य से 16 डिग्री सेल्सियस नीचे लुढ़क रहा है। रोहतांग दर्रा में पिछले दिनों हुई ताजा बर्फबारी के बाद तापमान लगातार गिरता जा रहा है। इस कारण घाटी के नालों और नलों का पानी जमना शुरू हो गया है। कोकसर में सैलानियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। सैलानी नालों में जमी बर्फ को देखने के लिए पहुंच रहे हैं। साथ ही रोहतांग दर्रा व घाटी की ऊंची चोटियों में बर्फ की सफेदी का लुत्फ उठा रहे हैं। पर्यटन कारोबारियों के साथ सैलानियों को बर्फबारी का इंतजार कर रहे हैं।

कहां कितना न्यूनतम तापमान 
शिमला में न्यूनतम तापमान 8.2, सुंदरनगर 4.7, भुंतर 2.6, कल्पा -0.8, धर्मशाला 9.0, ऊना 5.2, नाहन 10.1, पालमपुर 5.5, सोलन 3.5, मनाली 3.1, कांगड़ा 6.5, मंडी 5.5, बिलासपुर 6.3, जुब्बड़हट्टी 8.2, कुकुमसेरी -6.2, भरमाैर 4.6, सेऊबाग 2.3, धाैलाकुआं 7.1, बरठीं 3.8, समदो -3.9, सराहन 7.0, देहरा गोपीपुर 9.0 व ताबो में -6.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।

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12 दिवसीय जलवायु सम्मेलन के दौरान, मेज़बान देश ने सभी भागीदार देशों से जलवायु वित्त के नए लक्ष्यों पर उत्पन्न मतभेदों को तत्काल सुलझाने की अपील की, ताकि प्रभावी और समन्वित प्रयासों से जलवायु संकट का समाधान सुनिश्चित किया जा सके।

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जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (यूएनएफसीसीसी) के तहत 29वां COP-29 सम्मेलन 11 से 22 नवंबर तक अजरबैजान के बाकू में आयोजित होगा। यह सम्मेलन जलवायु संकट के प्रभावों से निपटने और वैश्विक तापमान में वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए त्वरित और ठोस कदम उठाने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है, जब चरम मौसम घटनाएं और अत्यधिक तापमान पूरी दुनिया को प्रभावित कर रहे हैं।

जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (यूएनएफसीसीसी) के तहत 29वां COP-29 सम्मेलन 11 से 22 नवंबर तक अजरबैजान के बाकू में आयोजित होगा। इस वर्ष के सम्मेलन के मेज़बान अजरबैजान ने सोमवार को सभी देशों से लंबित जलवायु मुद्दों को तत्काल सुलझाने की अपील की, विशेष रूप से विकासशील देशों को जलवायु संकट से निपटने के लिए नए जलवायु वित्त लक्ष्य पर सहमति बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उद्घाटन सत्र में COP-29 के अध्यक्ष मुख्तार बाबायेव ने चेतावनी दी कि मौजूदा नीतियां दुनिया को 3 डिग्री सेल्सियस तापमान वृद्धि की ओर धकेल रही हैं, जो अरबों लोगों के लिए विनाशकारी साबित हो सकती है।

यह सम्मेलन देशों के लिए पेरिस समझौते के तहत अपनी अद्यतन राष्ट्रीय जलवायु कार्रवाई योजनाओं को प्रस्तुत करने का महत्वपूर्ण अवसर होगा, जिन्हें 2025 की शुरुआत तक प्रस्तुत करना अनिवार्य है। यदि इन योजनाओं का सही ढंग से कार्यान्वयन किया गया, तो ये वैश्विक तापमान वृद्धि को पूर्व-औद्योगिक स्तरों से 1.5 डिग्री सेल्सियस के भीतर सीमित रखने में सहायक हो सकती हैं।

COP की पहली बैठक
कोप (कॉन्फ्रेंस ऑफ द पार्टीज़) की पहली बैठक मार्च 1995 में जर्मनी के बर्लिन में आयोजित हुई थी। यह सम्मेलन जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (यूएनएफसीसीसी) के पक्षकारों का वार्षिक समागम है। “पार्टीज़” उन देशों को कहा जाता है जिन्होंने 1992 में यूएन जलवायु समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।

कार्बन ऑफसेट्स क्या हैं?
कार्बन ऑफसेट क्रेडिट एक प्रमाणपत्र होता है, जो किसी विशेष स्थान या प्रोजेक्ट के माध्यम से ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी को प्रमाणित करता है। कई सरकारें और कंपनियां अपने जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने के लिए सीधे उत्सर्जन में कमी लाने में सक्षम नहीं होतीं। ऐसे में, वे कार्बन ऑफसेट क्रेडिट के माध्यम से ऐसे प्रोजेक्ट्स को वित्तीय सहायता प्रदान करती हैं, जो सौर ऊर्जा पैनल लगाने, वृक्षारोपण करने जैसी गतिविधियों से उत्सर्जन को कम करते हैं।

