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Bihar News: भाजपा-जदयू के बीच नेतृत्व को लेकर टकराव, लालू के न्योते और नीतीश की मुस्कान से सियासी हलचल तेज।

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बिहार में राजग में नेतृत्व को लेकर भाजपा-जदयू के बीच गुत्थी उलझ गई है। गठबंधन में उत्पन्न उलझन के बीच राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने नीतीश को महागठबंधन में वापस आने का न्योता दे दिया। लालू के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मुस्कुराहट ने राज्य की सियासी तपिश बढ़ा दी है।
हालांकि, लालू के नीतीश को दिए न्योते को उनके पुत्र तेजस्वी यादव ने सिरे से नकार दिया। इस सारे घटनाक्रम की वजह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की वह टिप्पणी है, जिसमें उन्होंने कहा था कि मुख्यमंत्री पद का चेहरा राजग के घटक दल मिल बैठ कर तय करेंगे।

दरअसल, राजग में जारी उठापटक का मुख्य कारण इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में बड़े भाई की भूमिका और नेतृत्व को लेकर है। जदयू चाहता है कि भाजपा पहले की भांति राज्य में न सिर्फ जदयू को बड़े भाई की भूमिका दे, बल्कि नेतृत्व के संबंध में भी स्थिति पूरी तरह से स्पष्ट करे। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि गृह मंत्री के बयान से भ्रम की स्थिति पैदा हुई है। नीतीश स्वाभाविक रूप से राज्य में गठबंधन का चेहरा हैं। इसे सभी को स्वीकार करना चाहिए।

नीतीश के अलग-थलग पड़ने का इंतजार कर रहे तेजस्वी
नीतीश को लालू के प्रस्ताव और बेटे तेजस्वी के सिरे से खारिज करने की भी अपनी वजह है। दरअसल, तेजस्वी चाहते हैं कि राजग की अंदरूनी लड़ाई में नीतीश अलग-थलग पड़ जाएं। अगर नीतीश कमजोर होकर महागठबंधन में नहीं आएंगे तो महागठबंधन का नेतृत्व फिर से उन्हीं के हाथ में होगा। यही कारण है कि उन्होंने अपने पिता के बयान के उलट कहा कि महागठबंधन में नीतीश के लिए कोई जगह नहीं है।

हम राजग में हैं, राजग में ही रहेंगे- ललन…
जदयू सांसद और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने कहा कि हम लोग राजग में हैं और राजग में ही रहेंगे। महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि लालू के सपने ही रहेंगे, पूरे नहीं होंगे।

महाराष्ट्र फॉर्मूले का सता रहा है डर
जदयू के नेताओं का मानना है कि अगर अभी से चेहरा तय नहीं किया गया तो भाजपा बिहार में भी महाराष्ट्र का फॉर्मूला अपना सकती है। महाराष्ट्र में भाजपा ने पहले शिवसेना के एकनाथ शिंदे को सीएम बनाया लेकिन चुनाव बाद उन्हें किनारे कर देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बना दिया। इसलिए जदयू चाहती है कि भाजपा सार्वजनिक रूप से चेहरे के रूप में नीतीश का नाम घोषित करे।

सीट बंटवारा भी बड़ा सवाल
इस बार राजग में घटक दलों की संख्या ज्यादा है। बीते चुनाव में भाजपा का जदयू, हम और वीआईपी से समझौता था। इस बार नए घटक के रूप में उपेंद्र कुशवाहा और चिराग पासवान की पार्टी भी है। वीआईपी भी साथ आ सकती है। बीते चुनाव में जदयू 115, भाजपा 110 सीटों पर लड़ी थी, जबकि घटक दलों के हिस्से 18 सीटें आई थीं। जदयू इस चुनाव में भी गठबंधन का बड़ा भाई होने का संदेश देने के लिए सबसे अधिक सीटें चाहती है, जबकि हरियाणा और महाराष्ट्र में बेहतर प्रदर्शन से उत्साहित भाजपा बड़े भाई की भूमिका हासिल करना चाहती है।

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Bihar Politics: बिहार में जीतन राम मांझी ने BJP पर की कड़ी टिप्पणी, क्या चुनाव से पहले मचेगा सियासी बवाल?

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बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले सीट शेयरिंग को लेकर सियासी बवाल मच गया है। इस बार दिल्ली में सीट शेयरिंग को लेकर केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। जीतन राम मांझी ने मीडिया के सामने खुलआम ऐसी बात कह दी जो कि एनडीए खेमे के लिए शुभ संकेत नहीं है। बीजेपी की मुश्किलें पैदा हो सकती है।

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले एक बार फिर से  प्रदेश की सियासत गरम हो गई है। इस बार हम के नेता और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने मोर्चा खोल दिया है।  दिल्ली में टिकट नहीं मिलने से वह बीजेपी के खिलाफ आगबबूला हो गए हैं। उन्होंने मीडिया के सामने खुलआम ऐसी बात कह दी जो कि एनडीए खेमे के लिए शुभ संकेत नहीं है।

भाजपा के खिलाफ बुरी तरह भड़के जीतन राम मांझी

दरअसल, दिल्ली में चिराग पासवान और नीतीश कुमार की पार्टी को भाजपा ने सीट में हिस्सेदारी दे दी लेकिन जीतन राम मांझी को एक भी सीट नहीं दी गई। अब इसके बाद सियासी संग्राम छिड़ गया है। मीडिया ने जीतन राम मांझी से इसे लेकर सवाल पूछ दिया। फिर क्या था जीतन राम मांझी बुरी तरह भड़क गए और ऐसी बात कह दी कि भाजपा के लिए मुश्किल पैदा कर सकती है।