पेरिस समझौते के अनुच्छेद 6 का महत्व
2015 में पेरिस समझौते के तहत, 200 देशों ने वैश्विक औसत तापमान वृद्धि को 2 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने और इसे 1.5 डिग्री सेल्सियस के भीतर रखने का संकल्प लिया। इस समझौते का अनुच्छेद 6 विशेष रूप से विकासशील देशों को जलवायु वित्त मुहैया कराने के लिए एक महत्वपूर्ण तंत्र के रूप में माना जाता है, जो देशों को अपने कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए सहयोग और व्यापार की अनुमति देता है।

अनुच्छेद 6.2: यह प्रावधान देशों के बीच सीधे कार्बन ऑफसेट्स के व्यापार के लिए शर्तें तय करने की अनुमति देता है, जिससे वे अपने जलवायु लक्ष्यों को प्रभावी ढंग से पूरा कर सकते हैं।

अनुच्छेद 6.4: इस अनुच्छेद के तहत एक केंद्रीय प्रणाली की स्थापना की जाती है, जिसे संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रबंधित किया जाएगा, ताकि देशों और कंपनियों को कार्बन ऑफसेट्स खरीदने और बेचने की सुविधा मिल सके। इसका उद्देश्य ऑफसेट व्यापार को अधिक मानकीकृत और पारदर्शी बनाना है, ताकि यह प्रक्रिया सभी देशों और निगमों के लिए समान रूप से सुलभ हो।

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बिहार का मौसम 27 अक्टूबर 2024: 30 अक्टूबर तक कैसा रहेगा मौसम का मिजाज, जानें वेदर अपडेट्स

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बिहार मौसम न्यूज 27 October 2024: पश्चिम बंगाल और ओडिशा में आए चक्रवाती तूफान दाना के कारण बिहार में मौसम बदल गया है। पिछले 24 घंटों में तापमान में गिरावट आई है। अगले 12 घंटों में हल्की बारिश या बूंदाबांदी की संभावना है। 30 अक्टूबर तक हल्के बादल और बारिश हो सकती है।

बिहार का मौसम 27 अक्टूबर 2024: चक्रवाती तूफान ‘दाना’ के कारण बिहार में दिवाली से पहले ही मौसम बदल गया है। पश्चिम बंगाल और ओडिशा में आए इस तूफान की वजह से बिहार के कई जिलों में लगातार दो दिनों से बादल छाए हुए हैं और हल्की बारिश हो रही है। शनिवार को तूफान का असर और भी अधिक दिखा, जिससे तापमान में 7 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज की गई।

कई जगहों पर गिरा पारा

मौसम विभाग के मुताबिक, शनिवार को सबसे अधिक तापमान 26 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 5.1 डिग्री सेल्सियस कम है। वहीं, सबसे कम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 2 डिग्री सेल्सियस कम है। गुरुवार से ही मौसम में बदलाव के संकेत मिलने लगे थे और शनिवार को इसका असर साफ दिखाई दिया। अगले 12 घंटों तक हल्की बारिश या बूंदाबांदी होने की आशंका है।

30 अक्टूबर तक ऐसे ही रहेगा मौसम

मौसम विभाग ने 30 अक्टूबर तक के लिए मौसम का अनुमान जारी किया है। इसमें बताया गया है कि 30 अक्टूबर तक हर दिन 12 से 24 घंटे के बीच आसमान में हल्के बादल छाए रह सकते हैं। कुछ जगहों पर हल्की बारिश या बूंदाबांदी भी हो सकती है। हालांकि, आज मौसम शुष्क रहने की उम्मीद है। इस दौरान अधिकतम तापमान 30 से 33 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है। 10 से 15 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पूरब की ओर हवा चलने की भी संभावना है।

चल रही है ठंडी हवा

मौसम में आए इस बदलाव के कारण दिन भर ठंडी हवा चल रही है। मौसम सुहावना हो गया है। शाम चार बजे के बाद से घने बादलों के कारण सड़कों पर रोशनी कम हो जाती है। इस वजह से बाजार और हाईवे पर चलने वाले वाहनों को लाइट जलाकर चलना पड़ रहा है। बता दें कि मौसम विभाग ने चक्रवाती तूफान ‘दाना’ को लेकर पहले ही चेतावनी जारी कर दी थी। उन्होंने बताया था कि तूफान की गति 100 से 120 किलोमीटर प्रति घंटे तक हो सकती है। अब इस तूफान का असर बिहार के कई जिले में दिखाई देने लगा है।

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