बिहार में दिखाएंगे औकात: जीतन राम मांझी

जीतन राम मांझी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि झारखंड में भी हमारी औकात नहीं थी, दिल्ली में भी हमारी औकात नहीं है लेकिन बिहार में हम अपनी औकात दिखाएंगे। अब मांझी के बयान से एनडीए नेताओं की टेंशन बढ़ा दी है।

अब इस बयान से ऐसा लगा रहा है कि कहीं जीतन राम मांझी विधानसभा चुनाव से पहले कोई खेला नहीं कर दें। बता दें कि जीतन राम मांझी को झारखंड चुनाव में भी सीट नहीं दी गई थी जिसके बाद उस समय भी वह नाराज हो गए थे लेकिन अब जब उन्हें दिल्ली में टिकट नहीं मिला तो और अधिक नाराज हो गए।

दिल्ली में कब है चुनाव, परिणाम कब आएंगे

  • दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए 5 फरवरी को मतदान है।
  • 8 फरवरी को दिल्ली विधानसभा चुनाव के रिजल्ट आएंगे ।
  • 7वें विधानसभा का कार्यकाल 15 फरवरी को खत्म हो जाएगा।
  • आम आदमी पार्टी के साथ-साथ बीजेपी और कांग्रेस चुनावी मैदान में उतर चुकी है।
  • नीतीश कुमार और चिराग पासवान की पार्टी को भी सीट मिली।
  • सीट नहीं मिलने से जीतनराम मांझी नाराज हो गए।
  • दिल्ली में जीत के लिए 36 सीटों की जरूरत होगी।
  • दिल्ली में कुल 1 करोड़ 55 लाख 24 हजार 858 वोटर हैं।
  • इनमें कुल पुरुष वोटर्स 83 लाख तो वहीं महिला वोटर्स की संख्या 71 लाख हैं।
  • 2015 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 70 में से 67 सीटों पर जीत हासिल की थी

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Bihar News: पटना सचिवालय के स्टाफ की बहू ने की आत्महत्या, सरकारी आवास में फांसी से लटकी मिली लाश।

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Patna News: पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस ने एफएसएल की टीम को भी जांच के लिए बुलाया है। यूडी केस दर्ज कर मामले में की जांच कर रही है।

पटना सचिवालय के एक कर्मचारी की बहू ने सुसाइड कर लिया। गर्दनीबाग थाना अंतर्गत सचिवालय क्वार्टर A7 के फ्लैट संख्या 212 के कमरे में फंदे से उसकी लाश बरामद हुई है। घटना के बाद इलाके में हड़कंप मच गया। आसपास के लोगों की भीड़ लग गई। इधर, सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस ने एफएसएल की टीम को भी जांच के लिए बुलाया है। 

पुलिस का कहना है कि प्रथम दृष्टया आत्महत्या की बात सामने आ रही है। ससुरालवालों से पूछताछ चल रही है। मृत महिला की पहचान सीतामढ़ी निवासी अंजलि कुमारी (24) के रूप में हुई है। पुलिस यूडी केस दर्ज कर मामले में की जांच कर रही है। आसपास के लोगों का कहना है कि आठ महीना पहले अंजलि की शादी सचिवालय कर्मी के बेटे चंदन कुमार से हुई थी। आज अचानक उसकी आत्महत्या की खबर सुनकर हमलोग दंग रह गए। 

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Bihar News: देशभर के पीठासन पदाधिकारी विधानमंडल में करेंगे संवैधानिक मूल्यों पर विचार-विमर्श, पढ़ें मुख्य जानकारी।

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All India Presiding Officer Conference: अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी  सम्मेलन के दौरान संवैधानिक मूल्यों को सुदृढ़ करने में संसद और विधायी  निकायों के योगदान’ विषय पर संवाद भी होगा। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला संसदीय पद्धति एवं प्रक्रिया के आठवें संस्करण का विमोचन करेंगे

43 साल बाद बिहार अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन की मेजबाजी कर रहा है। इस सम्मेलन में शामिल होने के लिए देश भर पीठासीन पदाधिकारी पटना पहुंच चुके हैं। वहीं लोक सभा के अध्यक्ष ओम बिरला नई दिल्ली से पटना पहुंच गये हैं। लोकसभा अध्यक्ष आज बिहार विधान मंडल परिसर में 85वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी  सम्मेलन का शुभारंभ करेंगे। अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी  सम्मेलन के दौरान संवैधानिक मूल्यों को सुदृढ़ करने में संसद और विधायी  निकायों के योगदान’ विषय पर संवाद भी होगा। संविधान की 75वीं वर्षगांठ को लेकर विचार-विमर्श के लिए विषय का चयन किया गया है। 

इधर, लोकसभा अध्यक्ष के अलावा उपाध्यक्ष, उपसभापति, सभी राज्यों के विधानसभा अध्यक्ष, विधान परिषद् सभापति पटना पहुंच चुके हैं। आज ही ओम बिरला संसदीय पद्धति एवं प्रक्रिया के आठवें संस्करण का विमोचन करेंगे। इसके अलावा वह 21 जनवरी को बिहार विधानमंडल परिसर में नेवा (राष्ट्रीय ई-विधान एप्लीकेशन) सेवा का भी शुभारंभ करेंगे। 

आज के कार्यक्रम के बात करें तो सत्र की शुरुआत सेंट्रल हॉल में विमर्श सभा वेश्म से होगा। विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव अपना संबोधन देंगे। इसके बाद दोपहर में डॉक्यूमेंट्री फिल्म दिखाई जाएगी। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और डिप्टी सीएम विजय सिन्हा, सम्राट चौधरी भी अपना संबोधन देंगे। राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश सभा को संबोधित करेंगे। इसके बाद लोग सभा अध्यक्ष ओम बिरला अपना संबोधन देंगे। इधर, अतिथियों के लिए शाम में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होगा। 

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